उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फल और सब्जी उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक बड़ा ब्लूप्रिंट तैयार किया है। सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक बागवानी फसलों का क्षेत्रफल 11.6% से बढ़ाकर 16% किया जाए। साथ ही, प्रोसेसिंग सुविधाओं को बढ़ाकर किसानों की आय दोगुनी करने की योजना है। इसके लिए 11,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे मेगा प्रोसेसिंग इकाइयाँ लगेंगी और बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा। यूपी पहले से ही आम, अमरूद, आलू, और कई सब्जियों के उत्पादन में देश में नंबर वन है, और अब बाकी फसलों को भी बढ़ाने की तैयारी है।
2027 तक 16% क्षेत्रफल का लक्ष्य
योगी सरकार ने बागवानी फसलों के क्षेत्रफल को बढ़ाने का बड़ा लक्ष्य रखा है। 2022 से 2027 के बीच बागवानी का क्षेत्रफल 11.6% से बढ़ाकर 16% करने की योजना है। इसके लिए सरकार 11,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इस निवेश से मेगा प्रोसेसिंग इकाइयाँ लगेंगी, जिससे फल और सब्जियों की प्रोसेसिंग बढ़ेगी। साथ ही, बुनियादी ढाँचे को मजबूत किया जाएगा, ताकि किसानों को अपनी फसल की सही कीमत मिले। सरकार का मकसद है कि बागवानी से किसानों की कमाई बढ़े और गाँव की अर्थव्यवस्था मजबूत हो।
प्रोसेसिंग को 20% तक बढ़ाने की योजना
फल और सब्जियों की प्रोसेसिंग को बढ़ाने के लिए भी बड़ा कदम उठाया गया है। अभी प्रोसेसिंग की हिस्सेदारी 6% है, जिसे 2027 तक 20% तक पहुँचाने का लक्ष्य है। इसके लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) के तहत प्रोसेसिंग यूनिट्स को मदद दी जा रही है। प्रोसेसिंग बढ़ने से फल और सब्जियों की बर्बादी कम होगी और किसानों को ज्यादा मुनाफा होगा। प्रोसेसिंग यूनिट्स से जूस, अचार, और दूसरी चीजें बनेंगी, जिससे बाजार में फसल की कीमत बढ़ेगी।
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ड्रिप और स्प्रिंकलर से बेहतर खेती
बागवानी फसलों में पानी की बचत और बेहतर उत्पादन के लिए सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा दे रही है। अभी ये कवरेज 2.64% है, जिसे 2027 तक 9% यानी 10 लाख हेक्टेयर तक ले जाना है। इसके लिए 4.95 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बढ़ाया जाएगा। ड्रिप और स्प्रिंकलर से पानी की सही मात्रा पौधों तक पहुँचती है, जिससे पैदावार बढ़ती है और पानी की बर्बादी कम होती है। ये तकनीक छोटे किसानों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इससे लागत कम होती है।
हर जिले में सेंटर फॉर एक्सीलेंस
सरकार ने हर जिले में दो-दो सेंटर फॉर एक्सीलेंस खोलने का फैसला किया है। इन सेंटर्स में उन्नत तकनीक, अच्छे पौधे, और ट्रेनिंग दी जाएगी। सेंटर्स में इजराइल और नीदरलैंड की तकनीक का इस्तेमाल होगा, ताकि किसान आधुनिक खेती सीख सकें। ये सेंटर्स किसानों को नई तकनीकें सिखाएँगे और उनकी फसल की क्वालिटी बढ़ाने में मदद करेंगे। इससे किसान बेहतर फसल उगा सकेंगे और बाजार में अच्छी कीमत पा सकेंगे।
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पॉलीहाउस खेती को बढ़ावा
संरक्षित खेती को बढ़ाने के लिए सरकार पॉलीहाउस और शेड नेट खेती पर जोर दे रही है। 2027 तक 500 हेक्टेयर क्षेत्र में पॉलीहाउस खेती का विस्तार होगा। सरकार इसके लिए अनुदान भी दे रही है। पॉलीहाउस में किसान बेमौसम फसल उगा सकते हैं, जिससे उन्हें बाजार में ज्यादा कीमत मिलती है। पॉलीहाउस से फसल की क्वालिटी भी अच्छी रहती है और मौसम की मार से बचाव होता है। पॉलीहाउस खेती से सामान्य खेती की तुलना में 2-3 गुना ज्यादा मुनाफा हो सकता है।
किसानों को ट्रेनिंग और नई तकनीक
खेती में विविधता लाने के लिए सरकार किसानों को मशरूम, मधुमक्खी पालन, और नई सब्जियों-फलों की खेती की ट्रेनिंग दे रही है। 2027 तक 2.10 लाख किसानों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है। ट्रेनिंग से किसानों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे नई फसलों की खेती कर सकेंगे। यूपी पहले से ही आम, अमरूद, आलू, मटर, और गोभी वर्गीय सब्जियों में नंबर वन है। अब सरकार दूसरी फसलों की उत्पादकता भी बढ़ाने के लिए तकनीक और रिसर्च पर जोर दे रही है।
बागवानी से नया रास्ता
योगी सरकार की ये योजना यूपी के किसानों के लिए एक नया रास्ता खोलेगी। बागवानी क्षेत्रफल और प्रोसेसिंग बढ़ने से किसानों की कमाई दोगुनी होगी। ड्रिप सिंचाई, पॉलीहाउस, और सेंटर फॉर एक्सीलेंस से खेती आसान और फायदेमंद बनेगी। अगर आप भी इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें।
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