किसान भाइयों, तोतापुरी बकरी पालन आजकल गाँवों में कमाई का जबरदस्त जरिया बन गया है। ये नस्ल अपनी खूबसूरती, लंबी हाइट और तंदुरुस्ती के लिए जानी जाती है। एक अच्छा तोतापुरी बकरा बाजार में 50,000 से 1,00,000 रुपये तक बिक सकता है, खासकर बकरीद के समय। ये बकरी पालना आसान है, कम खर्च में शुरू होता है, और दूध, मांस, खाद से कई तरह की कमाई देता है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर में इसकी माँग खूब है। छोटे किसान और गाँव के लोग इसे घर के आँगन से शुरू करके लाखों कमा सकते हैं। आइए जानें तोतापुरी बकरी पालन के फायदे और इसे कैसे शुरू करें।
तोतापुरी बकरी की खासियत
तोतापुरी बकरी का नाम इसकी नाक से पड़ा, जो तोते की तरह दिखती है। इसका शरीर लंबा, पतला और आकर्षक होता है, जिसकी हाइट 2.5-3 फीट तक होती है। रंग ज्यादातर सफेद, काले धब्बों वाला होता है। ये बकरी ज्यादा दूध देती है, औसतन 1.5-2.5 लीटर रोज। इसका मांस स्वादिष्ट और मुलायम होता है, जिसकी बाजार में कीमत 600-1000 रुपये प्रति किलो है। तोतापुरी बकरे का वजन 40-60 किलो तक होता है, और खूबसूरत बकरों को बकरीद पर दिल्ली, मुम्बई की मंडियों में 1-1.5 लाख रुपये तक में खरीदा जाता है। ये नस्ल गर्मी, ठंड दोनों में आसानी से ढल जाती है, और कम देखभाल में पलती है। मेवात, अलवर, और पश्चिमी यूपी में ये खूब पाली जाती है।
बकरी पालन शुरू करने की तैयारी
तोतापुरी बकरी पालन शुरू करने के लिए छोटे स्तर पर 5-10 बकरियाँ और 1-2 बकरे काफी हैं। एक बकरी की कीमत 8,000-15,000 रुपये और बकरे की 15,000-30,000 रुपये है। 500-1000 वर्ग फीट जमीन पर शेड बनाएँ, जो हवादार और ऊँचा हो। शेड की लागत 20,000-40,000 रुपये आती है। मिट्टी की फर्श बकरियों के लिए आरामदायक होती है। साफ पानी, चारा भंडार की व्यवस्था करें। शुरुआती खर्च 1-1.5 लाख रुपये में पूरा हो जाता है। सरकार की योजनाओं से 50-90% सब्सिडी मिल सकती है, जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में। बैंक लोन (50,000-10 लाख रुपये) भी उपलब्ध है। 6-8 महीने में कमाई शुरू हो जाती है।
चारा और देखभाल जुगाड़
तोतापुरी बकरी कम खर्च में पलती है। ये बरसीम, ज्वार, मक्का, बबूल, बेर की पत्तियाँ खाती है। एक बकरी को रोज 4-6 किलो हरा चारा, 500 ग्राम सूखा चारा, और 200-300 ग्राम दाना (चोकर, खली, नमक) चाहिए। चारा उगाने से खर्च और कम होता है। महीने का चारा खर्च 2,000-3,000 रुपये प्रति 10 बकरी है। साफ-सफाई रखें, शेड में गंदगी न जमने दें। हर 6 महीने में मिट्टी बदलें ताकि बीमारियाँ न हों। टीकाकरण और कीड़े मारने की दवा समय पर दें। नीम का तेल छिड़ककर कीटों से बचाएँ। गर्भवती बकरी को ज्यादा पोषण दें। ये बकरी साल में 2 बार बच्चे देती है, हर बार 2-3 बच्चे, जिससे झुंड तेजी से बढ़ता है।
कमाई के रास्ते
तोतापुरी बकरी पालन से कई तरह की कमाई होती है। एक बकरा 1-1.5 साल में 40-60 किलो का हो जाता है, और 50,000-1,00,000 रुपये में बिकता है। 10 बकरियों से सालाना 20-30 बच्चे मिलते हैं, जिनमें बकरे 6-8 महीने में 15,000-30,000 रुपये के बिकते हैं। कुल मिलाकर 10 बकरियों से 2-3 लाख रुपये सालाना कमाई हो सकती है। दूध बेचकर प्रति बकरी 5,000-7,000 रुपये सालाना मिलते हैं, क्योंकि 2 लीटर रोज दूध 40-50 रुपये/लीटर बिकता है। गोबर से खाद बनाकर 5,000-10,000 रुपये प्रति बीघा अतिरिक्त कमाएँ। बकरीद पर तोतापुरी बकरे की माँग बढ़ती है, और जामा मस्जिद, दिल्ली जैसे बाजारों में मुंहमाँगा दाम मिलता है।
बाजार और मुनाफा
तोतापुरी बकरे की खूबसूरती और हेल्थ की वजह से मंडियों में अच्छा दाम मिलता है। बकरीद से पहले इनकी डिमांड दिल्ली-एनसीआर, मुम्बई में बढ़ जाती है। लोकल मंडी, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे IndiaMART, या सोशल मीडिया से बिक्री करें। एक यूनिट (10 बकरी + 1 बकरा) की लागत 1-1.5 लाख रुपये है, जिसमें चारा, शेड, टीकाकरण शामिल है। पहले साल 1.5-2 लाख रुपये मुनाफा हो सकता है। बड़े स्तर पर (50 बकरी) 5-7 लाख रुपये सालाना कमाई संभव है। बच्चों की बिक्री, दूध, और खाद से कमाई स्थिर रहती है। स्वस्थ बकरों को ब्रीडिंग के लिए बेचकर भी 20,000-50,000 रुपये प्रति बकरा कमा सकते हैं।
सावधानियाँ और टिप्स
तोतापुरी बकरी पालन में कुछ बातों का ध्यान रखें। स्वस्थ और शुद्ध नस्ल के पशु खरीदें, मोलभाव करके सही दाम लें। शेड में हवा और रोशनी का इंतजाम रखें। चारे में रासायनिक खाद का इस्तेमाल न करें, जैविक चारा दें। बीमारियों से बचाने के लिए पशु चिकित्सक से संपर्क करें। बकरीद से 3-4 महीने पहले बकरों को खास चारा (दूध, चना) दें, ताकि उनकी हाइट और वजन बढ़े। छोटे स्तर से शुरू करें, फिर झुंड बढ़ाएँ। स्थानीय किसान समूहों से जुड़ें, और मथुरा के केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान से ट्रेनिंग लें। सरकारी सब्सिडी और लोन का फायदा उठाएँ। तोतापुरी बकरी पालन आपकी मेहनत को सोने में बदल सकता है।
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