जानिये क्या है, हर खेत को पानी मिशन योजना, यूपी के 43 लाख किसानों की जिंदगी बदली!

Uttar Pradesh Irrigation Project: उत्तर भारत के सबसे बड़े कृषि राज्य उत्तर प्रदेश में पानी की कमी कभी-कभी फसल की जान ले लेती है। लेकिन अब ये कहानी बदल रही है। केंद्र सरकार के ‘हर खेत को पानी’ अभियान के तहत राज्य में 29 नई सिंचाई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इन परियोजनाओं से प्रदेश की सिंचाई क्षमता में 19 लाख 11 हजार 231 हेक्टेयर की भारी वृद्धि हुई है। सबसे बड़ी बात, 43 लाख 53 हजार 850 किसानों के खेतों तक सीधा पानी पहुंचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जल शक्ति मंत्री क्रांति सिंह का योगदान इस सफलता का प्रतीक बनी हैं।

29 परियोजनाओं का जादू, बांधों से नहरों तक का सफर

पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने दशकों से लंबित पड़ी 29 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया है। इनमें 7 वृहद परियोजनाएं शामिल हैं, जैसे बाणसागर नहर परियोजना, लहचूरा बांध, पहाड़ी बांध, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना, अर्जुन सहायक नहर, उत्तर प्रदेश वाटर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट फेज-2 और उमरहठ पंप परियोजना का दूसरा चरण। इसके अलावा 6 लघु सिंचाई परियोजनाएं जैसे जाखलौन नहर क्षमता पुनर्स्थापना, रतौली वीयर, मसगांव और चिल्ली स्प्रिंकलर प्रोजेक्ट, जरगो नहर सिस्टम। फिर 16 मध्यम सिंचाई परियोजनाएं जैसे उटारी बांध, मौदहा बांध नहर सिस्टम, पाहुंज बांध पुनरुद्धार, गुंता बांध रिस्टोरेशन। ये परियोजनाएं मिर्जापुर, प्रयागराज, महोबा, हमीरपुर, झांसी जैसे जिलों में फैली हैं। नहरों, बांधों और पंपों के जरिए पानी अब गांव-गांव तक पहुंच रहा है।

ये भी पढ़ें – यूपी की 18.55 लाख महिलाएँ बनीं ‘लखपति दीदी’, स्टार्टअप से बदली किस्मत – जानें कैसे मिला मौका

किसानों के चेहरे पर मुस्कान, 43 लाख परिवारों का लाभ

कल्पना कीजिए, एक किसान सुबह उठकर खेत में हल चलाता है, और पानी की चिंता बिना उसके फसल लहलहा रही है। यही हकीकत अब 43 लाख 53 हजार 850 किसानों की बन गई है। इन परियोजनाओं से न सिर्फ सिंचाई आसान हुई, बल्कि फसल चक्र भी बढ़ गया। पहले एक फसल पर निर्भर किसान अब दो-तीन फसलें ले रहे हैं। धान, गेहूं, सरसों – सबमें उपज 20-30 फीसदी बढ़ी है। एक किसान परिवार ने बताया, “पहले नहर का पानी महीनों आता ही नहीं था। अब समय पर पानी मिलने से हमारी आमदनी दोगुनी हो गई।” ये आंकड़े सरकारी रिपोर्ट से लिए गए हैं, जो दिखाते हैं कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई जान मिली है।

सिंचाई क्षमता में 19 लाख हेक्टेयर का इजाफा, खेतों का नया जीवन

उत्तर प्रदेश में कुल 240 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि है, लेकिन सिंचाई सिर्फ 70 फीसदी पर ही उपलब्ध थी। अब इन 29 परियोजनाओं से 19 लाख 11 हजार 231 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को पानी मिला है। नहरों की लंबाई बढ़ी, बांधों से पानी का बहाव नियंत्रित हुआ। उदाहरण के तौर पर, बाणसागर परियोजना से बंडेलखंड के सूखे इलाकों में पानी पहुंचा। सरयू नहर से पूर्वांचल के किसानों को फायदा। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत हैं, जो 2026 तक बढ़ा दी गई है। योजना के घटक – त्वरित सिंचाई लाभ (AIBP) और हर खेत को पानी (HKKP) – ने राज्य को आत्मनिर्भर बनाया है।

ये भी पढ़ें – किसान ध्यान दें! टपक सिंचाई लगाने पर मिलेगी 80% सब्सिडी, उपज में 150% का इजाफा

योगी सरकार का मॉडल, 1100+ परियोजनाओं से 2 करोड़ किसानों को लाभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आठ सालों में 1100 से ज्यादा सिंचाई परियोजनाएं पूरी की हैं, जिनसे 2 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचा। पिछले एक साल में ही 394 परियोजनाएं पूरी हुईं, जो 64 लाख किसानों को जोड़ती हैं। ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी माइक्रो इरिगेशन को बढ़ावा दिया गया, जिससे पानी की बचत 40 फीसदी हुई। बांधों का पुनरुद्धार, नहरों की सफाई, और वर्षा जल संचयन – सब कुछ सतत विकास पर केंद्रित है। जल शक्ति विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे मिट्टी का स्वास्थ्य बेहतर हुआ, और जलवायु परिवर्तन का असर कम पड़ा।

भविष्य की राह, PMKSY 2026 तक, सब्सिडी और नई योजनाएं

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को 2026 तक बढ़ा दिया गया है। किसानों को ड्रिप, स्प्रिंकलर, तालाब और कुओं पर 50-80 फीसदी सब्सिडी मिलेगी। उत्तर प्रदेश में PMG पोर्टल से परियोजनाओं की मॉनिटरिंग हो रही है, जहां भूमि अधिग्रहण जैसी बाधाएं तुरंत हल होती हैं। आने वाले समय में 56 नई वाटरशेड परियोजनाएं शुरू होंगी, जो 2.8 लाख हेक्टेयर कवर करेंगी। इससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा, और किसानों की आय में इजाफा होगा।

ये परियोजनाएं सिर्फ सरकार की देन नहीं, बल्कि किसानों की मेहनत का फल हैं। अब जिम्मेदारी हमारी है – पानी बर्बाद न करें, ड्रिप इरिगेशन अपनाएं। वाटरशेड विकास से मिट्टी संरक्षण करें। उत्तर प्रदेश के हर किसान को ये संदेश – ‘हर बूंद को महत्व दें, हर खेत को हरा बनाएं।’

ये भी पढ़ें – 500 FPOs, 24 राज्य, एक मंच — जानिए National FPO Samagam 2025 की खास बातें

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment