खरीफ का सीजन आने वाला है, और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी भी साथ लाया है। इस बार सरकार दे रही है धान, अरहर, उड़द, मूंग, और ढैंचा जैसे खरीफ फसलों के बीज पर 50% की सब्सिडी! यानी आधे दाम में उन्नत और प्रमाणित बीज लेकर आप अपनी फसल की पैदावार बढ़ा सकते हैं। पहले तो सब्सिडी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब सरकार ने नई व्यवस्था कर दी है—बीज खरीदते वक्त ही सब्सिडी मिलेगी। बस आधार कार्ड लेकर सरकारी बीज गोदाम पहुँचें और अपने खेत के लिए सही बीज ले जाएँ।
50% सब्सिडी का नया नियम
पहले की बात करें तो किसानों को बीज खरीदते वक्त पूरा दाम देना पड़ता था, फिर सब्सिडी का पैसा महीनों बाद खाते में आता था। लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इस झंझट को खत्म कर दिया है। अब आप सरकारी बीज गोदाम से बीज लेंगे, तो सीधे आधा दाम ही देना होगा। यानी अगर बीज की कीमत 100 रुपये है, तो आपको सिर्फ 50 रुपये देने होंगे बाकी 50 रुपये सरकार देगी। इसके लिए बस आधार कार्ड और उत्तर प्रदेश किसान पारदर्शी पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी है। एक किसान को ज्यादा से ज्यादा 2 हेक्टेयर की खेती के लिए बीज मिलेगा, और ये सुविधा पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर है।
ये भी पढ़ें- मल्चिंग लगाने पर सरकार दे रही 50% सब्सिडी, जानिए कैसे उठाएं लाभ
बीज की कीमतें और सब्सिडी का हिसाब
सरकार ने खरीफ 2025 के लिए बीज की कीमतें तय कर दी हैं, और हर बीज पर 50% सब्सिडी मिलेगी। मोटा धान का बीज 44.88 रुपये प्रति किलो है, यानी सब्सिडी के बाद आपको सिर्फ 22.44 रुपये प्रति किलो देना होगा। महीन धान का बीज 45.09 रुपये प्रति किलो है, तो आपको 22.55 रुपये प्रति किलो देना होगा। बासमती धान का बीज 61.38 रुपये प्रति किलो है, जिसके बाद आपको 30.69 रुपये प्रति किलो देना होगा। अरहर का बीज 171.42 रुपये प्रति किलो है, तो सब्सिडी के बाद 85.71 रुपये प्रति किलो। उड़द का बीज 145.20 रुपये प्रति किलो है, यानी 72.60 रुपये प्रति किलो देना होगा। मूंग का बीज 116.85 रुपये प्रति किलो है, तो 58.43 रुपये प्रति किलो। ढैंचा का बीज 116 रुपये प्रति किलो है, यानी 58 रुपये प्रति किलो देना होगा। ये सारे बीज प्रमाणित हैं, जो बंपर पैदावार की गारंटी देते हैं।
बीज गोदाम से कैसे लें बीज?
उत्तर प्रदेश के हर जिले में सरकार ने राजकीय बीज गोदाम खोले हैं, जहाँ से आप खरीफ फसलों के बीज ले सकते हैं। बस अपने नजदीकी गोदाम पर जाएँ, अपना आधार कार्ड दिखाएँ, और पंजीकरण की डिटेल दें। अगर आपने अभी तक उत्तर प्रदेश किसान पारदर्शी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, तो agriculture.up.gov.in पर जाकर पहले रजिस्टर कर लें। ये पोर्टल पारदर्शिता के लिए बनाया गया है, ताकि हर किसान को बराबर मौका मिले। बीज वितरण पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगा, तो जल्दी करें, वरना स्टॉक खत्म हो सकता है। एक किसान को 2 हेक्टेयर तक के लिए बीज मिलेगा, जो छोटे और मझोले किसानों के लिए बड़ी राहत है।
खरीफ फसलों की बुवाई
खरीफ फसलों की बुआई जून-जुलाई में शुरू हो जाती है, तो अभी से तैयारी शुरू कर दें। धान, अरहर, उड़द, मूंग, और ढैंचा की बुआई के लिए खेत को अच्छे से जोत लें। गोबर की खाद डालें, ताकि मिट्टी की सेहत ठीक रहे। धान के लिए 20-25 किलो बीज प्रति हेक्टेयर चाहिए, अरहर के लिए 10-12 किलो, उड़द और मूंग के लिए 15-20 किलो, और ढैंचा के लिए 25-30 किलो। प्रमाणित बीज होने की वजह से अंकुरण अच्छा होगा, और फसल भी बंपर आएगी। बारिश से पहले बुआई कर लें, ताकि फसल को पूरा पानी मिले। अगर सिंचाई का इंतजाम है, तो ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल करें, इससे पानी की बचत होगी।
ये भी पढ़ें- सरकार की नई योजना बोरिंग पर मिलेगा ₹10,000 तक का अनुदान, जानें कैसे करें ऑनलाइन आवेदन