Top 5 Moong Varieties: भारत खेती-किसानी और विविधताओं से भरा देश है। यहां अलग-अलग फसलें अपनी खास पहचान और अनोखे नामों के लिए मशहूर हैं। मूंग, जिसे हरा चना भी कहा जाता है, एक प्रमुख दलहनी फसल है। यह खरीफ और जायद दोनों मौसमों में उगाई जाती है। मूंग की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, खासकर अगर वे उन्नत किस्मों का चयन करें। आइए, मूंग की 5 उन्नत किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. विराट किस्म
विराट किस्म मूंग की एक हाइब्रिड किस्म है, जो पीला मोजेक वायरस के प्रति प्रतिरोधी है। यह किस्म ग्रीष्म और खरीफ दोनों मौसमों में बोई जा सकती है। विराट किस्म की फलियां लंबी, मोटी और चमकदार हरे रंग की होती हैं। इस किस्म में प्रति फली दानों की संख्या अधिक होती है और यह अन्य किस्मों की तुलना में अधिक रोग सहनशील है।
2. शिखा किस्म
शिखा किस्म फाइबर, आयरन और प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है। यह किस्म खरीफ और गर्मियों की फसल के रूप में उगाई जा सकती है। शिखा किस्म किसी भी प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है, लेकिन रेतीली और दोमट मिट्टी में इसकी उपज सबसे अच्छी होती है। यह किस्म किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प है।
3. एमएच-1142
एमएच-1142 किस्म को चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म 63 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी उपज क्षमता 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। खरीफ मौसम में इसकी बुवाई का उपयुक्त समय जून से जुलाई तक है। यह किस्म उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड में बुवाई के लिए उपयुक्त है।
4. पूसा विशाल
पूसा विशाल किस्म खरीफ मौसम में कम समय में अधिक उपज देने वाली किस्म है। यह पूरे भारत में उगाई जा सकती है और पीला मोजेक रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इस किस्म के बीज चमकीले हरे रंग के होते हैं और फसल 60 से 65 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। पूसा विशाल किस्म का औसत उत्पादन 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
5. जवाहर मूंग-721
जवाहर मूंग-721 किस्म मध्यम अवधि की उपज देने के लिए विकसित की गई है। यह किस्म खरीफ और जायद दोनों मौसमों में उगाई जा सकती है। इस किस्म के पौधे बुवाई के 70 से 75 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। इसकी उपज क्षमता 12 से 14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह किस्म येलो मोजेक और पाउडरी मिल्ड्यू रोग के प्रति प्रतिरोधी है।
मूंग की खेती के लिए जरूरी बातें
- मिट्टी: मूंग की खेती के लिए रेतीली और दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है।
- बुवाई का समय: खरीफ मौसम में जून-जुलाई और जायद मौसम में मार्च-अप्रैल।
- सिंचाई: फसल को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, खासकर फूल और फली बनने के दौरान।
- खरपतवार नियंत्रण: नियमित निराई-गुड़ाई करके खरपतवार को नियंत्रित करें।
- रोग प्रबंधन: येलो मोजेक और पाउडरी मिल्ड्यू जैसे रोगों से बचाव के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।
मूंग की ये उन्नत किस्में किसानों को अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता वाली फसल प्रदान करती हैं। विराट, शिखा, एमएच-1142, पूसा विशाल और जवाहर मूंग-721 जैसी किस्मों का चयन करके किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। सही समय पर बुवाई, उचित सिंचाई और रोग प्रबंधन से मूंग की खेती से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
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