टमाटर के गिरते दामों से किसान परेशान, 3 से 5 रुपये किलो बेचने को मजबूर लगात भी निकालना मुश्किल

Tomato Price: कुछ महीने पहले जो टमाटर किसानों के चेहरे पर खुशी ला रहा था, वही अब उनके लिए दुख और हताशा का कारण बन गया है। पहले जब टमाटर के दाम आसमान छू रहे थे, तब आम लोग महंगाई से परेशान थे, लेकिन अब वही टमाटर इतने सस्ते हो गए हैं कि किसान लागत निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ओडिशा के बेरहामपुर जिले में टमाटर की कीमत इतनी गिर चुकी है कि किसान औने-पौने दामों में इसे बेचने को मजबूर हैं।

किसानों को मिल रहे सिर्फ 3 से 5 रुपये प्रति किलो

बेरहामपुर के कई किसानों के लिए यह समय बेहद कठिन हो गया है। खुदरा बाजार में जहां टमाटर 10 से 15 रुपये किलो बिक रहा है, वहीं किसानों को इसकी कीमत सिर्फ 3 से 5 रुपये प्रति किलो ही मिल रही है। लागत के मुकाबले यह कीमत इतनी कम है कि किसान अपनी मेहनत का भी सही मुआवजा नहीं पा रहे हैं।

शत्रुसोला गांव के किसान सूरत पाहन ने बताया कि उन्होंने तीन महीने पहले अपनी फसल लगाई थी और अच्छी पैदावार के लिए दिन-रात मेहनत की। लेकिन अब जब फसल बेचने का समय आया तो बाजार में दाम इतने गिर गए कि मजदूरी का खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया। पाहन ने शुक्रवार को 15 क्विंटल टमाटर महज 3 रुपये प्रति किलो की दर से बेचे, जो बीज, खाद और ढुलाई के खर्च तक को पूरा नहीं कर रहा।

किसान फसल छोड़ने को मजबूर

कुछ किसान इतने निराश हो गए हैं कि उन्होंने अपनी फसल को खेत में ही छोड़ दिया है। व्यापारी टमाटर को 2 रुपये किलो या उससे भी कम दाम में खरीदना चाहते हैं, जो किसानों के लिए घाटे का सौदा है। गांव के एक अन्य किसान उपेंद्र पोलाई ने बताया कि उन्होंने टमाटर बेचे ही नहीं, बल्कि अपनी फसल को मवेशियों को खिलाने का फैसला किया, क्योंकि इतने कम दाम में बेचने से कोई फायदा नहीं था।

बंपर फसल बनी कीमत गिरने की वजह

बाजार में टमाटर की कीमत गिरने की एक बड़ी वजह बंपर पैदावार भी है। गंजम ब्लॉक, जो टमाटर उत्पादन के लिए मशहूर है, वहां के किसान भी भारी नुकसान झेल रहे हैं। बागवानी विभाग के उप निदेशक कंद जेना के अनुसार, इस साल जिले में 1,500 हेक्टेयर में टमाटर की खेती हुई, जिससे बाजार में अधिक आपूर्ति हो गई और कीमतें तेजी से गिर गईं।

फूड प्रोसेसिंग और कोल्ड स्टोरेज की कमी से बढ़ी परेशानी

किसान नेता और पूर्व जिला परिषद सदस्य ब्रुन्दाबन खटेई का कहना है कि अगर किसानों को फूड प्रोसेसिंग और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा मिलती, तो वे टमाटर से अचार, सॉस और अन्य उत्पाद बना सकते थे। इससे उनकी उपज खराब नहीं होती और दाम भी अच्छे मिलते। लेकिन इस सुविधा की कमी के कारण किसानों को मजबूरी में औने-पौने दामों पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है।

सरकार से मुआवजे की मांग

खटेई ने सरकार से मांग की है कि इस संकट को देखते हुए किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके। अगर सरकार किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट्स की सुविधा उपलब्ध कराए, तो भविष्य में ऐसी समस्या दोबारा नहीं होगी और किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम मिल सकेगा।

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  • Shashikant

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