Weather Update: भारत का मौसम दो अलग-अलग रंग दिखा रहा है। एक तरफ पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून से पहले की बारिश ने किसानों और आम लोगों को गर्मी से राहत दी है। दूसरी तरफ उत्तर-पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत में भीषण गर्मी और लू ने खेती-किसानी से लेकर रोजमर्रा की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। मौसम का ये उतार-चढ़ाव फसलों, मंडी के दामों और किसानों की मेहनत पर सीधा असर डाल रहा है। आइए, जानते हैं मौसम की ताजा हालत और इसका खेती पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
बारिश ने दी राहत
पूर्वोत्तर भारत के असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाकों में पिछले कुछ दिनों से अच्छी बारिश हो रही है। ये बारिश खरीफ फसलों जैसे धान और मक्का के लिए वरदान साबित हो रही है। पंजाब और हरियाणा में भी मॉनसून से पहले की हल्की-फुल्की बारिश ने गर्मी से राहत दी और गेहूं की कटाई के बाद खेतों को तैयार करने में मदद की।
मुंबई और दक्षिण भारत के केरल, तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश में शनिवार को तेज बारिश हुई। मुंबई में सुबह की बौछारों ने उमस को कम किया, और मौसम विभाग ने रविवार को भी गरज-चमक के साथ बारिश की भविष्यवाणी की है। किसानों का कहना है कि ये बारिश सब्जियों और फलों की फसलों को ताजगी दे रही है, जिससे मंडी में अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
कहां कहर ढा रही है लू?
जहां बारिश ने कुछ इलाकों में राहत दी, वहीं राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के कई हिस्से भीषण गर्मी और लू की मार झेल रहे हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा में तापमान 46.2 डिग्री तक पहुंच गया, जो फसलों और किसानों दोनों के लिए मुसीबत बन गया। राजस्थान और यूपी में लू की चेतावनी जारी है, और दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ व पंजाब में तापमान 41 से 45 डिग्री के बीच रहा।
हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे पहाड़ी इलाकों में भी 35 से 41 डिग्री की गर्मी पड़ रही है, जो आमतौर पर ठंडे रहने वाले इन इलाकों के लिए अनोखा है। इस गर्मी ने सब्जियों, फलों और खरीफ की शुरुआती फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे किसानों को मंडी में कम दाम मिलने का डर सता रहा है।
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तेज हवाएं और ओलावृष्टि बनीं मुसीबत
मौसम का मिजाज सिर्फ गर्मी और बारिश तक सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में पिछले 24 घंटों में 40-90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। कुछ जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई, जिसने गेहूं, सब्जियों और फलों की फसलों को नुकसान पहुंचाया। बिहार और ओडिशा में बिजली गिरने की घटनाओं ने हालात को और बिगाड़ दिया। ओडिशा में 9 और बिहार में 3 लोगों की जान चली गई। बिहार के सहरसा जिले में चक्रवाती तूफान ने 100 से ज्यादा परिवारों को बेघर कर दिया। किसानों का कहना है कि ऐसी घटनाएं फसल के साथ-साथ उनकी मेहनत को भी बर्बाद कर रही हैं।
आने वाले दिनों का हाल
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 3-4 दिन उत्तर प्रदेश और राजस्थान में लू का कहर जारी रहेगा, और तापमान 45 डिग्री तक जा सकता है। पूर्वोत्तर भारत में अगले 5-6 दिन आंधी-तूफान और भारी बारिश की संभावना है, जो धान और मक्का जैसी फसलों के लिए अच्छी खबर है। झारखंड में बंगाल की खाड़ी से नमी की वजह से तेज हवाओं और बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में भी गरज-चमक के साथ बारिश जारी रहेगी। किसानों को सलाह दी जा रही है कि वो फसलों को ओलावृष्टि और तेज हवाओं से बचाने के लिए शेडनेट या अन्य उपाय अपनाएं।
किसानों पर मौसम का असर
मौसम का ये दोहरा रंग किसानों के लिए चुनौती और अवसर दोनों लेकर आया है। जहां बारिश ने खरीफ की बुवाई को आसान बनाया, वहीं गर्मी और लू ने सब्जियों और फलों की क्वालिटी पर असर डाला। ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने कई इलाकों में फसलों को नुकसान पहुंचाया, जिससे मंडी में कम दाम मिलने का खतरा बढ़ गया। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को मृदा जांच, ड्रिप इरिगेशन और जैविक खेती जैसे तरीके अपनाने चाहिए, ताकि मौसम की मार से बचा जा सके। सरकार की फसल बीमा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाकर भी नुकसान को कम किया जा सकता है।
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