पपीते की इन 5 उन्नत किस्मों से होगी बंपर कमाई, 10 महीने में होगी नोटों की बारिश

Top 5 Papaya Varieties 2025: किसान भाइयों, अगर आप धान-गेहूं की पुरानी खेती से थक गए हैं और सब्जियों के घटते-बढ़ते दामों से परेशान हैं, तो अब बागवानी की ओर रुख करें। खासकर पपीता की खेती आपके लिए कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा दे सकती है। अप्रैल का महीना पपीता के पौधे लगाने के लिए सबसे सही है। सिर्फ़ 9-10 महीनों में ये पौधे फल देने लगते हैं, और बाजार में पपीते की माँग हमेशा बनी रहती है। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक बताते हैं कि पपीता की कुछ उन्नत किस्में ऐसी हैं, जो बंपर पैदावार देती हैं। आइए, जानें कि पपीता की खेती कैसे शुरू करें और इससे मुनाफा कैसे कमाएँ।

पपीता की खेती क्यों है फायदेमंद

पपीता की खेती में लागत कम लगती है और मुनाफा कई गुना मिलता है। चाहे गाँव की मंडी हो या शहर का बाजार, पपीता हर जगह बिकता है। ये फल न सिर्फ़ खाने में स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। पपीता से पेपिन एंजाइम भी बनता है, जिसकी दवा और कॉस्मेटिक उद्योग में भारी माँग है। अप्रैल में अगर आप पपीता के पौधे लगा दें, तो अगले साल तक आपकी फसल तैयार होगी। मौसम की मार से भी ये फसल ज्यादा प्रभावित नहीं होती, बशर्ते आप सही देखभाल करें। बागवानी की फसलों में पपीता इसलिए खास है, क्योंकि ये जल्दी तैयार होता है और सालभर कमाई का जरिया बनता है।

पूसा नन्हा

Top 5 Papaya Varieties 2025

पपीता की पूसा नन्हा किस्म छोटे खेतों वाले किसानों के लिए बहुत अच्छी है। ये किस्म एक हेक्टेयर में 630 क्विंटल तक पपीता दे सकती है। अप्रैल में पौधे लगाएँ, तो 9-10 महीनों में फल देने शुरू हो जाते हैं। इसकी खासियत है कि पौधे छोटे रहते हैं, जिससे कम जगह में ज्यादा पौधे लगाए जा सकते हैं। अगर आपके पास ज्यादा जमीन नहीं है, तो ये किस्म आपके लिए सही रहेगी।

पूसा मजेस्टी

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पूसा मजेस्टी पपीता की एक और उन्नत किस्म है, जो एक हेक्टेयर में 600 क्विंटल तक पैदावार देती है। अप्रैल में लगाए गए पौधे 9-10 महीनों में फल देने के लिए तैयार हो जाते हैं। अगर आप इसकी अच्छी देखभाल करें, जैसे समय पर पानी और जैविक खाद दें, तो पैदावार को और बढ़ाया जा सकता है। ये किस्म बाजार में अच्छा दाम लाती है, क्योंकि इसके फल बड़े और रसीले होते हैं।

अर्का सूर्या

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अर्का सूर्या पपीता की ऐसी किस्म है, जो किसानों के बीच बहुत पसंद की जाती है। ये एक हेक्टेयर में 650 क्विंटल तक फल दे सकती है। अप्रैल में पौधे लगाने के 10 महीनों बाद ये फसल तैयार हो जाती है। इसके फल स्वाद में मीठे और रंग में आकर्षक होते हैं, जिससे बाजार में इनकी माँग ज्यादा रहती है। अगर आप चाहते हैं कि आपका पपीता जल्दी बिके, तो इस किस्म को चुनें।

पूसा डेलीशियस

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पपीता की पूसा डेलीशियस किस्म उच्च पैदावार के लिए जानी जाती है। ये एक हेक्टेयर में 700 क्विंटल तक फल दे सकती है। अप्रैल में लगाए गए पौधे 9-10 महीनों में फल देने लगते हैं। इसके फल न सिर्फ़ स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि दिखने में भी सुंदर होते हैं। इसकी देखभाल आसान है, और बाजार में इसके फल अच्छे दाम पर बिकते हैं।

