उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों को आधुनिक खेती की दिशा में मजबूत धक्का दिया है। भारी सब्सिडी के साथ कृषि उपकरण उपलब्ध कराने वाली यह पहल किसानों की मेहनत को कम करने और आय बढ़ाने का प्रयास है। कृषि विभाग के निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी ने कहा कि योजना का मुख्य लक्ष्य किसानों को नई तकनीक से जोड़ना है। इससे खेती आसान होगी, खर्च घटेगा और पैदावार में इजाफा होगा। 15 अक्टूबर से शुरू हुई यह योजना 29 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें ड्रोन जैसे उन्नत यंत्रों पर 50 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। छोटे किसान भी अब महंगे उपकरणों का फायदा उठा सकेंगे।
कृषि यंत्रीकरण योजना
यह योजना कृषि यंत्रीकरण के तहत चलाई जा रही है, जो फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम हायरिंग सेंटर और हाई-टेक हब जैसे विकल्पों को कवर करती है। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि कृषि ड्रोन, फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरण और कृषि रक्षा मशीनों पर भी अनुदान मिलेगा। इन उपकरणों से किसान समय बचाएंगे और उत्पादकता बढ़ाएंगे। उदाहरण के तौर पर, ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव तेज होगा, जबकि अवशेष प्रबंधन मशीनें पराली जलाने की समस्या हल करेंगी। योजना से जुड़ने वाले किसानों को सस्ते दामों पर ये यंत्र मिलेंगे, जो उनकी लागत को काफी कम कर देगी।
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आवेदन की आसान प्रक्रिया
किसानों के लिए आवेदन बिल्कुल सरल रखा गया है। आधिकारिक पोर्टल www.agridarshan.gov.in पर जाएं और ‘किसान कॉर्नर’ लिंक पर क्लिक करें। वहां ‘यंत्र बुकिंग प्रारंभ’ विकल्प चुनकर जरूरी जानकारी भरें। आधार कार्ड, बैंक डिटेल्स और खेत के कागजात अपलोड करने होंगे। अगर ऑनलाइन दिक्कत हो, तो नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर जाकर मदद लें। डॉ. त्रिपाठी ने जोर दिया कि 29 अक्टूबर तक आवेदन करें, क्योंकि उसके बाद पोर्टल बंद हो जाएगा। स्वीकृति के बाद सब्सिडी सीधे खाते में आएगी।
खेती में आएगी क्रांति
डॉ. त्रिपाठी के अनुसार, यह 15 से 29 अक्टूबर तक चलेगी, ताकि किसान जल्दी लाभ ले सकें। 50 प्रतिशत सब्सिडी से यंत्र सस्ते होंगे, जिससे कम मेहनत में ज्यादा काम होगा। उदाहरणस्वरूप, कस्टम हायरिंग सेंटर से छोटे किसान महंगे ड्रोन किराए पर ले सकेंगे। फसल अवशेष उपकरण प्रदूषण कम करेंगे और उत्पादन बढ़ाएंगे। कुल मिलाकर, यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगी। अगर आप यूपी के किसान हैं, तो देर न करें और आवेदन करें। स्थानीय कृषि केंद्र से अतिरिक्त सलाह लें।
किसानों के लिए टिप
योगी सरकार की यह पहल खेती को तकनीकी क्रांति की ओर ले जा रही है। सब्सिडी से न सिर्फ खर्च बचेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी होगा। डॉ. त्रिपाठी की सलाह मानें और आधुनिक यंत्र अपनाएं। इससे नेटवर्क में जुड़कर अन्य किसानों से भी सीखें। योजना से जुड़ना आसान है, बस समय पर कदम उठाएं।
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