कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और किसान इसकी आत्मा। इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित कृषि संकल्प अभियान की शुरुआत की है। ये अभियान 29 मई से 12 जून 2025 तक देश के 700 से ज़्यादा जिलों में चल रहा है, जिसमें वैज्ञानिक और किसान मिलकर खेती को नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं।
इस कड़ी में 31 मई को हरियाणा के पानीपत में एक खास कार्यक्रम हुआ, जहाँ शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से सीधा संवाद किया। उन्होंने खेतों में जाकर लाल, पीले, और संतरी तरबूज की खेती देखी और धान की नई किस्मों की तारीफ की, जो उत्पादन बढ़ाएँगी और पानी बचाएँगी। आइए, जानते हैं इस अभियान की खास बातें और पानीपत में क्या हुआ।
पानीपत में किसानों से सीधा संवाद
पानीपत के आर्य पीजी कॉलेज, जीटी रोड पर हुए कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के साथ दिल खोलकर बात की। इससे पहले वो खेतों में पहुँचे, जहाँ उन्होंने किसानों से उनकी खेती के तरीकों के बारे में जाना। इस दौरान हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा और शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा भी मौजूद थे। शिवराज जी ने कहा कि किसानों से मिलना और उनकी समस्याएँ सुनना उनके लिए भगवान की पूजा जैसा है। उन्होंने खेतों में जाकर किसानों की मेहनत को करीब से देखा और उनकी हिम्मत की तारीफ की। ये संवाद न सिर्फ किसानों का हौसला बढ़ाने वाला था, बल्कि खेती की नई तकनीकों को अपनाने की प्रेरणा भी दे गया।
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लाल, पीले, संतरी तरबूज की अनोखी खेती
कार्यक्रम से पहले शिवराज सिंह चौहान एक किसान रामप्रताप के खेत पर गए, जहाँ उन्होंने गेहूँ की फसल के साथ तरबूज की खेती देखी। ये तरबूज लाल, पीले, और संतरी रंग के थे, जो देखने में जितने खूबसूरत थे, उतने ही स्वाद में लाजवाब। मंत्री जी ने इन तरबूजों का स्वाद चखा और कहा कि ये स्वाद के मामले में कमाल हैं।
गेहूँ के साथ तरबूज की खेती का ये तरीका न सिर्फ मुनाफा बढ़ाता है, बल्कि खेती को और विविध बनाता है। ये नया प्रयोग किसानों के लिए मिसाल है, जो कम ज़मीन में ज़्यादा कमाई का रास्ता दिखाता है। शिवराज जी ने इसकी तारीफ करते हुए कहा कि ऐसी खेती विकसित भारत के सपने को सच करने में मदद करेगी।
धान की नई किस्में
विकसित कृषि संकल्प अभियान का मकसद है कि वैज्ञानिक शोध को खेतों तक पहुँचाया जाए। इस अभियान के तहत 16,000 वैज्ञानिकों की 2,170 टीमें देशभर में किसानों से मिल रही हैं। पानीपत के कार्यक्रम में शिवराज जी ने बताया कि वैज्ञानिकों ने धान की दो नई किस्में विकसित की हैं, जो 30% ज़्यादा उत्पादन देंगी और 20% कम पानी लेंगी। ये किस्में किसानों की लागत घटाएँगी और मुनाफा बढ़ाएँगी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों का ये शोध खेतों तक पहुँचना चाहिए, ताकि किसान इसका फायदा उठा सकें। ये अभियान ‘लैब टू लैंड’ के मंत्र को साकार कर रहा है, जिसमें वैज्ञानिक और किसान मिलकर खेती की दशा-दिशा बदल रहे हैं।
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अभियान से किसानों को फायदा
विकसित कृषि संकल्प अभियान का लक्ष्य है 1.5 करोड़ किसानों तक पहुँचना और उन्हें नई तकनीकों, सरकारी योजनाओं, और उन्नत बीजों की जानकारी देना। पानीपत में शिवराज जी ने बताया कि ये अभियान सिर्फ कर्मकांड नहीं, बल्कि खेती को बदलने वाला कदम है। वैज्ञानिक किसानों को ड्रोन तकनीक, धान की सीधी बुवाई, और प्राकृतिक खेती जैसे तरीकों के बारे में बता रहे हैं। साथ ही, मिट्टी की जाँच और सही खाद के इस्तेमाल की सलाह भी दे रहे हैं। इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि मिट्टी की सेहत भी बनी रहेगी। हरियाणा जैसे राज्यों में ये अभियान किसानों की जेब भरने और खेती को मज़बूत करने का रास्ता दिखा रहा है।
खेती को नई दिशा देने की पहल
शिवराज सिंह चौहान ने पानीपत में साफ किया कि कृषि मंत्री का काम सिर्फ दफ्तर में बैठना नहीं, बल्कि खेतों में जाकर किसानों की बात सुनना और उनके लिए रास्ते बनाना है। इस अभियान के ज़रिए वैज्ञानिक और किसान एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ये ‘एक देश, एक कृषि, एक टीम’ की सोच को सच कर रहा है। चाहे वो लाल-पीले तरबूज की खेती हो या धान की नई किस्में, ये अभियान किसानों को नई तकनीकों से जोड़ रहा है। अगर आप भी इस अभियान का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो अपने नज़दीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें। वहाँ आपको उन्नत बीज, मिट्टी जाँच, और सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी मिलेगी।
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