Guava Top 3 Variety: खेती किसानों की मेहनत का आधार है। गेहूं, धान जैसी फसलों के साथ-साथ फलों की बागवानी भी अब गाँव के किसानों के लिए मुनाफे का रास्ता बन रही है। इनमें अमरूद की खेती सबसे आसान और कमाई देने वाली है। बाजार में अमरूद की माँग साल भर रहती है, और इसकी खासियत यह है कि इसे साल में दो बार उगाया जा सकता है। बिहार के गया जिले में कई किसान अमरूद की बागवानी करके सालाना 4 से 5 लाख रुपये तक कमा रहे हैं। अगर सही किस्म और थोड़ी मेहनत के साथ खेती की जाए, तो दो साल में ही अच्छी कमाई शुरू हो सकती है।
मगध नर्सरी
बिहार के बोधगया में मगध नर्सरी अमरूद की उन्नत किस्मों के लिए किसानों का भरोसेमंद ठिकाना है। यहाँ से बिहार और झारखंड के कई जिलों में अमरूद के पौधे भेजे जाते हैं। मगध नर्सरी के जयजीत कुमार बताते हैं कि उनकी नर्सरी में 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक के पौधे मिलते हैं। ये पौधे बिहार की मिट्टी और मौसम के लिए बिलकुल सही हैं। चाहे आप बड़े स्तर पर बागवानी करें या अपने घर के लिए छोटा बगीचा लगाएँ, यहाँ हर किसान के लिए अच्छे पौधे उपलब्ध हैं।
अमरूद की उन्नत किस्में और उनके फायदे- Guava Top 3 Variety
मगध नर्सरी में अमरूद की कई उन्नत किस्में मिलती हैं, जो खेती के लिए सबसे अच्छी हैं। इनमें ताइवान पिंक, वीएनआर ग्राफ्टिंग, रेड डायमंड, इलाहाबादी सफेदा, और पपाया ग्वाभा शामिल हैं। अगर आप अपने घर के लिए कुछ खास चाहते हैं, तो स्ट्रॉबेरी ग्वाभा की माँग इन दिनों बहुत बढ़ रही है। इन किस्मों की खासियत यह है कि ये एक साल में ही फल देना शुरू कर देती हैं। पहले साल में एक पेड़ से 3 से 4 किलो फल मिलते हैं, और दूसरे साल से पैदावार और बढ़ जाती है। इन फलों का वजन 300 ग्राम से 700 ग्राम तक होता है, जो बाजार में अच्छा दाम दिलाते हैं।
अमरूद की खेती कैसे शुरू करें
अमरूद की खेती शुरू करना बहुत आसान है। सबसे पहले अपनी जमीन की मिट्टी की जाँच करें। बिहार और झारखंड की मिट्टी इन उन्नत किस्मों के लिए उपयुक्त है। मगध नर्सरी से पौधे खरीदें और उन्हें 6×6 फीट की दूरी पर लगाएँ। पौधों को लगाने से पहले गड्ढों में गोबर की खाद और थोड़ी मिट्टी मिलाएँ। नियमित पानी और देखभाल से पेड़ जल्दी बढ़ते हैं। पहले साल में थोड़ी सावधानी रखें, ताकि पेड़ मजबूत हो जाएँ। जयजीत कुमार सलाह देते हैं कि नई खेती शुरू करने वाले किसान इन उन्नत किस्मों को चुनें, क्योंकि ये जल्दी फल देती हैं और लंबे समय तक मुनाफा देती हैं।
लंबे समय तक मुनाफे का मौका
अमरूद की इन उन्नत किस्मों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये 30 साल तक फल दे सकती हैं। एक बार पेड़ लगाने के बाद आपको सालों तक कमाई का मौका मिलता है। बाजार में अमरूद की अच्छी कीमत मिलती है, और बड़े फलों की माँग शहरों में खूब है। गया के कई किसान इन किस्मों की खेती करके अपनी जिंदगी बदल चुके हैं। कम लागत और कम मेहनत में यह खेती गाँव के हर किसान के लिए फायदेमंद है। साथ ही, अमरूद के पेड़ ज्यादा देखभाल की माँग नहीं करते, जिससे समय और पैसे की बचत होती है।
पर्यावरण और सेहत के लिए फायदेमंद
अमरूद की खेती न सिर्फ जेब भरती है, बल्कि पर्यावरण और सेहत के लिए भी अच्छी है। अमरूद के पेड़ हवा को साफ रखते हैं और मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखते हैं। इसके फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो परिवार और ग्राहकों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं। जैविक तरीके से खेती करने पर मिट्टी की ताकत बनी रहती है, और रासायनिक खाद का खर्च भी बचता है। गाँव के किसान इस खेती को अपनाकर न सिर्फ अपनी, बल्कि अपने गाँव की तरक्की में भी योगदान दे सकते हैं।
अमरूद की बागवानी बिहार के किसानों के लिए कमाई का सुनहरा मौका है। मगध नर्सरी की उन्नत किस्में, जैसे ताइवान पिंक और वीएनआर ग्राफ्टिंग, दो साल में ही मुनाफा देना शुरू कर देती हैं। कम लागत, ज्यादा पैदावार, और लंबे समय तक कमाई की वजह से यह खेती हर किसान के लिए फायदेमंद है। अगर आप भी अमरूद की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो मगध नर्सरी से संपर्क करें और सही पौधे चुनें। अपनी मेहनत और इन उन्नत पौधों के साथ आप भी लाखों की कमाई कर सकते हैं।
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