यूपी के 75 जिलों में 25.74 लाख टन खाद मौजूद! कृषि मंत्री शाही ने कहा- किसानों को उर्वरक की कोई किल्लत नहीं होगी

UP News: उत्तर प्रदेश के गाँवों में फसलें लहलहाएँ और किसानों का चेहरा खिले, इसके लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने साफ-साफ बता दिया है कि यूपी के हर कोने में खाद का भंडार भरा पड़ा है। करीब 25.74 लाख मीट्रिक टन उर्वरक तैयार हैं, ताकि खेतों में बोआई का काम बिना रुकावट चले। लेकिन कुछ लोग कालाबाजारी करके किसानों की मेहनत पर पर्दा डाल रहे थे। अब सरकार ने ऐसे लोगों की खैर नहीं। लखनऊ से लेकर कुशीनगर तक, कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई शुरू हो चुकी है, ताकि किसानों को सस्ती और सही खाद मिले।

खाद का पूरा हिसाब

कृषि मंत्री ने बताया कि यूपी के सभी 75 जिलों में खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। यूरिया की 15.71 लाख मीट्रिक टन, डीएपी की 2.98 लाख मीट्रिक टन, एनपीके की 3.02 लाख मीट्रिक टन, पोटाश की 0.81 लाख मीट्रिक टन और एसएसपी की 3.22 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध है। यह सारा स्टॉक किसानों तक सही दाम पर पहुँचे, इसके लिए सरकार ने कड़े नियम बनाए हैं। अब खाद की बिक्री किसान की खतौनी के आधार पर होगी, और हर दुकान पर रसीद देना जरूरी है। दाम की लिस्ट भी दुकान पर साफ-साफ दिखनी चाहिए, ताकि किसान को कोई ठग न सके।

ये भी पढ़ें- गोरखपुर में नैनो डीएपी का कमाल! धान की खेती में आया चमत्कारी बदलाव

कालाबाजारी की कमर तोड़ी

कुछ दुकानदारों ने ज्यादा दाम वसूलकर या खाद छिपाकर किसानों को परेशान किया, लेकिन अब उनकी शामत आ गई है। लखनऊ, सीतापुर, कुशीनगर और बलरामपुर में छापेमारी के दौरान कई गड़बड़ियाँ पकड़ी गईं। लखनऊ के बीकेटी में दो दुकानदारों के लाइसेंस रद्द हुए और उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई। सीतापुर के सिधौली और सांडा में कुछ दुकानदार दुकान छोड़कर भाग गए, तो उनके गोदाम सील कर दिए गए। कुशीनगर के खड्डा और बलरामपुर के डेरा बाजार में भी किसानों की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हुई। सीतापुर के जिला कृषि अधिकारी को लापरवाही के चलते नौकरी से हटा दिया गया। कृषि मंत्री ने साफ कर दिया कि कोई भी गलत काम करने वाला बचेगा नहीं।

बिक्री में साफ-सफाई

किसानों को सही दाम पर खाद मिले, इसके लिए सरकार ने नए नियम लागू किए हैं। अब सिर्फ वही दुकानदार खाद बेच सकेंगे, जो सक्रिय हैं। यूपी में 1.07 लाख रिटेलर लाइसेंस थे, जिनमें से 23,000 निष्क्रिय लाइसेंस खत्म कर दिए गए। अगर कोई दुकानदार खाद के साथ दूसरी चीजें थोपता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। नेपाल और बिहार से लगे जिलों में खाद की तस्करी रोकने के लिए खास नजर रखी जा रही है। यह सारे कदम किसानों को यह भरोसा देते हैं कि उनकी मेहनत का पूरा फल मिलेगा।

मिट्टी को बचाने की मुहिम

खाद का ज्यादा इस्तेमाल खेतों की मिट्टी को कमजोर करता है, और फसल की पैदावार भी घटती है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सरकार किसानों को सही और संतुलित खाद इस्तेमाल की सलाह दे रही है। यूरिया के साथ डीएपी, एनपीके, पोटाश और एसएसपी का सही अनुपात अपनाने से मिट्टी की ताकत बनी रहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी खाद की क्वालिटी और आसान उपलब्धता पर जोर दिया है। गाँवों में किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे वैज्ञानिक तरीके से खेती करें और ज्यादा मुनाफा कमाएँ।

ये भी पढ़ें- यूपी में वर्मी कंपोस्ट यूनिट पर मिलेगा ₹50,000 अनुदान, पहले आओ-पहले पाओ पर उठाएं फायदा

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment