Agriculture Tips: जलालाबाद के किसान आजकल मिश्रित खेती को अपनाकर अपनी कमाई को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। छोटी जोत में ज्यादा मुनाफा कमाने की चुनौती को स्वीकार करते हुए यहां के किसान एक साथ तीन सब्जियां मूली, पालक और धनिया उगा रहे हैं। ये तरीका न सिर्फ खेती को आसान बना रहा है, बल्कि किसानों की जेब भी भर रहा है। खासकर गर्मी के मौसम में, जब इन सब्जियों की पैदावार कम होती है, मिश्रित खेती से किसान अच्छा दाम पा रहे हैं।
जलालाबाद का इलाका सब्जी उत्पादन के लिए मशहूर है। यहां के किसान एक साल में चार फसलों की पैदावार कर लेते हैं। लेकिन अब जमीन की कमी बड़ी चुनौती बन रही है। कहीं आबादी बढ़ने से खेत छोटे हो रहे हैं, तो कहीं हाईवे बनाने के लिए सरकार जमीन ले रही है। बीस साल पहले जो किसान बड़े जमींदार थे, वो अब पारिवारिक बंटवारे की वजह से छोटी जोत के मालिक बन गए हैं। ऐसे में कम जमीन में ज्यादा पैदावार लेना जरूरी हो गया है। यही वजह है कि किसान अब सब्जी की मिश्रित खेती की ओर बढ़ रहे हैं।
सब्जी की खेती से नकद पैसा जल्दी मिलता है। गन्ना, गेहूं या धान जैसी फसलों से तुलना करें, तो सब्जी की खेती में मुनाफा ज्यादा होता है, खासकर जब बाजार में दाम अच्छे हों। मिश्रित खेती का सबसे बड़ा फायदा ये है कि अगर एक सब्जी का दाम कम मिले, तो दूसरी सब्जी अच्छा दाम दे सकती है। इससे किसान का नुकसान होने का डर कम हो जाता है।
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मिश्रित खेती का नया तरीका
पहले किसान मिश्रित खेती में दो फसलों को मिलाकर उगाते थे, लेकिन अब वो तीन फसलों का नया प्रयोग कर रहे हैं। जलालाबाद के मेहनती किसान जैसे हाशिम, अजय सैनी, विक्रम सैनी, सोनू कश्यप, इनाम चौधरी, इकराम, फरीद, रविंद्र कश्यप और तीरथ पाल ने इस तरीके को अपनाया है। खेत में जुताई के बाद चौड़ी डोल बनाई जाती है। इस डोल के बीच में मूली के बीज बोए जाते हैं। डोल के एक किनारे पर पालक और दूसरे किनारे पर धनिया लगाया जाता है। इस तरह एक ही खेत में तीन सब्जियां उग रही हैं।
ये तरीका इतना कारगर है कि कम जगह में भी अच्छी पैदावार हो रही है। मूली, पालक और धनिया को एक साथ उगाने से खेत का पूरा इस्तेमाल होता है और मेहनत भी बंट जाती है। किसान इस तरीके से न सिर्फ ज्यादा फसल ले रहे हैं, बल्कि बाजार में अच्छा दाम भी पा रहे हैं।
गर्मी में भी सब्जी उत्पादन
मूली, पालक और धनिया की खेती आमतौर पर सर्दी के मौसम में होती है, क्योंकि गर्मी में इनकी पैदावार मुश्किल होती है। लेकिन जलालाबाद के किसानों ने अपनी मेहनत और समझदारी से इसे संभव कर दिखाया है। गर्मी के मौसम में इन सब्जियों की मांग बढ़ जाती है, क्योंकि इनकी पैदावार कम होती है। ऐसे में बाजार में इनका दाम अच्छा मिलता है। जून के महीने तक ये फसलें तैयार हो जाएंगी, और किसानों को बंपर मुनाफा मिलने की उम्मीद है।
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हालांकि, मिश्रित खेती में कुछ चुनौतियां भी हैं। इन दिनों मूली, पालक और धनिया की फसलों पर भुनका कीट का हमला देखा जा रहा है। लेकिन किसान हार नहीं मान रहे। वो कीटनाशक का छिड़काव करके अपनी फसलों को बचा रहे हैं। सही समय पर सही कदम उठाकर किसान इन मुश्किलों से निपट रहे हैं और अपनी फसलों को सुरक्षित रख रहे हैं।
क्यों अपनाएं मिश्रित खेती?
मिश्रित खेती छोटे किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। ये तरीका न सिर्फ खेत की जगह का पूरा फायदा उठाता है, बल्कि जोखिम भी कम करता है। अगर एक फसल का दाम कम मिले, तो दूसरी फसल मुनाफा दे सकती है। साथ ही, सब्जी की खेती से पैसा जल्दी हाथ में आता है, जिससे किसान अपनी जरूरतें आसानी से पूरी कर सकते हैं। जलालाबाद के किसानों ने मिश्रित खेती को अपनाकर ये दिखा दिया है कि मेहनत और नई सोच के साथ कम जमीन में भी बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है।
अगर खेती को नया रंग देना चाहते हैं, तो मिश्रित खेती आजमाएं। मूली, पालक और धनिया जैसी फसलों से शुरुआत करें। ये फसलें कम समय में तैयार होती हैं और बाजार में इनका दाम भी अच्छा मिलता है। नजदीकी कृषि केंद्र से अच्छे बीज और कीटनाशक के बारे में जानकारी लें। मेहनत और सही तरीके से खेती करें, तो छोटी जोत भी बड़ा मुनाफा दे सकती है।
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