नहीं मिल रही दानेदार यूरिया? इस डिब्बे का इस्तेमाल करें और पाएं बंपर फसल!

Nano Urea: खेती-किसानी के क्षेत्र में यूरिया का उपयोग लंबे समय से किया जा रहा है, लेकिन समय के साथ इसके बेहतर विकल्प सामने आ रहे हैं। इन्हीं में से एक है नैनो यूरिया, जो एक प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल समाधान के रूप में उभरा है। यह लिक्विड फॉर्म में उपलब्ध है और दानेदार यूरिया की तुलना में अधिक प्रभावी है। नैनो यूरिया न केवल फसल की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक है, बल्कि किसानों के लिए आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित हो रहा है।

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नैनो यूरिया (Nano Urea) क्या है?

नैनो यूरिया एक लिक्विड यूरिया है, जिसमें 20% नाइट्रोजन की मात्रा होती है। इसकी एफिशिएंसी लगभग 90% है, जबकि दानेदार यूरिया में यह केवल 30-40% तक सीमित होती है। नैनो यूरिया पौधों की पत्तियों के माध्यम से सीधे अवशोषित होता है, जिससे कम मात्रा में भी यह अधिक प्रभावी साबित होता है।

कब और कैसे करें इस्तेमाल

नैनो यूरिया का उपयोग करने के लिए सही समय और विधि का पालन करना जरूरी है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, फसल में पहली सिंचाई के बाद इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि छोटे पौधों पर यह जमीन पर गिरकर व्यर्थ हो सकता है। गेहूं जैसी फसलों में मुख्य रूप से दूसरी और तीसरी सिंचाई के समय इसका छिड़काव करना सबसे अधिक लाभकारी होता है।

छिड़काव की विधि: प्रति लीटर पानी में 5 मिलीलीटर नैनो यूरिया मिलाकर घोल तैयार करें और इसे पौधों की पत्तियों पर छिड़कें। प्रति हेक्टेयर फसल के लिए 500 मिलीलीटर नैनो यूरिया पर्याप्त होता है।

नैनो यूरिया के फायदे

नैनो यूरिया किसानों के लिए कई लाभ प्रदान करता है। यह दानेदार यूरिया से सस्ता है और कम मात्रा में उपयोग के बावजूद अधिक प्रभावी है। पौधों की पत्तियों के माध्यम से सीधे अवशोषण के कारण यह फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ावा देता है।

यह न केवल किसानों की लागत को कम करता है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर विकल्प है, क्योंकि यह दानेदार यूरिया की तरह मिट्टी और जल स्रोतों को प्रदूषित नहीं करता। नैनो यूरिया जल संरक्षण में भी मदद करता है, क्योंकि इसके उपयोग से पानी की बर्बादी कम होती है।

नैनो यूरिया बनाम दानेदार यूरिया

नैनो यूरिया और दानेदार यूरिया के बीच कई अंतर हैं। नैनो यूरिया में नाइट्रोजन की मात्रा कम होने के बावजूद इसकी एफिशिएंसी अधिक होती है। यह सीधे पौधों द्वारा अवशोषित हो जाता है, जबकि दानेदार यूरिया का बड़ा हिस्सा व्यर्थ हो जाता है। इसके अलावा, नैनो यूरिया सस्ता और अधिक पर्यावरण-अनुकूल है।

पैरामीटरनैनो यूरियादानेदार यूरिया
नाइट्रोजन की मात्रा20%46%
एफिशिएंसीलगभग 90%लगभग 30-40%
उपयोग की विधिपत्तियों पर छिड़कावमिट्टी में मिलाना
लागतसस्ती और प्रभावीमहंगी और कम प्रभावी
पर्यावरण प्रभावकम प्रदूषणअधिक प्रदूषण

सावधानियां

नैनो यूरिया का उपयोग करते समय सही मात्रा और विधि का पालन करना आवश्यक है। इसे जरूरत से ज्यादा न लगाएं और बारिश के दौरान इसका छिड़काव न करें। सही समय पर और सही तरीके से उपयोग करने से यह अधिक प्रभावी होगा।

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  • Shashikant

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