यूपी सरकार की नई पहल के तहत 1750 राजकीय नलकूप बनाए जाएंगे ईको-फ्रेंडली, स्मार्ट सिंचाई से किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खबर! राज्य सरकार ने खेती को नया रंग देने के लिए 1750 राजकीय नलकूपों को ईको-फ्रेंडली ट्यूबवेल में बदलने का फैसला किया है। इस योजना से ढाई लाख किसान परिवारों को सीधा फायदा होगा, और 1.75 लाख हेक्टेयर खेतों में सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी। अगले दो साल में ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। इतना ही नहीं, सौर ऊर्जा से चलने वाली 21 नई लघु डाल नहरें और स्मार्ट सिंचाई तकनीक भी शुरू की जा रही है। ये कदम न सिर्फ खेती को आसान और सस्ता बनाएंगे, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा करेंगे। आइए, इस योजना की पूरी डिटेल जानते हैं।

नलकूपों का हरा-भरा बदलाव

उत्तर प्रदेश सरकार पुराने नलकूपों को नया और पर्यावरण अनुकूल रूप देने जा रही है। इन 1750 नलकूपों को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड करके ईको-फ्रेंडली ट्यूबवेल बनाया जाएगा। इनके आसपास बड़े पैमाने पर पेड़-पौधे लगाए जाएंगे, जिससे इलाके में हरियाली बढ़ेगी और पर्यावरण का संतुलन बना रहेगा। ये ट्यूबवेल सौर ऊर्जा से चलेंगे, यानी बिजली का बिल कम होगा और किसानों की जेब पर बोझ नहीं पड़ेगा।

सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ये ट्यूबवेल बिजली की खपत कम करेंगे और पानी की बचत भी करेंगे। चाहे धान हो, गेहूं हो, या सब्जियाँ, इन ट्यूबवेलों से हर फसल को समय पर पानी मिलेगा। ये योजना खासकर उन इलाकों में गेम-चेंजर साबित होगी, जहां पानी की कमी से खेती मुश्किल हो जाती है।

सौर ऊर्जा वाली नहरें, सस्ती सिंचाई का वादा

पानी का सही इस्तेमाल खेती की जान है, और इसके लिए सरकार 21 नई लघु डाल नहरें बनाने जा रही है। इन नहरों का सर्वे शुरू हो चुका है। खास बात ये है कि ये नहरें सौर ऊर्जा से हाइब्रिड मोड में चलेंगी, जिससे बिजली का खर्चा न के बराबर होगा। ये नहरें छोटे और मझोले किसानों के लिए वरदान होंगी, क्योंकि इनसे सतही जल का बेहतर उपयोग होगा। उत्तर प्रदेश में पहले से ही नहरों से लाखों हेक्टेयर खेतों की सिंचाई होती है, लेकिन सौर ऊर्जा का इस्तेमाल इसे और किफायती बनाएगा।

अब पानी की कमी नहीं होगी, और बिजली का खर्च भी बचेगा।” अगर आपके खेत नहरों के पास हैं, तो अपने नजदीकी सिंचाई विभाग से संपर्क करें और इस योजना का फायदा उठाएं।

स्मार्ट सिंचाई से पानी और पैसे की बचत

इस योजना का सबसे दमदार हिस्सा है स्मार्ट सिंचाई प्रणाली। अब खेतों में पानी डालना पुराने ढर्रे का काम नहीं रहा। सरकार इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), स्मार्टफोन टूल्स, और सेंसर-बेस्ड तकनीक ला रही है। इस सिस्टम से आप अपने मोबाइल से पानी के प्रवाह को कंट्रोल कर सकेंगे। सेंसर बताएंगे कि खेत को कितने पानी की जरूरत है, और उसी हिसाब से ट्यूबवेल या नहर से पानी छोड़ा जाएगा। इससे पानी की बर्बादी रुकेगी, और खेतों को जरूरत के मुताबिक पानी मिलेगा।

ये तकनीक इतनी आसान है कि छोटे किसान भी इसे स्मार्टफोन से चला सकते हैं। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट सिंचाई से पानी की बचत होगी, खेती का खर्च कम होगा, और फसल की पैदावार बढ़ेगी। ये तकनीक खासकर उन इलाकों में कारगर होगी, जहां पानी की कमी खेती में रुकावट बनती है।

दो साल में पूरा होगा मिशन

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। 1750 ईको-फ्रेंडली ट्यूबवेल, 21 सौर ऊर्जा वाली नहरें, और स्मार्ट सिंचाई प्रणाली मिलकर 1.75 लाख हेक्टेयर खेतों तक पानी पहुंचाएंगी। इससे ढाई लाख किसान परिवारों की जिंदगी बदलेगी। अगर आप उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले में खेती करते हैं, तो अपने नजदीकी सिंचाई या कृषि कार्यालय से संपर्क करें। स्मार्ट सिंचाई के लिए ट्रेनिंग और ट्यूबवेल के लिए रजिस्ट्रेशन की जानकारी ले लें। ये योजना न सिर्फ आपके खेतों को हरा-भरा बनाएगी, बल्कि पर्यावरण को बचाने में भी मदद करेगी। तो देर न करें, इस मौके को पकड़ें और अपनी खेती को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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