Top 5 Varieties Of Green Coriander: गेहूं की कटाई के बाद खेत खाली रह जाते हैं, लेकिन ये खाली खेत किसानों के लिए कमाई का बड़ा मौका दे सकते हैं। गर्मियों के मौसम में हरा धनिया की फसल उगाकर कम समय में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। अप्रैल का महीना हरा धनिया की खेती के लिए सबसे सही समय है। इस फसल की बाजार में हमेशा मांग रहती है, और गर्मियों में इसकी कीमत 200 से 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
सही किस्म और देखभाल के साथ ये फसल खेतों को हरा-भरा और जेब को भारी बना सकती है। इस लेख में हरा धनिया की पांच उन्नत किस्मों, उनकी पैदावार, और खेती के फायदों के बारे में बताया गया है।
हरा धनिया की खेती का अनुकूल समय
अप्रैल में गेहूं की कटाई के बाद खेत खाली हो जाते हैं, और यही समय हरा धनिया बोने का सबसे अच्छा है। गर्मी का मौसम इस फसल की तेज ग्रोथ के लिए अनुकूल होता है। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक के अनुसार, हरा धनिया 30 से 40 दिन में पहली कटिंग के लिए तैयार हो जाता है। गर्मियों में इसकी ऊंची कीमत और लगातार मांग के कारण किसान कई बार कटिंग लेकर अच्छी कमाई कर सकते हैं। खेती शुरू करने से पहले उन्नत किस्मों का चयन जरूरी है, ताकि पैदावार ज्यादा हो और फसल स्वस्थ रहे।
हिसार सुगंध
हिसार सुगंध हरा धनिया की एक लोकप्रिय और उन्नत किस्म है। ये प्रति हेक्टेयर 80 से 100 क्विंटल हरी पत्तियों की पैदावार दे सकती है। इसकी खासियत ये है कि ये 35 से 40 दिन में पहली कटिंग के लिए तैयार हो जाती है। इस किस्म से 6 से 8 बार कटिंग ली जा सकती है, जो किसानों के लिए फायदेमंद है। अगर बीज के लिए खेती की जाए, तो 120 क्विंटल तक बीज का उत्पादन मिल सकता है। इसकी पत्तियां और बीज दोनों बाजार में अच्छा दाम दिलाते हैं, जिससे ये गर्मियों में खेती के लिए शानदार विकल्प है।
अजमेर कोरिएंडर
अजमेर कोरिएंडर हरा धनिया की एक और उन्नत किस्म है, जो गर्मियों में कम समय में अच्छी पैदावार देती है। इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 80 से 100 क्विंटल हरी पत्तियां मिलती हैं। ये 30 से 35 दिन में पहली कटिंग के लिए तैयार हो जाती है, जिससे किसान जल्दी फसल बेच सकते हैं। इसकी पत्तियां ताजी, सुगंधित, और स्वादिष्ट होती हैं, जो बाजार में खूब पसंद की जाती हैं। कम पानी और देखभाल में भी ये अच्छा प्रदर्शन करती है, जिससे छोटे किसानों के लिए ये लाभकारी है।
आजाद धनिया 8
आजाद धनिया 8 हरा धनिया की एक ऐसी किस्म है, जो ज्यादा पैदावार के लिए जानी जाती है। ये प्रति हेक्टेयर 120 से 150 क्विंटल हरी पत्तियों का उत्पादन दे सकती है। ये 30 से 35 दिन में पहली कटिंग के लिए तैयार हो जाती है, और इससे 4 से 5 कटिंग आसानी से ली जा सकती हैं। बीज के लिए खेती करने पर ये 100 क्विंटल तक बीज दे सकती है। इसकी ऊंची पैदावार और बाजार में अच्छी मांग के कारण ये गर्मियों में खेती का शानदार विकल्प है।
सीओ 3
सीओ 3 हरा धनिया की एक बहुमुखी किस्म है, जिसे रबी और खरीफ दोनों मौसम में उगाया जा सकता है। ये प्रति हेक्टेयर 120 से 150 क्विंटल हरी पत्तियों की पैदावार देती है। इसकी पहली कटिंग 30 से 35 दिन में तैयार हो जाती है, और इससे 4 से 5 कटिंग ली जा सकती हैं। इसकी पत्तियां स्वाद और सुगंध में बेहतरीन होती हैं, जो बाजार में अच्छा दाम दिलाती हैं। गर्मियों में खाली खेतों के लिए ये किस्म खास तौर पर फायदेमंद है, क्योंकि ये कम समय में ज्यादा मुनाफा देती है।
पंत हरीतिमा
पंत हरीतिमा हरा धनिया की एक और उन्नत किस्म है, जो अपनी सुगंध और पैदावार के लिए मशहूर है। ये प्रति हेक्टेयर 100 से 130 क्विंटल हरी पत्तियों का उत्पादन दे सकती है। इसकी पहली कटिंग 30 से 35 दिन में तैयार हो जाती है, और इससे 4 से 5 कटिंग ली जा सकती हैं। अगर बीज के लिए खेती की जाए, तो 100 से 120 क्विंटल बीज का उत्पादन मिल सकता है। इसकी पत्तियां और बीज दोनों बाजार में अच्छी कीमत पर बिकते हैं, जिससे ये गर्मियों की खेती के लिए लाभकारी है।
सफल खेती के लिए जरूरी सलाह
हरा धनिया की खेती में अच्छे नतीजे पाने के लिए सही किस्म का चयन और उचित देखभाल जरूरी है। हिसार सुगंध, अजमेर कोरिएंडर, आजाद धनिया 8, सीओ 3, और पंत हरीतिमा जैसी उन्नत किस्में चुनने से पैदावार बढ़ती है। बुआई से पहले मिट्टी की जांच कर लेनी चाहिए, ताकि जरूरी खाद और पोषक तत्व डाले जा सकें। पानी का प्रबंधन सही रखना चाहिए, ताकि मिट्टी न ज्यादा गीली हो और न ही सूखी। खरपतवार और कीटों से बचाव के लिए समय-समय पर खेत की जांच जरूरी है। सही समय पर कटिंग करने से पौधे स्वस्थ रहते हैं और ज्यादा पैदावार देते हैं।
खाली खेतों से कमाई का मौका
गेहूं की कटाई के बाद हरा धनिया की खेती कम मेहनत में अच्छी कमाई का रास्ता है। ये फसल खेतों को व्यस्त रखती है और बाजार की मांग को पूरा करके मुनाफा देती है। उन्नत किस्मों और सही देखभाल के साथ 30 से 40 दिन में फसल बेचना शुरू किया जा सकता है। जिन किसानों के खेत खाली हैं, उनके लिए ये एक शानदार मौका है। नजदीकी कृषि विभाग या उद्यान अधिकारी से संपर्क करके उन्नत बीज और खेती की सलाह ली जा सकती है। इस फसल से न सिर्फ खेत हरे-भरे रहेंगे, बल्कि किसानों की मेहनत का पूरा फल भी मिलेगा।
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