हर साल किसानों की मेहनत उस वक्त मिट्टी में मिल जाती है, जब फसलों में कीट और रोग लग जाते हैं। इससे ना सिर्फ पैदावार घटती है, बल्कि किसानों की कमाई भी बुरी तरह प्रभावित होती है। ऐसे में बिहार सरकार किसानों की इस परेशानी को गंभीरता से लेते हुए लगातार कदम उठा रही है ताकि फसलों को कीट और बीमारियों से बचाया जा सके।
राज्य के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जानकारी दी कि फसलों में कीट और रोगों, खरपतवार और अन्य जैविक समस्याओं की वजह से हर साल किसानों को 30 से 35 फीसदी तक का नुकसान होता है। इसे कम करने के लिए सरकार प्रभावी और सुरक्षित कीटनाशकों के प्रयोग पर जोर दे रही है।
इन कीटनाशकों पर लग चुका है पूरा प्रतिबंध
कृषि मंत्री ने बताया कि भारत सरकार के वनस्पति संग्रहण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय ने अब तक 49 कीटनाशकों के निर्माण, आयात और उपयोग पर पूरी तरह रोक लगा दी है। इनमें कर्बारिल, डाईक्लोरोभॉस, फेनथियान, फॉसफामिडान और फोरेट जैसे खतरनाक रसायन शामिल हैं। इनका उपयोग फसलों और पर्यावरण दोनों के लिए नुकसानदायक माना गया है।
इसके साथ ही 16 और कीटनाशकों के उपयोग पर आंशिक रोक लगाई गई है। इनमें एल्युमिनियम फॉस्फाइड, कार्बोफ्यूरान, क्लोरपाईरीफॉस, डाईमेथोएट, मालथियान, मोनोक्रोटोफॉस जैसे नाम शामिल हैं। इनमें से कुछ रसायनों को विशेष फसलों पर इस्तेमाल करना मना है। जैसे कि क्लोरपाईरीफॉस का बेर, नींबू और तंबाकू पर और डाईमेथोएट का कच्चे फल और सब्जियों पर छिड़काव करना वर्जित है।
ड्रोन तकनीक से हो रहा है सुरक्षित छिड़काव
सरकार ने कीटनाशकों के छिड़काव में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने की दिशा में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देना शुरू किया है। ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव ना सिर्फ सटीक और संतुलित होता है, बल्कि इससे समय, श्रम और पानी की भी बचत होती है। इससे किसानों को ज्यादा उपज और बेहतर गुणवत्ता की फसल मिल रही है, जिससे उनकी आमदनी में इजाफा हो रहा है।
राज्य सरकार कीटनाशी दुकानों और किसानों को समय-समय पर प्रशिक्षण भी दे रही है। इन प्रशिक्षणों में किसानों को कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग, सही भंडारण, प्रभाव, विकल्प और संभावित नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। साथ ही प्रतिबंधित कीटनाशकों से जुड़ी जानकारी देकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे पुराने खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल ना करें।
फसलों को कीट और रोगों से बचाना अब सिर्फ किसान की जिम्मेदारी नहीं रही, बल्कि सरकार भी इसमें पूरी मदद कर रही है। बिहार सरकार की यह पहल किसानों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच बनकर उभर रही है। प्रतिबंधित कीटनाशकों की सूची, ड्रोन तकनीक का प्रोत्साहन और जागरूकता कार्यक्रम किसानों को नई दिशा देने का काम कर रहे हैं।
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