उत्तर प्रदेश में रबी सीजन 2025-26 के लिए अलसी की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी राहत वाली योजना शुरू हो गई है। सरकार की निःशुल्क तिलहन बीज मिनीकिट वितरण योजना के तहत किसानों को मुफ्त में उच्च गुणवत्ता वाले अलसी के बीज मिलेंगे। यह कदम किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। लेकिन इस लाभ का फायदा उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन जरूरी है। प्रदेश के कृषि निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी ने किसानों से जल्द आवेदन करने की अपील की है।
योजना का उद्देश्य और लाभ
रबी सीजन तिलहनी फसलों के लिए सबसे अनुकूल समय होता है, और अलसी जैसी फसलें किसानों को अच्छा मुनाफा दे सकती हैं। इस योजना से किसानों को निःशुल्क बीज मिनीकिट मिलेगी, जो उनकी खेती की लागत को कम करेगी। डॉ. त्रिपाठी के अनुसार, यह योजना पूरी तरह पारदर्शी है और किसानों की आय में बंपर वृद्धि की उम्मीद है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी किसानों से इस स्कीम का लाभ उठाने को कहा है। एक किसान को केवल एक मिनीकिट ही मिलेगी, इसलिए जल्द आवेदन करें।
ये भी पढ़ें- UP में टमाटर खेती के लिए अनुदान योजना शुरू, जानें रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया
आवेदन की प्रक्रिया और अंतिम तिथि
किसानों को कृषि विभाग के आधिकारिक पोर्टल Agridarshan.up.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। ऑनलाइन आवेदन 24 सितंबर 2025 से शुरू हो चुके हैं और अंतिम तिथि 12 अक्टूबर 2025 है। अगर आवेदनों की संख्या लक्ष्य से ज्यादा हुई, तो ऑनलाइन लॉटरी से चयन होगा। चयनित किसानों को POS मशीन के जरिए सरकारी कृषि बीज भंडारों से बीज वितरित किए जाएंगे। यह प्रक्रिया आसान और तेज है, बस इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत है।
अलसी की उन्नत किस्में
अलसी की खेती के लिए अंसिंचित क्षेत्रों में पद्मनिया, लक्ष्मी-27, शारदा, जेएलएस-73 और जेएलएस-66 जैसी किस्में सबसे अच्छी मानी जाती हैं। इन बीजों से अच्छी पैदावार मिलती है और फसल रोगों से भी सुरक्षित रहती है। योजना के तहत मिलने वाले मिनीकिट में इन्हीं उन्नत किस्मों के बीज होंगे। किसान इनका इस्तेमाल करके अपनी खेती को ज्यादा लाभदायक बना सकते हैं।
ये भी पढ़ें- गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, 4 जरूरी यंत्रों पर मिल रही भारी सब्सिडी
बुवाई के सही तरीके
अलसी की बुवाई के लिए सिंचित या सामान्य स्थिति में बीज को 2 से 3 सेंटीमीटर गहराई पर बोना चाहिए। इस फसल को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन अच्छी उपज के लिए 2-3 सिंचाई जरूर करें। बुवाई से पहले बीजों को कार्बेन्डाजिम की 2.5 से 3 ग्राम प्रति किलोग्राम दर से उपचारित करें। इससे फसल स्वस्थ रहेगी और कीटों से बचेगी। सही तरीके से बुवाई करने पर किसान बेहतर परिणाम पा सकेंगे।
अलसी के स्वास्थ्य लाभ
अलसी केवल फसल नहीं, बल्कि एक औषधीय खजाना भी है। आयुर्वेद में इसे दैवी भोजन कहा जाता है। इसके बीजों से निकला तेल हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, लीवर संक्रमण और जोड़ों के दर्द जैसी कई बीमारियों में फायदेमंद है। डॉक्टरों के अनुसार, नियमित सेवन से स्वास्थ्य सुधरता है। इस फसल की खेती न केवल आर्थिक लाभ देगी, बल्कि बाजार में इसकी मांग भी बढ़ रही है।
यह योजना उत्तर प्रदेश के हर जिले के किसानों के लिए है। अगर आप अलसी की खेती की योजना बना रहे हैं, तो अंतिम तिथि से पहले आवेदन पूरा करें। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद स्थानीय कृषि अधिकारी से संपर्क करें। सही बीज और तकनीक से आपकी आय में जबरदस्त इजाफा होगा। योगी सरकार की इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत बनेगी।
ये भी पढ़ें- स्ट्राबेरी खेती पर 3 लाख अनुदान टमाटर-मिर्च-लहसुन पर 50 हजार, यहाँ से रजिस्ट्रेशन करें