धान की खेती किसानों की कमर है, लेकिन महंगे बीज और खाद जेब पर भारी पड़ते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की इस मुश्किल को समझा और खरीफ सीजन में धान की बुवाई के लिए सस्ते दामों पर अच्छे बीज देने का इंतज़ाम किया है। इस योजना से किसानों को आधे दाम पर उन्नत बीज मिल रहे हैं, जिससे खेती का खर्चा घट रहा है और मुनाफा बढ़ रहा है। आइए, जानते हैं कि ये योजना कैसे काम कर रही है और आप इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं।
कृषि केंद्र से मिल रही सस्ती राहत
कृषि केंद्रों पर इन दिनों किसानों की चहल-पहल बढ़ गई है। धान के उन्नत बीज आधे दाम पर मिल रहे हैं, और ये सुविधा उन किसानों के लिए है जो कृषि विभाग में पंजीकृत हैं। मसलन, रायबरेली के एक कृषि केंद्र के अधिकारी ने बताया कि पंजीकृत किसानों को 50% अनुदान पर बीज दिए जा रहे हैं। मतलब, अगर बाज़ार में बीज 200 रुपये किलो है, तो यहाँ 100 रुपये में मिल रहा है। ये पैसा सीधे किसानों को नगद दिया जाता है, ताकि उन्हें बाज़ार के महंगे बीज न खरीदने पड़ें। इस योजना से किसानों का खर्चा आधा हो रहा है, और फसल की पैदावार भी बढ़ रही है।
कौन-से बीज हैं खास?
इस योजना में धान की ऐसी प्रजातियाँ दी जा रही हैं, जो कम लागत में ज़्यादा फसल देती हैं। इनमें MTU 7029, BPT 5204, RNR, और अराइज 644 गोल्ड जैसी उन्नत किस्में शामिल हैं। ये बीज खेत में अच्छी पैदावार देते हैं और मुश्किल मौसम में भी टिके रहते हैं। खास बात ये है कि जो बीज 10 साल से कम समय के लिए अधिसूचित हैं, उन पर 50% अनुदान मिलता है। पुरानी प्रजातियों पर भी कुछ छूट है, लेकिन थोड़ी कम। इन बीजों से फसल न सिर्फ ज़्यादा होती है, बल्कि मिट्टी भी स्वस्थ रहती है।
अनुदान लेने का आसान तरीका
अनुदान लेना भी बड़ा आसान है। बस आपको कृषि केंद्र पर जाकर अपनी बायोमेट्रिक पहचान करानी होगी। यानी, अँगूठे का निशान या आधार कार्ड से वेरिफिकेशन। इसके बाद आपको बीज के बदले 50% अनुदान की रकम नगद मिल जाएगी। लेकिन ये सुविधा सिर्फ पंजीकृत किसानों के लिए है। अगर आपने अभी तक पंजीकरण नहीं कराया, तो जल्दी से अपने नज़दीकी कृषि केंद्र पर संपर्क करें। वहाँ के अधिकारी आपको सारी प्रक्रिया समझा देंगे। इस छोटे से कदम से आपकी खेती का खर्चा बहुत कम हो सकता है।
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किसानों को मिल रही राहत
किसान भाइयों का कहना है कि इस योजना ने उनकी खेती को आसान कर दिया है। पहले बाज़ार से महंगे बीज खरीदने पड़ते थे, लेकिन अब वही बीज आधे दाम में मिल रहा है। एक किसान ने बताया कि उसने इस बार धान की नई प्रजाति ली, और उसकी फसल पहले से ज़्यादा अच्छी हुई। लागत कम होने से मुनाफा भी बढ़ा है। किसानों का उत्साह देखकर लगता है कि सरकार का ये कदम उनकी मेहनत को सही दिशा दे रहा है। इस तरह की योजनाएँ किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं।
अच्छे बीज से मज़बूत खेती
कृषि विशेषज्ञ कहते हैं कि खेती की नींव अच्छा बीज होता है। अगर बीज उन्नत हो, तो फसल की पैदावार बढ़ती है और मिट्टी भी खराब नहीं होती। उत्तर प्रदेश सरकार की ये योजना न सिर्फ खेती को सस्ता कर रही है, बल्कि किसानों की कमाई को भी दोगुना करने की दिशा में एक मज़बूत कदम है। धान की खेती करने वाले किसान भाई इस मौके को हाथ से न जाने दें। अपने नज़दीकी कृषि केंद्र पर जाकर इस योजना का फायदा उठाएँ और अपने खेत को लहलहाएँ।
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