खेत को तैयार करने का तरीका
इस खेती को शुरू करने के लिए खेत को पहले अच्छे से तैयार करना पड़ता है। मई-जून का महीना इसके लिए सबसे सही है, क्यूँकि बरसात शुरू होने वाली होती है। खेत की जुताई कर लें और गोबर की सड़ी खाद डाल दें, करीब 10-12 गट्ठर प्रति बीघा। मिट्टी भुरभुरी होनी चाहिए, ताकि तीनों फसलें आसानी से बढ़ सकें। पानी का निकास ठीक रखें, वरना कद्दू की जड़ें गल सकती हैं। गाँव में हम लोग जानते हैं कि मिट्टी जितनी अच्छी होगी, फसल उतनी ही बढ़िया आएगी। खेत में जगह को हिस्सों में बाँट लें, ताकि मक्का, कद्दू और बरबट्टी अपनी जगह ले सकें।
तीन बहनों को साथ उगाने का ढंग
अब बात करते हैं कि इन तीनों को कैसे लगाएँ। सबसे पहले मक्का बोएँ, क्यूँकि ये सबसे लंबा होता है। मक्के के बीज को 2-3 फीट की दूरी पर छोटे-छोटे गड्ढों में डालें। जब मक्का 1-2 फीट का हो जाए, तो उसके पास बरबट्टी के बीज बो दें। बरबट्टी की बेल मक्के के डंठल पर चढ़कर बढ़ेगी, जैसे गाँव में बहन भाई का सहारा लेती है। इसके बाद कद्दू के बीज को मक्के के बीच में बोएँ, ताकि उसकी बेल जमीन पर फैल सके। ये तीनों एक-दूसरे के लिए फायदेमंद हैं। मक्का सहारा देता है, बरबट्टी मिट्टी में नाइट्रोजन डालती है, और कद्दू घास को रोकता है।
देखभाल का आसान नुस्खा
इन तीनों फसलों की देखभाल ज्यादा मुश्किल नहीं है। शुरू में मक्का और कद्दू को हफ्ते में एक बार पानी दें, बरसात शुरू होने पर ये जरूरत कम हो जाती है। बरबट्टी को पानी कम चाहिए, वो अपने आप बढ़ती है। खेत में घास निकले तो उसे हाथ से उखाड़ दें, क्यूँकि कद्दू की बेल घास को दबा देती है। नीम की पत्तियों का पानी छिड़कें, इससे कीड़े-मकोड़े दूर रहते हैं। अगर मिट्टी कमजोर लगे, तो थोड़ा गोबर का घोल डाल दें। ये देसी जुगाड़ तीनों फसलों को हरा-भरा रखेगा।
फसल और कमाई का फायदा
तीन बहनों की खेती (Three Sisters farming) का फायदा ये है कि एक ही खेत से तीन चीजें मिलती हैं। मक्का 60-70 दिन में तैयार हो जाता है, बरबट्टी 50-60 दिन में फल देती है, और कद्दू 80-90 दिन में पक जाता है। एक बीघे में मक्का 10-15 क्विंटल, बरबट्टी 5-7 क्विंटल और कद्दू 15-20 क्विंटल तक मिल सकता है। बाजार में मक्का 20-25 रुपये किलो, बरबट्टी 30-40 रुपये किलो और कद्दू 15-20 रुपये किलो बिकता है। कुल मिलाकर 50-70 हज़ार रुपये की कमाई हो सकती है। गाँव में बचे हुए मक्के के डंठल को चारे के लिए इस्तेमाल करें, इससे दोहरा फायदा होगा।
गाँव के लिए खास बात
थ्री सिस्टर खेती का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये मिट्टी को बंजर होने से बचाती है। बरबट्टी की जड़ें मिट्टी को ताकत देती हैं, तो अगली फसल भी बढ़िया होगी। गाँव में पानी की कमी हो, तो भी ये तरीका काम करता है, क्यूँकि कद्दू की पत्तियाँ नमी को रोकती हैं। इसके अलावा, ये फसलें कीटनाशकों की कम जरूरत रखती हैं, जो गाँव वालों के लिए खर्चा बचाती हैं। कुछ लोग कद्दू के बीज भूनकर बेचते हैं, ये भी कमाई का छोटा जरिया बन सकता है। तो भाइयों, इस बार अपने खेत में तीन बहनों को जगह दें, फायदा जरूर होगा।
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