Chilli Seeds: मिर्च की खेती आंध्र प्रदेश के किसानों के लिए हमेशा से कमाई का बड़ा जरिया रही है। इस बार मिर्च की तीन उन्नत किस्में—एलसीए-625, एलसीए-657, और एलसीए-643—किसानों के लिए और भी फायदेमंद साबित हो रही हैं। हॉर्टिकल्चर रिसर्च सेंटर, लैम फार्म के एसोसिएट निदेशक डॉ. सी. वेंकट रमण ने बताया कि इन किस्मों के बीज 16 जून से बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। ये किस्में न सिर्फ ज्यादा पैदावार देती हैं, बल्कि रोगों और सूखे को भी झेल सकती हैं। आइए जानें, कैसे ये मिर्च की किस्में आंध्र के खेतों में धमाल मचा रही हैं।
एलसीए-643: हरी और सूखी मिर्च का शानदार विकल्प
लैम फार्म के वैज्ञानिकों के मुताबिक, एलसीए-643 किस्म हरी और सूखी दोनों तरह की मिर्च के लिए एकदम सही है। इसकी फलियां 13-14 सेंटीमीटर लंबी, हल्के हरे रंग की, और देखने में आकर्षक होती हैं। सूखने पर ये मिर्च थोड़ी झुर्रीदार हो जाती है, लेकिन इसका चमकीला लाल रंग ब्यादगी मिर्च जैसा होता है। इस किस्म में लीफ कर्ल रोग और जेमिनी वायरस के प्रति अच्छी सहनशीलता है। कम कीटनाशकों के इस्तेमाल से भी ये हेलिकोवर्पा जैसे कीटों के हमले को झेल लेती है। बाजार में इसकी हरी और सूखी मिर्च की भारी मांग रहती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है।
एलसीए-625: सूखी मिर्च की रानी
एलसीए-625 किस्म खास तौर पर सूखी मिर्च के लिए तैयार की गई है। इसके पौधे लंबे, मजबूत शाखाओं वाले, और घनी पत्तियों से भरे होते हैं। ये किस्म खेत में सीधी बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त है। इसकी फलियां 8-10 सेंटीमीटर लंबी, पतली, और तेजा मिर्च से मिलती-जुलती हैं। हरी मिर्च गहरे हरे रंग की होती है, और पकने पर इसका रंग चमकीला लाल (60-65 ASTA) हो जाता है। इसकी तीखापन 45,000-50,000 SHU है, जो इसे बाजार में खास बनाता है। पतले छिलके और तीखेपन की वजह से ये फल सड़न और फूल गिरने जैसे रोगों से कम प्रभावित होती है।
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एलसीए-657: सूखा झेलने वाली मिर्च
खरीफ के बाद सीधी बुवाई के लिए एलसीए-657 किस्म एकदम मुफीद है। ये जेमिनी वायरस को झेलने की ताकत रखती है और सूखे के हालात में भी अच्छी फसल देती है। इसके पौधे लंबे, मजबूत तने और सीधी शाखाओं वाले होते हैं, जिन्हें मजबूत जड़ें सहारा देती हैं। फलियां 11-12 सेंटीमीटर लंबी, गहरे हरे रंग की, और पकने पर सफेद कैलीक्स के साथ गहरे लाल रंग की हो जाती हैं। इसका तीखापन 50,000-55,000 SHU है, और रंग इतना आकर्षक कि बाजार में ये खूब बिकती है। आंध्र के उन इलाकों में, जहाँ पानी की कमी रहती है, ये किस्म किसानों के लिए वरदान है।
बीज की कीमत और कहाँ से खरीदें
इन उन्नत किस्मों के बीज 16 जून से लैम फार्म, गुंटूर के हॉर्टिकल्चर रिसर्च सेंटर पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। किसान सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक बीज खरीद सकते हैं, जब तक स्टॉक रहे। हर दूसरे शनिवार और रविवार को बिक्री बंद रहती है। बीज की कीमत 1,200 रुपये प्रति किलोग्राम है। डॉ. वेंकट रमण ने चेतावनी दी है कि ये बीज सिर्फ लैम फार्म पर ही मिलेंगे। अगर कोई बाहर इनके नाम पर बीज बेचने का दावा करे, तो उससे सावधान रहें। सही बीज से ही सही फसल और मुनाफा मिलेगा।
आंध्र प्रदेश मिर्च उत्पादन में देश का सिरमौर है, और एलसीए-625, एलसीए-657, और एलसीए-643 जैसी किस्में इसे और मजबूत कर रही हैं। ये किस्में कम लागत में ज्यादा पैदावार देती हैं और रोग-सूखे को झेलने की ताकत रखती हैं। सरकार भी मिर्च की खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दे रही है। तो भाईयों, लैम फार्म से बीज मंगवाएं और मिर्च की खेती शुरू करें।
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