खेती में मेहनत तो हर किसान भाई करता है, लेकिन खरपतवार की वजह से फसल की पैदावार कम हो जाए, तो सारी मेहनत बेकार लगती है। बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के किसानों के लिए अच्छी खबर है। यूपीएल ने हाल ही में अपना नया खरपतवार नाशक सेंचुरियन ईज़ी लॉन्च किया है। ये खास तौर पर सोयाबीन, कपास और प्याज की फसलों के लिए बनाया गया है। भोपाल और इंदौर में इसके लॉन्चिंग कार्यक्रम में किसानों और डीलरों ने इसकी खूब तारीफ की। आइए जानते हैं कि ये आपके खेतों को कैसे फायदा दे सकता है।
सेंचुरियन ईज़ी क्या है
सेंचुरियन ईज़ी एक नया खरपतवार नाशक है, जिसे यूपीएल ने छह साल की रिसर्च के बाद बनाया है। इसका तकनीकी नाम है क्लेथोडिम 13% w/w ईसी। ये खास तौर पर घास वाले खरपतवारों को निशाना बनाता है, जो सोयाबीन, कपास और प्याज की फसलों को नुकसान पहुँचाते हैं। ये दवा फसल को नुकसान पहुँचाए बिना खरपतवार को जड़ से खत्म करती है।
ये कैसे काम करता है
सेंचुरियन ईज़ी का काम करने का तरीका बड़ा आसान और असरदार है। ये एक पोस्ट-एमर्जेंस दवा है, यानी इसे तब इस्तेमाल करते हैं, जब खरपतवार में दो से चार पत्तियाँ आ चुकी हों। इसका एक्टिव इंग्रेडिएंट, क्लेथोडिम, खरपतवार की पत्तियों के ज़रिए अंदर जाता है और पौधे के बढ़ने वाले हिस्सों तक पहुँचता है। ये एक खास एंजाइम को रोक देता है, जो खरपतवार के लिए ज़रूरी फैटी एसिड बनाता है। इससे खरपतवार की कोशिकाएँ टूटने लगती हैं और चार से चौदह दिन में वो पूरी तरह सूख जाता है। खास बात ये है कि आपकी फसल को कोई नुकसान नहीं होता।
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कब और कैसे करें इस्तेमाल
सेंचुरियन ईज़ी का इस्तेमाल करना उतना ही आसान है, जितना गाँव में खेत की मेड़ पर बैठकर बात करना। बुवाई के 15 से 20 दिन बाद, जब खरपतवार में दो से चार पत्तियाँ दिखें, तब इसका छिड़काव करें। 400 मिलीलीटर सेंचुरियन ईज़ी को 200 लीटर पानी में मिलाकर पूरे खेत में छिड़कें। खेत में थोड़ी नमी होना ज़रूरी है, क्योंकि नमी में ये ज़्यादा असर करती है।
किन फसलों के लिए है फायदेमंद
ये खरपतवार नाशक सोयाबीन, कपास और प्याज की फसलों के लिए खास तौर पर बनाया गया है। बिहार और मध्य प्रदेश में प्याज की खेती करने वाले किसान इसे आजमाकर अपनी फसल को खरपतवार से बचा सकते हैं। सोयाबीन और कपास की फसलों में भी ये घास वाले खरपतवारों को खत्म करता है, जिससे फसल को बढ़ने का पूरा मौका मिलता है। मध्य प्रदेश के किसानों ने इसे आजमाया और बताया कि उनकी फसल की पैदावार में अच्छा इजाफा हुआ।
देसी नुस्खे और सावधानियाँ
सेंचुरियन ईज़ी इस्तेमाल करते वक्त कुछ देसी नुस्खे अपनाएँ। छिड़काव करते समय दस्ताने और चश्मा ज़रूर पहनें, ताकि आपकी त्वचा और आँखें सुरक्षित रहें। सुबह या शाम को छिड़काव करें, जब धूप तेज़ ना हो। खेत में नमी की जाँच करें और अगर ज़रूरत हो तो हल्की सिंचाई करें। कृषि विशेषज्ञ डॉ. सुरेश का कहना है कि सही समय पर इसका इस्तेमाल करने से फसल की पैदावार में 20-30% तक इजाफा हो सकता है। बस सही मात्रा और सही तरीके से इस्तेमाल करें।
सेंचुरियन ईज़ी बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के किसानों के लिए एक शानदार उपाय है। ये सोयाबीन, कपास और प्याज की फसलों को खरपतवार से बचाकर पैदावार बढ़ाता है। इसका इस्तेमाल आसान है, कीमत किफायती है, और नतीजे असरदार हैं। अगर आप अपनी फसल को खरपतवार से मुक्त रखना चाहते हैं, तो सेंचुरियन ईज़ी आजमाएँ और अपने खेत को हरा-भरा बनाएँ।