देश ने खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता तो हासिल कर ली, लेकिन अब पोषण सुरक्षा पर जोर देने का वक्त है। इसी दिशा में धारवाड़ के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (UAS) ने मोटे अनाजों की आठ नई उन्नत किस्में और दो सब्जी किस्में विकसित की हैं, जो ज्यादा पैदावार और रोगों से लड़ने की ताकत देती हैं।
इन किस्मों को जल्द ही कृषि मेले में किसानों के लिए जारी किया जाएगा। कुलपति प्रोफेसर पी.एल. पाटिल ने बताया कि ये किस्में बाढ़ और सूखे को सहन कर सकती हैं, जो बदलते मौसम में किसानों के लिए वरदान हैं। आइए जानें इन नई किस्मों की खासियत और किसानों को होने वाले फायदे।
मोटे अनाज: पोषण और पैदावार का खजाना
मोटे अनाज जैसे बाजरा, ज्वार, और तिल अब पोषण सुरक्षा का बड़ा हथियार बन रहे हैं। धारवाड़ UAS ने फॉक्सटेल बाजरा विकसित किया है, जो प्रति हेक्टेयर 31 क्विंटल अनाज और 5.15 टन चारा देता है। लिटिल बाजरा 26.34 क्विंटल अनाज और 4.69 टन चारा देता है। बार्नयार्ड बाजरा 34.28 क्विंटल, फिंगर बाजरा और कोडो बाजरा 36.07 क्विंटल, प्रोसो बाजरा 24.66 क्विंटल, और तिल 800 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की उपज देता है।
ये किस्में कम पानी और खराब मिट्टी में भी अच्छा प्रदर्शन करती हैं। केंद्र और राज्य सरकारें मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा दे रही हैं, और पिछले तीन सालों में इसका रकबा 13 मिलियन से 14.5 मिलियन हेक्टेयर तक बढ़ गया है।
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सूरजमुखी और सब्जियों में भी कमाल
मोटे अनाजों के साथ-साथ UAS ने हाइब्रिड सूरजमुखी की नई किस्म बनाई है, जो प्रति हेक्टेयर 2,434 किलोग्राम बीज देती है, जिसमें 40% तेल होता है। यह सूरजमुखी नेक्रोसिस वायरस, ब्लाइट, और पाउडरी मिल्ड्यू जैसे रोगों से लड़ने में सक्षम है।
सब्जियों में भिंडी (DOV-1) की उपज 17 टन प्रति हेक्टेयर और टमाटर (DTmV-5) की उपज 40 टन प्रति हेक्टेयर है। ये किस्में किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा दे सकती हैं, क्योंकि ये रोगों से बची रहती हैं और बाजार में अच्छा दाम लाती हैं।
सरकार का बढ़ता प्रोत्साहन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने मोटे अनाजों को बढ़ावा देने का जिम्मा कृषि विश्वविद्यालयों को सौंपा है। प्रोफेसर पाटिल ने बताया कि सरकारें कुपोषण से लड़ने और पोषण सुरक्षा बढ़ाने के लिए मोटे अनाजों को प्राथमिकता दे रही हैं। ये अनाज न सिर्फ पौष्टिक हैं, बल्कि कम पानी और देखभाल में भी अच्छी पैदावार देते हैं।
UAS ने 20 नई कृषि तकनीकों को भी विकसित किया है, जो खेती को और आसान बनाएंगी। इन किस्मों को किसानों तक पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय ने बीज उत्पादन और वितरण की व्यवस्था शुरू कर दी है।
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किसानों के लिए अलर्ट
किसान भाइयों, मोटे अनाज और नई सब्जी किस्में आपकी खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती हैं। फॉक्सटेल, फिंगर, और कोडो बाजरा जैसी किस्में कम लागत में ज्यादा पैदावार देती हैं। सूरजमुखी और भिंडी-टमाटर की नई किस्में भी मुनाफा बढ़ाएंगी।
अपने नजदीकी कृषि केंद्र से इन उन्नत बीजों की जानकारी लें और सितंबर में बुवाई की तैयारी करें। मिट्टी की जांच करवाएं और संतुलित खाद का इस्तेमाल करें। इन किस्मों को अपनाकर आप न सिर्फ अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं, बल्कि देश की पोषण सुरक्षा में भी योगदान दे सकते हैं।
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