पूसा की बनी ये जैविक खाद सभी खादों की ‘बाप’, बंजर ज़मीन भी उगलने लगेगी सोना

आजकल रासायनिक खादों और कीटनाशकों के बेतहाशा इस्तेमाल से खेतों की मिट्टी बंजर होती जा रही है। ज्यादा उत्पादन और मुनाफे की चाह में किसान खेतों में अंधाधुंध रसायन डाल रहे हैं, जिससे मिट्टी अम्लीय हो रही है और फसलों की पैदावार भी घटने लगी है। हालात इतने खराब हैं कि बिना रासायनिक खाद के बाजरा और ज्वार जैसी फसलें भी नहीं उग पा रही हैं। ऐसे में दिल्ली के पूसा वैज्ञानिकों ने एक बड़ी राहत दी है। उन्होंने चार प्रकार की जैविक खाद तैयार की हैं, जो बंजर जमीन को भी उपजाऊ बना सकती हैं।

चार प्रकार की जैविक खाद, बंजर जमीन के लिए वरदान

पूसा के वैज्ञानिकों ने पत्तों, गोबर, धान के अवशेषों और वर्मीकम्पोस्ट से चार तरह की जैविक खाद बनाई हैं। इनमें अलग-अलग सामग्री से बनी खाद के साथ-साथ एक मिश्रित खाद भी शामिल है। बायोमास यूटिलाइजेशन यूनिट के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. शिवाधर ने बताया कि ये खाद पूरी तरह जैविक हैं। गोबर, पत्तों, धान के अवशेष और वर्मीकम्पोस्ट को मिलाकर तैयार की गई ये खाद मिट्टी की सेहत सुधारने में कमाल कर सकती है। अगर इसे बंजर जमीन पर भी डाला जाए, तो वो फिर से उपजाऊ हो सकती है। इससे न सिर्फ फसल की पैदावार बढ़ेगी, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

पूसा की बनी ये जैविक खाद सभी खादों की ‘बाप’, बंजर ज़मीन भी उगलने लगेगी सोना

2 करोड़ का मुनाफा, बढ़ती डिमांड

डॉ. शिवाधर ने बताया कि इस जैविक खाद की माँग इतनी ज्यादा है कि पूसा हर साल 15 से 20 लाख पैकेट बेच रहा है। इससे संस्थान को करीब 2 करोड़ रुपये का मुनाफा हो रहा है। ये खाद सभी रासायनिक खादों का बाप है, क्योंकि ये न सिर्फ मिट्टी को पोषण देती है, बल्कि उसे बंजर होने से भी बचाती है। पूसा की ये तकनीक किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। डॉ. शिवाधर का कहना है कि किसान इस तकनीक को अपनाकर खुद भी ऐसी खाद तैयार कर सकते हैं। इससे उनकी जमीन की उर्वरता बढ़ेगी, फसल का उत्पादन अच्छा होगा और पर्यावरण को भी फायदा होगा।

जैविक खेती को बढ़ावा

ये जैविक खाद उन किसानों के लिए भी बड़ी मददगार है, जो जैविक खेती करना चाहते हैं। डॉ. शिवाधर ने बताया कि इस खाद के जरिए जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा सकता है। आने वाले वक्त में जैविक खेती की माँग और बढ़ेगी, क्योंकि ये न सिर्फ फसलों की गुणवत्ता बढ़ाती है, बल्कि मिट्टी को बंजर होने से बचाती है और वातावरण को भी शुद्ध रखती है। रासायनिक खादों से होने वाले नुकसान को देखते हुए ये खाद एक बेहतर विकल्प है।

पूसा की बनी ये जैविक खाद सभी खादों की ‘बाप’, बंजर ज़मीन भी उगलने लगेगी सोना

खेत में कैसे करें इस्तेमाल

इस जैविक खाद को खेत में डालने से पहले मिट्टी की जुताई अच्छे से करें। खाद को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाएँ और फिर बुवाई करें। ये खाद धीरे-धीरे मिट्टी को पोषण देती है, जिससे फसल की जड़ें मजबूत होती हैं और पैदावार बढ़ती है। चाहे धान हो, गेहूँ हो या कोई सब्जी, ये खाद हर फसल के लिए फायदेमंद है। साथ ही, इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे गोबर, पत्ते और धान के अवशेष आसानी से गाँव में मिल जाते हैं, तो किसान खुद भी इसे तैयार कर सकते हैं।

तो गाँव के किसान भाइयों, रासायनिक खादों को छोड़कर जैविक खेती की ओर बढ़ें। पूसा की इस जैविक खाद को अपनाएँ और अपनी बंजर जमीन को फिर से हरा-भरा बनाएँ। इससे न सिर्फ आपकी कमाई बढ़ेगी, बल्कि खेत और पर्यावरण भी स्वस्थ रहेंगे।

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  • Shashikant

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