उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ फसलों की बुवाई और उत्पादन बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने विभिन्न कृषि योजनाओं के तहत 41067.12 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। यह राशि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नेशनल फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन मिशन, और कृषोन्नति योजना के लिए आवंटित की गई है। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही के नेतृत्व में लिया गया यह फैसला किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समय पर बीज और संसाधन
सरकार का मकसद है कि खरीफ सीजन 2025 में फसल उत्पादन अधिकतम हो। इसके लिए बीज, उर्वरक, कीटनाशक, और यांत्रिक संसाधनों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि यह डबल इंजन सरकार किसानों को समय पर निवेश और उन्नत तकनीकों की सुविधा देगी। इससे किसान अपनी फसलों को बेहतर तरीके से उगा सकेंगे और उत्पादन में वृद्धि होगी। यह पहल न सिर्फ किसानों की जिंदगी सुधारने में मदद करेगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी।
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लाखों किसानों तक पहुंच
उत्तर प्रदेश में विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के तहत अब तक 75 जिलों के 4725 स्थानों पर 810000 से ज्यादा किसानों ने हिस्सा लिया है। इस अभियान का मकसद कम से कम 50 लाख किसानों तक पहुंचना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 29 मई को इस अभियान की शुरुआत की, जो 12 जून तक चलेगा। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी किसानों को नई तकनीकों, शोध, और सरकारी योजनाओं की जानकारी देंगे। किसानों की समस्याओं पर भी चर्चा की जाएगी, ताकि वे अपनी मुश्किलों का हल पा सकें।
इस अभियान का नारा ‘लैब टू लैंड’ है, जिसका मतलब है कि प्रयोगशाला में किए गए शोध को खेत तक पहुंचाना। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित नई तकनीकों और तरीकों को किसानों के बीच साझा किया जाएगा, ताकि वे अपनी फसलें बेहतर तरीके से उगा सकें। हर जिले में 135 स्थानों पर कृषक-वैज्ञानिक संवाद आयोजित किए जाएंगे, जहाँ किसानों को खेती से जुड़ी सभी योजनाओं और तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। इससे किसानों को नई दिशा मिलेगी और उनकी आय बढ़ेगी।
सरकार का वादा
कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि यह योजना लाखों किसानों को फायदा पहुंचाएगी। सरकार ने सुनिश्चित किया है कि हर किसान को समय पर संसाधन और जानकारी मिले। इससे खरीफ फसलों की बुवाई और उत्पादन में वृद्धि होगी, और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यह पहल उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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