Tomato Farming : अब खेतों में गेहूँ की कटाई हो चुकी है और खेत खाली पड़े हैं। ऐसे में किसान भाई सोचते हैं कि अब क्या बोया जाए, जो जल्दी तैयार हो और अच्छा मुनाफा दे। गर्मी का मौसम है, और इस समय ऐसी फसल चाहिए, जो कम समय में बढ़िया कमाई करा दे। टमाटर की खेती इसका सबसे बढ़िया जवाब है। ये बेल वाला पौधा जल्दी तैयार होता है और बाज़ार में इसकी माँग हमेशा रहती है। चाहे गाँव हो या शहर, टमाटर हर घर की ज़रूरत है। तो आइए जानते हैं कि गर्मी में टमाटर की खेती कैसे कर सकते हैं, जिससे नुकसान कम और फायदा ज़्यादा हो।
खेत को ऐसे करें तैयार
टमाटर की खेती शुरू करने से पहले खेत की अच्छी तैयारी ज़रूरी है। गेहूँ की कटाई के बाद खेत को दो-तीन बार अच्छे से जुताई कर लें। इससे मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी और पौधों की जड़ें मज़बूत होंगी। जुताई के बाद खेत में गोबर की खाद या जैविक खाद अच्छे से मिला दें। इससे मिट्टी की ताकत बढ़ेगी और टमाटर के पौधों को पोषण मिलेगा। अगर मिट्टी में नमी कम हो, तो हल्की सिंचाई कर लें, ताकि पौधे लगाने में आसानी हो। खेत तैयार करने में थोड़ा वक्त लगेगा, लेकिन ये मेहनत आगे चलकर रंग लाएगी।
सही वैरायटी का करें चुनाव
टमाटर की खेती में सही बीज चुनना सबसे ज़रूरी है। हमारे देश में कई तरह की मिट्टी मिलती है, जैसे काली मिट्टी या हल्की बलुई मिट्टी। इनके लिए कुछ खास वैरायटी हैं, जो बढ़िया फल देती हैं। मिसाल के तौर पर, सेमनिज की आशुतोष वैरायटी, सिजेंटा की साहू, और बायर की अगस्ता वैरायटी बहुत अच्छी मानी जाती हैं। ये तीनों वैरायटी फलने-फूलने में तेज़ हैं और टमाटर का आकार भी अच्छा होता है। इनके फल मज़बूत होते हैं, जो बाज़ार में अच्छा दाम दिलाते हैं। अपने खेत की मिट्टी को देखकर इनमें से कोई एक चुन लें। अगर समझ न आए, तो नज़दीकी कृषि केंद्र से सलाह ले सकते हैं।
गर्मी और बारिश में ऐसे करें खेती
गर्मी में टमाटर की खेती करने का अपना मज़ा है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है। इस समय तापमान बढ़ जाता है, जिससे पौधे जल्दी सूख सकते हैं। इसलिए पौधों को नियमित पानी देते रहें, लेकिन ज़्यादा गीलापन भी न होने दें। टमाटर को आप कई तरीकों से उगा सकते हैं, जैसे नेट विधि, पॉली हाउस, या खुले खेत में। खुले खेत में खेती आसान है, लेकिन गर्मी और बारिश से पौधों को नुकसान हो सकता है। अगर बारिश का मौसम नज़दीक है, तो आलान विधि सबसे बढ़िया है। इसमें पौधों को ज़मीन से थोड़ा ऊपर बाँस या रस्सी के सहारे लटकाया जाता है। इससे बारिश में पौधे और फल गलने से बच जाते हैं, और फसल सुरक्षित रहती है।
आलान विधि से क्यों है फायदा
आलान विधि गर्मी और बारिश दोनों में टमाटर की खेती के लिए बहुत अच्छी है। इस तरीके में आप पौधों को ज़मीन पर फैलने देने की बजाय ऊपर की तरफ बढ़ने देते हैं। इसके लिए खेत में बाँस या लकड़ी के खूँटे गाड़कर उनके बीच रस्सी बाँध लें। टमाटर की बेल को इस रस्सी पर लपेटते जाएँ। इससे पौधे हवा में रहते हैं, और बारिश का पानी नीचे गिरने से फल खराब नहीं होते। साथ ही, धूप और हवा अच्छे से मिलती है, जिससे पौधे तंदुरुस्त रहते हैं। इस विधि में मेहनत थोड़ी ज़्यादा लगती है, लेकिन फसल का नुकसान कम होता है और मुनाफा ज़्यादा मिलता है।
फसल की देखभाल और मुनाफा
टमाटर की फसल को तैयार होने में ज़्यादा समय नहीं लगता। अगर आप अभी खेती शुरू करते हैं, तो दो-तीन महीने में फल आने लगेंगे। इस दौरान पौधों को कीड़ों और रोगों से बचाने के लिए समय-समय पर जाँच करते रहें। अगर पत्तियों पर धब्बे दिखें, तो नज़दीकी कृषि केंद्र से फफूंदनाशक दवा लेकर छिड़काव कर लें। साथ ही, खेत में खरपतवार न पनपने दें। जब टमाटर पकने लगें, तो उन्हें सावधानी से तोड़ें और बाज़ार में बेचें। टमाटर की माँग सालभर रहती है, इसलिए अच्छा दाम मिलना तय है। थोड़ी सी मेहनत और समझदारी से आप खाली खेत को सोने की खान बना सकते हैं।
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