अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों के लिए यूपी सरकार ने एक शानदार योजना शुरू की है, जो खेती को आसान और मुनाफे वाला बनाने वाली है। इस योजना में 400 किसानों को सब्जी, मसाला और फूलों की खेती के लिए खास मदद दी जाएगी। खेती में लगने वाले खर्च का 75 से 90 फीसदी तक अनुदान सीधे बैंक खाते में आएगा। अगर खेती से अच्छी कमाई करने का सपना है, तो ये मौका छोड़ना नहीं चाहिए। आइए जानें इस योजना के बारे में सबकुछ।
योजना में क्या है खास?
इस साल जिले में 49.50 हेक्टेयर जमीन पर सब्जी, मसाला और फूलों की खेती को बढ़ावा देने का प्लान है। इसके लिए सरकार ने 16.86 लाख रुपये का बजट रखा है। जिन किसानों के पास चार बिस्वा से लेकर 16 बिस्वा तक जमीन है, वो इस योजना का फायदा उठा सकते हैं। बीज, खाद और दूसरी जरूरी चीजों के लिए सरकार पैसा देगी, ताकि बिना ज्यादा खर्च के अच्छी खेती हो सके। ये योजना खासकर उन किसानों के लिए है, जो मेहनत तो करते हैं, लेकिन पैसे की कमी की वजह से बड़ी खेती नहीं कर पाते।
कौन सी फसलें उगाई जा सकती हैं?
इस योजना में कई तरह की फसलों की खेती का मौका है। खरीफ और जायद मौसम के हिसाब से अलग-अलग फसलों का लक्ष्य तय किया गया है। कद्दूवर्गीय सब्जियों में लौकी, करेला, खीरा और तरोई शामिल हैं। खरीफ में इनके लिए 6 हेक्टेयर और जायद में 7.50 हेक्टेयर जमीन पर खेती होगी। ये फसलें उगाना आसान है और बाजार में इनका अच्छा दाम मिलता है। कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा कमाने का ये अच्छा तरीका है।
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टमाटर की खेती के लिए बरसात और सर्दी के मौसम में 10 हेक्टेयर जमीन का लक्ष्य है। टमाटर पर 75 फीसदी तक अनुदान मिलेगा, यानी ज्यादा से ज्यादा 37,500 रुपये की मदद मिल सकती है। टमाटर की फसल जल्दी तैयार होती है और बाजार में हमेशा इसकी मांग रहती है। ये हर किसान की पसंदीदा फसल है।
मिर्च और प्याज से बढ़ेगा मुनाफा
जो किसान ज्यादा कमाई चाहते हैं, उनके लिए मिर्च और प्याज की खेती बेस्ट है। सरकार ने इनके लिए 15 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है। इन फसलों पर 75 से 90 फीसदी तक अनुदान मिलेगा। मिर्च और प्याज की खेती में कम खर्च लगता है, लेकिन मुनाफा बड़ा होता है। मिर्च तो हर रसोई में चाहिए होती है, और प्याज की डिमांड तो कभी खत्म नहीं होती। इन फसलों से किसान अपनी जेब आसानी से भर सकते हैं।
गेंदा फूल की खेती का मौका
सब्जी और मसालों के अलावा गेंदा फूल की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। गेंदा की खेती आसान है और इससे अच्छी कमाई हो सकती है। शादी-ब्याह, पूजा-पाठ और सजावट में गेंदा के फूलों की बड़ी मांग रहती है। गांव में ही इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। ये फसल कम समय में तैयार होती है और बाजार में इसका दाम भी अच्छा मिलता है।
योजना का लाभ कैसे मिलेगा?
इस योजना का फायदा लेने के लिए ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। उद्यान विभाग के अफसरों ने बताया कि बीज और दूसरी जरूरी चीजें चयनित फर्मों के जरिए मिलेंगी। किसान अपनी पसंद के बीज चुन सकते हैं। पंजीकरण के लिए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ का नियम है। यानी जितनी जल्दी पंजीकरण करवाया, उतनी जल्दी लाभ मिलेगा। उद्यान निरीक्षक अरुण कुमार यादव के मुताबिक, टेंडर प्रक्रिया के जरिए सबकुछ पारदर्शी होगा, ताकि सही किसानों को समय पर मदद मिल सके।
ये योजना खास है, क्योंकि ये उन किसानों को मौका देती है, जो मेहनत करने को तैयार हैं, लेकिन पैसे की कमी उन्हें रोक देती है। सरकार का मकसद है कि अनुसूचित जाति और जनजाति के किसान आत्मनिर्भर बनें। इस योजना से नई तकनीक और अच्छे बीजों का इस्तेमाल हो सकेगा, जिससे फसल की पैदावार बढ़ेगी और कमाई भी ज्यादा होगी।
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