Tomato Cultivation Care Tips in Summer : गर्मी का मौसम टमाटर की खेती के लिए आसान नहीं होता। तेज धूप, पानी की कमी और कीट-रोगों का हमला फसल को बर्बाद कर सकता है। लेकिन अगर सही देखभाल और देसी नुस्खों का इस्तेमाल किया जाए, तो ये चुनौती भी मुनाफे का रास्ता बन सकती है। अगर आप गर्मी में टमाटर की खेती कर रहे हैं, तो कुछ आसान और सस्ते उपाय आपकी फसल को स्वस्थ और पैदावार से भरपूर रख सकते हैं। ये देसी तरीके न सिर्फ कारगर हैं, बल्कि मिट्टी और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाते। आइए जानते हैं कि गर्मी की मार में टमाटर की फसल को कैसे बचाया जाए।
सही समय पर सिंचाई का इंतजाम
गर्मी में टमाटर के पौधों को बार-बार पानी की जरूरत पड़ती है, लेकिन गलत समय पर पानी देना फसल के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दोपहर की तेज धूप में सिंचाई करने से पौधे झुलस सकते हैं और पानी भी बर्बाद हो जाता है। इसलिए हमेशा सुबह जल्दी या शाम को सूरज ढलने के बाद पानी दें। इससे मिट्टी में नमी अच्छे से बनी रहती है और पौधों को पूरा फायदा मिलता है। अगर आपके पास ड्रिप इरिगेशन की सुविधा है, तो उसका इस्तेमाल करें। ये पानी की बचत करता है और जड़ों तक सही मात्रा में नमी पहुंचाता है।
मल्चिंग से जड़ों को ठंडक
तेज धूप मिट्टी को गर्म करके टमाटर की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है। इस समस्या से बचने के लिए खेत में मल्चिंग करना एक शानदार देसी उपाय है। आप पुआल, सूखी घास, गन्ने की खोई या पुरानी पत्तियों को पौधों के चारों ओर बिछा सकते हैं। ये मल्चिंग मिट्टी की नमी को लंबे समय तक बनाए रखती है और खेत का तापमान नियंत्रित रखती है। साथ ही, ये खरपतवार को भी कम करता है, जिससे पौधों को ज्यादा पोषण मिलता है। ये नुस्खा सस्ता है और हर किसान इसे आसानी से अपना सकता है।
नीम तेल से कीटों पर काबू
गर्मी में थ्रिप्स और माइट्स जैसे छोटे-छोटे कीट टमाटर की फसल को खूब नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे बचने का सबसे अच्छा देसी तरीका है नीम तेल का छिड़काव। इसके लिए 1500 पीपीएम वाला नीम तेल लें और पांच मिलीलीटर तेल को एक लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाएं। इस घोल को हर दस दिन में पौधों पर छिड़कें। नीम तेल की गंध और गुण कीटों को दूर भगाते हैं और पौधों को सुरक्षित रखते हैं। ये जैविक उपाय है, जो फसल और मिट्टी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। छोटे किसानों के लिए ये नुस्खा सस्ता और बहुत असरदार है।
तेज धूप से फसल की सुरक्षा
जब गर्मी अपने चरम पर हो और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाए, तो टमाटर के पौधों को सीधी धूप से बचाना जरूरी हो जाता है। इसके लिए हरा जाल या शेड नेट का इस्तेमाल करें। ये नेट पौधों को छांव देता है और पत्तियों के झुलसने या पानी की कमी की समस्या को कम करता है। अगर आपके पास शेड नेट लगाने का बजट नहीं है, तो पौधों के ऊपर बांस और सूखी टहनियों से अस्थायी छांव बनाई जा सकती है। ये देसी तरीका पौधों को गर्मी की मार से बचाता है और फल अच्छे से पकते हैं।
गोमूत्र और छाछ का देसी टॉनिक
टमाटर के पौधों को रोगों से बचाने और उनकी ताकत बढ़ाने के लिए गोमूत्र और छाछ का मिश्रण एक बेहतरीन देसी नुस्खा है। इसके लिए एक हिस्सा छाछ को दस हिस्सा पानी में मिलाएं और इसमें थोड़ा गोमूत्र डालें। इस घोल को हर दस से पंद्रह दिन में पौधों पर छिड़कें। ये मिश्रण फफूंद और बैक्टीरिया जैसे रोगों से फसल को बचाता है और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ये उपाय इतना सस्ता है कि हर किसान इसे बिना ज्यादा खर्च के आजमा सकता है। साथ ही, ये मिट्टी को भी पोषण देता है।
जैविक खाद से पौधों को ताकत
गर्मी में टमाटर के पौधों को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है, क्योंकि तेज धूप उनकी ताकत को कम कर देती है। इसके लिए जैविक खाद का इस्तेमाल सबसे अच्छा है। वर्मी कम्पोस्ट, सड़ी हुई गोबर की खाद या पंचगव्य को पौधों की जड़ों के पास डालें। ये खादें मिट्टी को उपजाऊ बनाती हैं और पौधों को जरूरी पोषक तत्व देती हैं। हर पंद्रह दिन में थोड़ी मात्रा में खाद डालने से फल ज्यादा और स्वस्थ आते हैं। ये देसी नुस्खा न सिर्फ फसल को ताकत देता है, बल्कि मिट्टी की सेहत को भी लंबे समय तक बनाए रखता है।
निराई-गुड़ाई से खेत को रखें स्वस्थ
गर्मी में खरपतवार बहुत तेजी से बढ़ते हैं और पौधों की नमी व पोषण को चुरा लेते हैं। इससे टमाटर की फसल कमजोर हो सकती है। इसलिए हर दस से बारह दिन में खेत की निराई-गुड़ाई करें। ये काम मिट्टी में हवा का संचार बनाए रखता है और जड़ों को मजबूत करता है। साथ ही, खरपतवार हटने से कीटों का खतरा भी कम हो जाता है। अगर खेत छोटा है, तो ये काम हाथ से आसानी से हो सकता है। बड़े खेतों में हल्की मशीनों का इस्तेमाल करें, लेकिन ध्यान रखें कि पौधों की जड़ों को नुकसान न हो।
गर्मी में टमाटर की खेती बनेगी मुनाफे का सौदा
गर्मी में टमाटर की फसल को बचाना भले ही मुश्किल लगता हो, लेकिन सही देखभाल और देसी उपायों से ये काम आसान हो जाता है। सही समय पर सिंचाई, मल्चिंग, नीम तेल, गोमूत्र-छाछ का छिड़काव, जैविक खाद और नियमित निराई-गुड़ाई जैसे नुस्खे आपकी फसल को स्वस्थ और पैदावार से भरपूर रखते हैं। ये तरीके न सिर्फ सस्ते हैं, बल्कि रासायनिक दवाओं की जरूरत को भी कम करते हैं। 2025 में इन देसी उपायों को अपनाकर आप गर्मी की मार को मात दे सकते हैं और अपने खेत से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से सलाह लेकर इन नुस्खों को और बेहतर बनाएं और टमाटर की खेती को मुनाफे का धंधा बनाएं।
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