टमाटर भारत में सबसे लोकप्रिय सब्जियों में से एक है, जिसे हर घर के रसोईघर में रोज़ाना इस्तेमाल किया जाता है। साल में टमाटर की खेती तीन बार की जाती है—मई-जून, सितंबर-अक्टूबर, और जनवरी-फरवरी। इसकी खेती कम दिनों में तैयार हो जाती है, लेकिन इसमें किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विशेष रूप से, ठंड के दिनों में टमाटर में फल फटने की समस्या आम है। इस लेख में, हम टमाटर की खेती में आने वाली समस्याओं और उनके समाधान पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
टमाटर में फल फटने की समस्या का कारण
टमाटर में फल फटने की समस्या किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनती जा रही है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे सूखा पड़ना, मिट्टी में बोरान की कमी, ऊसर जमीन में खेती, और विपरीत मौसम। ठंड के दिनों में तापमान में उतार-चढ़ाव का असर भी टमाटर की फसल पर पड़ता है।
टमाटर में फल फटने की समस्या के समाधान
टमाटर के पौधों को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। सूखे के दौरान सिंचाई करना बेहद जरूरी है, ताकि बारिश के बाद फल फटने की समस्या कम हो सके। मिट्टी में बोरान की कमी को पूरा करने के लिए 20-25 किलोग्राम बोरान प्रति हेक्टेयर मिलाएं। 0.25% बोरेक्स का घोल 100-120 लीटर पानी में बनाकर पौधों पर छिड़काव करें। बोरेक्स का छिड़काव फसल में 2-3 बार करें, खासकर जब पौधे फल बनने की अवस्था में हों।
ऊसर जमीन पर टमाटर की खेती करने से बचना चाहिए। अगर ऊसर जमीन में खेती करना आवश्यक हो, तो मिट्टी में जैविक खाद और पोषक तत्वों को मिलाकर उसकी उर्वरता बढ़ाएं।
टमाटर की खेती के लिए मिट्टी की जांच करना बेहद जरूरी है। मिट्टी का PH स्तर 6-6.8 होना चाहिए। इसके साथ ही, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटाश जैसे पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
उन्नत किस्मों का चयन करें
टमाटर की उन्नत किस्में जैसे ‘पूसा रूबी’, ‘आर्का रक्षक’, और ‘देव मंझारी’ को चुनें। ये किस्में बेहतर उत्पादन देती हैं और रोग प्रतिरोधक होती हैं।
टमाटर की फसल विपरीत मौसम से बहुत प्रभावित होती है। ठंड के दिनों में तापमान को नियंत्रित करने के लिए ग्रीनहाउस तकनीक का इस्तेमाल करें। इससे पौधों को अनुकूल माहौल मिलता है।
रोगों और कीटों से बचाव
टमाटर की फसल में प्रमुख रोग और कीट जैसे ब्लाइट, सफेद मक्खी, और एफिड्स देखे जाते हैं। इनसे बचाव के लिए जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें। पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रखें और फसल चक्र अपनाएं। ठंड के दिनों में टमाटर की फसल को पाले से बचाने के लिए प्लास्टिक शीट का उपयोग करें। ज्यादा बारिश होने पर खेत में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
टमाटर की बेहतर पैदावार के लिए टिप्स
पौधों की नियमित कटाई-छंटाई करें और जैविक खाद जैसे वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें। फसल को हानिकारक खरपतवार से मुक्त रखें।
टमाटर की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है, बशर्ते कि सही तकनीक और देखभाल अपनाई जाए। टमाटर में फल फटने की समस्या को दूर करने के लिए बोरान की कमी पूरी करना, नियमित सिंचाई करना, और उन्नत किस्मों का चयन करना महत्वपूर्ण है। अगर किसान इन सभी बातों का ध्यान रखें, तो उन्हें अच्छी उपज और अधिक मुनाफा मिल सकता है।
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