सीओ-5

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सीओ-5 पपीता की ऐसी किस्म है, जो फल और पेपिन एंजाइम दोनों के लिए मशहूर है। ये एक हेक्टेयर में 700 क्विंटल पपीता और 150-160 क्विंटल पेपिन का उत्पादन देती है। अप्रैल में पौधे लगाने के 9-10 महीनों बाद ये फसल तैयार हो जाती है। पेपिन एंजाइम दवा और कॉस्मेटिक कंपनियों को बिकता है, जिससे आपकी कमाई दोगुनी हो सकती है। अगर आप ज्यादा मुनाफा चाहते हैं, तो इस किस्म को जरूर आजमाएँ।

खेत और पौधों की तैयारी

पपीता की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी है, जिसमें पानी जमा न हो। खेत को अच्छे से जोत लें और गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें। अप्रैल में पौधे लगाने से पहले खेत में 2-3 फीट की दूरी पर गड्ढे बनाएँ। पौधों को स्थानीय नर्सरी या कृषि केंद्र से लें, जहाँ पूसा नन्हा, अर्का सूर्या जैसी उन्नत किस्में मिलें। पौधे लगाने से पहले गड्ढों में नीम की खली और गोमूत्र मिलाएँ, इससे जड़ें मजबूत होती हैं। पौधों को सीधा लगाएँ और हल्का पानी दें। 7-10 दिन में पौधे जड़ पकड़ लेंगे। कमजोर पौधों को हटा दें और मजबूत पौधों को ही छोड़ें।

देसी तरीके से देखभाल

पपीता के पौधों को ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं, लेकिन कुछ देसी नुस्खे आपकी फसल को शानदार बना सकते हैं। हर हफ्ते पौधों को पानी दें, लेकिन बारिश के मौसम में पानी जमा न होने दें। जीवामृत बनाएँ, जिसमें गोमूत्र, गोबर, गुड़ और चने का आटा मिलाया जाता है। इसे हर 15 दिन में जड़ों में डालें। अगर पत्तियों पर कीट दिखें, तो नीम का तेल पानी में मिलाकर छिड़कें। पौधों को तेज हवा से बचाने के लिए बाँस का सहारा दें। अगर पत्तियाँ पीली पड़ें, तो मिट्टी में थोड़ा चूना मिलाएँ। सही देखभाल से पपीता के फल बड़े, रसीले और स्वादिष्ट होंगे।

कटाई

पपीता 9-10 महीनों में फल देने लगता है। जब फल हल्के पीले होने लगें, तो उन्हें तोड़ लें। कटाई सुबह जल्दी करें, ताकि फल ताज़ा रहें। पपीता को साफ टोकरों में भरकर स्थानीय मंडी या शहर के व्यापारियों को बेचें। एक हेक्टेयर में 600-700 क्विंटल पपीता मिल सकता है, और बाजार में 20-40 रुपये प्रति किलो का दाम मिलता है। यानी 12-20 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है। अगर आप पेपिन के लिए सीओ-5 किस्म उगाएँ, तो दवा कंपनियों से सीधा संपर्क करें, क्योंकि पेपिन का दाम और ज्यादा मिलता है।

पपीता की खेती से मुनाफा

पपीता की खेती में एक हेक्टेयर में 2-3 लाख रुपये का खर्च आता है, लेकिन मुनाफा 10-15 लाख रुपये तक हो सकता है। ये फसल सालभर फल देती है, जिससे कमाई का सिलसिला चलता रहता है। बागवानी की फसलों में पपीता इसलिए खास है, क्योंकि ये मौसम की मार को झेल लेता है और बाजार में इसकी माँग कभी कम नहीं होती। अगर आप अप्रैल में पपीता लगाएँ, तो अगले साल तक आपकी जेब भारी होगी। स्थानीय कृषि केंद्र से संपर्क करें और उन्नत किस्मों के पौधे लेकर आज ही शुरूआत करें।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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