सरकार कर रही 100% दलहन की खरीदी, तुरंत यहां कराएं रजिस्ट्रेशन

Pulses Procurement: किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने वादा किया है कि अगले चार साल, यानी 2028-29 तक, अरहर, उड़द और मसूर की फसल सीधे खरीदी जाएगी। यह खबर उन मेहनती किसानों के लिए है, जो दालों की खेती करते हैं, लेकिन बाज़ार में सही दाम न मिलने से परेशान रहते हैं। अब सरकार खुद आपकी फसल को अच्छे दाम पर लेगी, ताकि आपकी मेहनत का पूरा फायदा मिले। आइए, जानते हैं कि यह योजना क्या है और इसका फायदा कैसे उठाना है।

सरकार की योजना से मुनाफा

केंद्र सरकार चाहती है कि दालों की खेती को और बढ़ावा मिले। इसलिए उसने फैसला किया है कि अरहर, उड़द और मसूर को अगले चार साल तक खरीदा जाएगा। इस बार खरीफ सीजन 2024-25 में कई राज्यों के किसानों को बड़ा फायदा होने वाला है। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 13 लाख टन से ज़्यादा अरहर की खरीद होगी। यह सब इसलिए, ताकि दालों की पैदावार बढ़े और हमें विदेशों से दालें न मंगानी पड़ें। अब किसानों को अपनी फसल की चिंता करने की ज़रूरत नहीं सरकार ने कहा है कि वह पूरी फसल तय दाम पर लेगी।

फसल का पूरा दाम मिलेगा

आपके मन में सवाल होगा कि इस योजना से कितना फायदा होगा। सरकार ने दालों के दाम अच्छे रखे हैं। अरहर 7550 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द 7400 रुपये प्रति क्विंटल, और मूंग 8682 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बिकेगी। यानी अगर आप इन फसलों को उगाते हैं, तो आपको बाज़ार में सस्ते दाम पर बेचने की मजबूरी नहीं रहेगी। सरकार सीधे आपसे खरीदेगी, और मेहनत का पूरा पैसा आपके हाथ में आएगा। यह योजना खासकर उन छोटे किसानों के लिए वरदान है, जो बिचौलियों की वजह से घाटा सहते हैं। अब आपकी फसल का सही दाम पक्का है।

नाम कैसे लिखवाएँ

इस योजना का फायदा लेने के लिए आपको सरकार के पोर्टल पर अपना नाम लिखवाना होगा। इसके लिए नाफेड का ई-समृद्धि या एनसीसीएफ का ई-संयुक्ति पोर्टल है। अगर आपको इंटरनेट चलाने में दिक्कत हो, तो अपने नज़दीकी कृषि केंद्र या सहकारी समिति में जाइए। वहाँ लोग आपको बताएंगे कि फॉर्म कैसे भरना है। सरकार के कृषि मंत्री ने किसानों से कहा है कि जल्दी नाम लिखवाएँ, ताकि फसल सही समय पर सही दाम पर बिक जाए। अपने आसपास के किसान भाइयों को भी इसकी खबर दें, ताकि सबकी कमाई बढ़े।

दालों की खेती से नई उम्मीद

यह योजना सिर्फ फसल खरीदने की बात नहीं, बल्कि किसानों की ज़िंदगी बेहतर करने की बात है। जब आपको दालों का अच्छा दाम मिलेगा, तो घर में खुशहाली आएगी। बच्चे अच्छे स्कूल जाएंगे, और खेती में नई तकनीक लाने का हौसला बढ़ेगा। सरकार का यह कदम दिखाता है कि अगर हम मेहनत करें, तो उसका फल ज़रूर मिलेगा। तो देर न करें—अरहर, उड़द या मसूर की बुवाई शुरू करें और इस योजना से अपनी कमाई बढ़ाएँ। अपने खेत को दालों का खज़ाना बनाएँ, ताकि हमारा देश दालों के लिए किसी और पर निर्भर न रहे।

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  • Shashikant

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