Up Dhan Kharid: उत्तर प्रदेश के किसान भाइयों के लिए इस बार धान बेचना पहले से कहीं ज़्यादा आसान और तेज़ होने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दे दिए हैं कि धान का उठान, मिलों की मैपिंग और सारी प्रक्रिया इतनी सुचारू चले कि किसी भी किसान को खरीद केंद्र पर ज़्यादा देर तक रुकना न पड़े और भुगतान में एक दिन की भी देरी न हो।
धान खरीद में अब तक की सबसे बड़ी दिक्कतें क्या थीं?
पिछले कुछ सालों में सबसे ज़्यादा शिकायत यही आती थी कि किसान सुबह से लाइन में लग जाते थे, गाड़ी खाली होने में दो-तीन दिन लग जाते थे। कई बार मिलें दूर होती थीं, रास्ते में बारिश से धान खराब हो जाता था। सबसे बड़ी परेशानी तो भुगतान की होती थी – कभी 10 दिन, कभी 20 दिन लग जाते थे। इस बार सरकार ने ठान लिया है कि ये सारी समस्याएँ जड़ से खत्म होंगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि धान उठान और मिलों की मैपिंग को इतना परफेक्ट बनाया जाए कि हर खरीद केंद्र से धान तुरंत मिल तक पहुँचे। हर केंद्र पर पर्याप्त कर्मचारी और ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था रहे। मिलों को पहले से ही तय कर दिया गया है कि कौन सा केंद्र किस मिल से जुड़ेगा, ताकि किसी भी तरह की उलझन न रहे। खास बात ये है कि अब भुगतान 48 से 72 घंटे के अंदर किसान के खाते में आने की पूरी व्यवस्था की जा रही है।
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इस बार कितना धान खरीदा जाएगा और MSP कितना है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस सीजन में लगभग 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान का 2320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह कीमत पिछले साल से थोड़ी ज़्यादा है और किसानों को सीधा फायदा पहुँचाएगी।
किसानों को पहले से क्या तैयारी कर लेनी चाहिए?
अगर आप भी धान बेचने जा रहे हैं तो सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन चेक कर लें। ऑनलाइन पोर्टल up.gov.in/farmer या fcs.up.gov.in पर जाकर अपना स्लॉट बुक कर लें। रजिस्ट्रेशन में आधार कार्ड, बैंक खाता और खसरा-खतौनी की डिटेल सही-सही भरें। जिस दिन का स्लॉट मिले, उसी दिन सुबह धान लेकर पहुँच जाएँ, देर करने से दूसरों की गाड़ी पहले चली जाएगी। धान में नमी 17 प्रतिशत से ज़्यादा न हो, वरना वजन में कटौती हो सकती है।
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इस बार सबसे बड़ा बदलाव भुगतान में हुआ है। पहले मिलें धान लेती थीं, फिर बिल बनता था, फिर बैंक में जाता था – इसमें हफ्तों लग जाते थे। अब सरकार ने PFMS (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) को पूरी तरह एक्टिवेट कर दिया है। जैसे ही आपका धान तौला जाएगा और कागजात कंप्लीट होंगे, उसी दिन या अगले दिन पैसा सीधे आपके खाते में ट्रांसफर हो जाएगा।
गाँव-गाँव तक सूचना कैसे पहुँचेगी?
हर जिले में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। अगर आपको कोई दिक्कत आए तो टोल-फ्री नंबर 1800-1800-150 पर फोन कर सकते हैं। ग्राम प्रधानों और लेखपालों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वे किसानों को समय पर सूचना दें और किसी भी तरह की दलाली या रिश्वत न होने पाए।
इस बार उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ कह दिया है – अन्नदाता का एक-एक दाना खरीदा जाएगा और एक-एक रुपया समय पर उसके खाते में पहुँचेगा। योगी जी का संदेश बहुत साफ है कि किसान अगर मेहनत करके अनाज उगाता है तो उसे उसका पूरा हक बिना किसी परेशानी के मिलना चाहिए।
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