MP की लाडली बहनों के लिए खुशखबरी! 16 तारीख नहीं, अब इस दिन आएंगे खाते में पैसे

Ladli Behna Yojana: मध्य प्रदेश की बहनों के लिए खुशखबरी है! इस बार लाड़ली बहना योजना की जुलाई 2025 की किस्त हर महीने की 16 तारीख की बजाय 12 तारीख को ही आपके बैंक खाते में आ जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसकी घोषणा की है, और इससे राज्य की 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों को सीधा फायदा होगा। साथ ही, अगस्त में रक्षाबंधन के मौके पर 1250 रुपये की राशि के साथ 250 रुपये की अतिरिक्त मदद भी दी जाएगी। इसके अलावा, मछुआरों और मत्स्य पालन से जुड़े लोगों के लिए भी 12 जुलाई को भोपाल में होने वाले निषादराज सम्मेलन में अच्छी खबर लाई है। आइए जानते हैं कि ये दोनों योजनाएँ आपके लिए कैसे फायदेमंद हैं।

लाड़ली बहना योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने दो साल पहले लाड़ली बहना योजना शुरू की थी, जिसका मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से मज़बूत करना और उनके स्वास्थ्य व पोषण में सुधार लाना है। इस योजना में 21 से 60 साल की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा, या परित्यक्ता महिलाएँ, जो मध्य प्रदेश की निवासी हैं और जिनके परिवार में कोई आयकर दाता नहीं है, हर महीने 1250 रुपये की आर्थिक मदद पाती हैं।

अब तक 25 किस्तें जारी हो चुकी हैं, और हर महीने 1550 करोड़ रुपये से ज़्यादा राशि 1.27 करोड़ बहनों के खातों में भेजी जाती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि दीपावली 2025 के बाद ये राशि बढ़कर 1500 रुपये हो जाएगी, और 2028 तक इसे 3000 रुपये करने का वादा किया गया है। इस बार जुलाई की किस्त 12 जुलाई को समय से पहले ट्रांसफर होगी, जो बहनों के लिए त्योहार से पहले तोहफा है।

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रक्षाबंधन पर विशेष तोहफा

इस साल अगस्त में रक्षाबंधन के मौके पर सरकार ने लाड़ली बहनों को खास सौगात देने का ऐलान किया है। हर महीने की 1250 रुपये की किस्त के साथ 250 रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। यानी बहनों को कुल 1500 रुपये मिलेंगे। ये राशि सीधे उनके बैंक खातों में जाएगी, जिससे त्योहार की खुशियाँ और बढ़ जाएँगी। सरकार ने ये भी साफ किया है कि ये योजना बंद नहीं होगी, और बजट में इसके लिए 18669 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे साफ है कि मध्य प्रदेश सरकार बहनों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

निषादराज सम्मेलन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मछुआरों और मत्स्य पालन से जुड़े लोगों के लिए भी बड़ा ऐलान किया है। 12 जुलाई 2025 को भोपाल में निषादराज सम्मेलन होगा, जो निषादराज जयंती के मौके पर मत्स्य पालन से जुड़े लोगों के कल्याण के लिए आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में मछुआरों की मेहनताना बढ़ाने, बोनस देने, और जलाशयों के किनारे आराम के लिए प्लेटफॉर्म बनाने की योजनाएँ बनेंगी। साथ ही, भोपाल में 5 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान बनाने की तैयारी है। ये कदम मछुआरों की ज़िंदगी को बेहतर बनाएगा और उनकी मेहनत को सम्मान देगा।

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क्यों है ये योजनाएँ खास?

लाड़ली बहना योजना से मध्य प्रदेश की महिलाएँ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के मुताबिक, राज्य में 23% महिलाएँ कुपोषण का शिकार हैं, और 54.7% को एनीमिया है। इस योजना से उनकी आर्थिक और स्वास्थ्य स्थिति सुधर रही है। वहीं, निषादराज सम्मेलन मत्स्य पालन से जुड़े लोगों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है। ये दोनों योजनाएँ गाँवों की अर्थव्यवस्था को मज़बूत कर रही हैं। अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं, तो अपने नज़दीकी ग्राम पंचायत या आंगनवाड़ी केंद्र से फॉर्म लें और आवेदन करें।

कैसे उठाएँ फायदा?

लाड़ली बहना योजना में आवेदन के लिए आपको समग्र आईडी के साथ ग्राम पंचायत, वार्ड कार्यालय, या कैंप स्थल पर फॉर्म जमा करना होगा। अगर आप पात्र हैं, तो हर महीने आपके खाते में राशि आएगी। वहीं, निषादराज सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अपने ज़िले के मत्स्य पालन विभाग से संपर्क करें। ये योजनाएँ गाँव की बहनों और मछुआरों के लिए सुनहरा मौका हैं।

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  • Rahul

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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