भीषण गर्मी में प्याज की फसल को जलने से बचाएं! अपनाएं ये आसान उपाय, होगी बंपर पैदावार

Onion Farming Tips : गर्मी का कहर बढ़ता जा रहा है और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है। इस भीषण गर्मी से प्याज की फसल को खतरा बढ़ गया है। तेज धूप और गर्म हवाएँ फसल को झुलसा सकती हैं, वहीं झुलसा रोग और कीट भी इसे चौपट कर सकते हैं। ऐसे में किसान भाइयों को सही उपाय करने होंगे, ताकि उनकी मेहनत बेकार न जाए। कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार ने कुछ आसान और कारगर तरीके बताए हैं, जिनसे प्याज की फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है। चलिए, इन उपायों को समझते हैं और अपनी फसल को गर्मी के प्रकोप से बचाते हैं।

सिंचाई का सही तरीका

डॉ. प्रमोद कुमार बताते हैं कि गर्मी में प्याज की फसल पर बुरा असर पड़ता है और पैदावार घट सकती है। प्याज की जड़ें सतह के पास होती हैं, इसलिए इसे बार-बार पानी चाहिए। गर्मियों में सिंचाई बढ़ानी चाहिए, लेकिन खेत में जलभराव न होने दें। ज्यादा पानी जड़ों को सड़ा सकता है। शाम के वक्त सिंचाई करें, ताकि नमी रातभर बनी रहे। दिन में तेज धूप से पानी जल्दी सूख जाता है, इसलिए उस वक्त खेत में हलचल से बचें। सही नमी बनाए रखने से फसल स्वस्थ रहती है और गर्मी का असर कम होता है।

खेत में इन तकनीकों का इस्तेमाल

कृषि वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) का इस्तेमाल करें। इससे पानी सीधे जड़ों तक जाता है, नमी संतुलित रहती है और बर्बादी नहीं होती। साथ ही, मल्चिंग करें गीली घास, पुआल या प्लास्टिक शीट बिछाएँ। ये मिट्टी को ठंडा रखता है और नमी बचाए रखता है। जैविक खाद, जैसे गोबर खाद, और सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करें। बायो-स्टिमुलेंट और सल्फर युक्त उर्वरक पौधों को ताकत देते हैं। तेज धूप से बचाने के लिए नेट हाउस या शेड नेट लगाएँ। ये छोटे कदम फसल को गर्मी से बचा सकते हैं।

झुलसा रोग और कीटों से बचाव

गर्मी में प्याज को झुलसा रोग का खतरा बढ़ जाता है। पत्तियाँ पीली पड़कर सूखने लगती हैं और फसल कमजोर हो जाती है। कीट भी इस मौसम में हमला करते हैं। डॉ. प्रमोद इसके लिए नीम तेल (2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) और ट्राइकोडर्मा जैविक कवकनाशी छिड़कने की सलाह देते हैं। पोटाश और जिंक सल्फेट (5 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें, इससे जड़ें मजबूत होती हैं और रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ती है। हर 10-15 दिन में छिड़काव दोहराएँ। कीटों की जाँच के लिए पीले स्टिकी ट्रैप लगाएँ। ये प्राकृतिक तरीके फसल को सुरक्षित रखते हैं।

फसल को मजबूत बनाने का तरीका

प्याज की खेती शुरू करने से पहले खेत को अच्छे से तैयार करें। दोमट मिट्टी चुनें और गोबर खाद डालकर मिट्टी भुरभुरी करें। बीज या पौध 6-8 इंच की दूरी पर लगाएँ। गर्मी में हर 5-7 दिन में हल्की सिंचाई करें। फूल आने पर पोषक तत्वों का छिड़काव बढ़ाएँ। तेज धूप से बचाने के लिए सुबह या शाम को काम करें। फसल 90-120 दिन में तैयार होती है। सही देखभाल से एक एकड़ में 100-120 क्विंटल प्याज मिल सकता है, जो 20-30 रुपये किलो बिकता है। लागत निकालकर 2-3 लाख का मुनाफा हो सकता है।

मुनाफे का रास्ता

किसान भाइयों, गर्मी में प्याज की फसल को बचाना मुश्किल लगता है, लेकिन ये उपाय आपकी मेहनत को रंग ला सकते हैं। टपक सिंचाई, मल्चिंग और जैविक कीटनाशक से फसल को झुलसा रोग और कीटों से बचाएँ। सही समय पर सिंचाई और पोषण दें। बाजार में प्याज की माँग हमेशा रहती है। इन टिप्स को अपनाएँ, अपनी फसल को मजबूत बनाएँ और मोटी कमाई करें। ये मौका हाथ से न जाने दें।

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  • Shashikant

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