उत्तर प्रदेश के खेतों में मेहनत करने वाले किसान भाइयों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि अब फार्मर आईडी यानी किसान पहचान पत्र बिना कोई सरकारी कृषि योजना का फायदा नहीं मिलेगा। यह आईडी आधार कार्ड की तरह काम करेगी, जो सब्सिडी वाली खाद, बीज और पीएम किसान सम्मान निधि जैसे लाभों का गेटवे बनेगी। 16 अक्टूबर 2025 से विशेष अभियान शुरू हो चुका है, जिसमें गांव-गांव कैंप लग रहे हैं। कृषि विभाग का कहना है कि यह कदम एग्रीस्टैक योजना के तहत उठाया गया है, ताकि किसानों का डेटा डिजिटल हो और योजनाएं पारदर्शी तरीके से पहुंचें।
57 फीसदी किसानों को मिल चुकी आईडी, बाकियों के लिए अभियान तेज
प्रदेश के कृषि विभाग के प्रमुख सचिव रविंद्र ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक बुलाई और सख्त निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अभी तक 1 करोड़ 50 लाख 69 हजार 897 यानी 57 फीसदी किसानों का पहचान पत्र बन चुका है। लेकिन बाकी 43 फीसदी किसान अभी भी इंतजार कर रहे हैं, जिससे योजनाओं का लाभ रुक रहा है। मुख्य सचिव के आदेश पर कृषि और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें गांवों में कैंप लगा रही हैं। यह अभियान 16 अक्टूबर से चल रहा है, और इसका मकसद हर किसान को आईडी दिलाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न सिर्फ लाभ वितरण तेज होगा, बल्कि फर्जी दावों पर भी लगाम लगेगी।
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फार्मर ID क्यों जरूरी
सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा तभी मिलेगा जब आपके पास यह 12 अंकीय आईडी हो। उदाहरण के लिए, पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सालाना 6 हजार रुपये की तीन किश्तें इसी आईडी से जुड़ी हैं। इसी तरह, सब्सिडी पर उर्वरक, बीज वितरण, फसल बीमा और अन्य कृषि सहायता योजनाएं भी इसी पर निर्भर करेंगी। विभाग की रिपोर्ट बताती है कि बिना आईडी के हजारों किसान लाभ से वंचित रह जाते हैं। यह आईडी किसान रजिस्ट्री पोर्टल पर आधारित है, जो केंद्र सरकार की एग्रीस्टैक पहल का हिस्सा है। उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया तेजी से चल रही है, ताकि 2025-26 के कृषि सत्र में कोई किसान पीछे न रहे।
कैसे बनवाएं फार्मर ID: कैंप, CSC या घर बैठे ऑनलाइन
किसान भाइयों, प्रक्रिया बिलकुल आसान है। सबसे पहले नजदीकी गांव के कैंप या कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर जाएं। साथ में आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पासबुक और खेती से जुड़े दस्तावेज ले जाना होगा। सीएससी पर स्टाफ आपका फॉर्म भरकर पोर्टल पर अपलोड कर देगा। अगर घर से करना चाहें तो upfr.agristack.gov.in या किसान ऐप डाउनलोड करें। ऐप में ‘फार्मर रजिस्ट्री’ सेक्शन पर क्लिक करें, आधार नंबर डालें और ओटीपी से वेरीफाई करें। बाकी डिटेल्स जैसे जमीन का रिकॉर्ड ऑटोमैटिक भर जाएंगे। प्रक्रिया पूरी होते ही आईडी नंबर एसएमएस पर आ जाएगा। विभाग ने सलाह दी है कि अगर जमीन का कोई विवरण बदल गया हो तो अपडेट जरूर करवाएं।
कौन पात्र नहीं
यह आईडी सिर्फ उन किसानों के लिए है जिनके पास खेती योग्य जमीन हो। लेकिन अगर आपकी सालाना आय ज्यादा है या आप डॉक्टर, इंजीनियर, सरकारी अधिकारी जैसे प्रोफेशन में हैं, तो योजना से बाहर रहेंगे। विभाग ने साफ कहा है कि केवल छोटे-मध्यम किसान ही मुख्य लाभार्थी हैं। अगर कोई गलत जानकारी भरी तो कार्रवाई हो सकती है, इसलिए सच्चे दस्तावेज ही दें। 2025 के बजट में इस योजना को और मजबूत करने के लिए फंड बढ़ाया गया है, ताकि ग्रामीण इलाकों में कैंप ज्यादा लगें।
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