किसान भाइयों, आज के दौर में जहां जमीन की उपलब्धता कम होती जा रही है और पारंपरिक खेती के तरीके चुनौतियों से जूझ रहे हैं, ऊर्ध्व कृषि (Vertical Farming) एक क्रांतिकारी समाधान के रूप में उभर रहा है। यह तकनीक कम जगह में अधिक उत्पादन की संभावना लाती है, जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है। हाल ही में सरकार ने कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के तहत 3% ब्याज में छूट और ₹2 करोड़ तक के ऋण की सुविधा की घोषणा की है, जो इस आधुनिक खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहन दे रही है। आइए, इस अभिनव तकनीक, इसके फायदों, और इसे शुरू करने के तरीकों को विस्तार से जानते हैं।
ऊर्ध्व कृषि क्या है और इसके लाभ
ऊर्ध्व कृषि एक ऐसी खेती की विधि है जिसमें पौधों को ऊर्ध्वाधर सतहों या मल्टी-लेयर सिस्टम में उगाया जाता है। यह तकनीक हाइड्रोपोनिक्स, एयरोपोनिक्स, या एक्वापोनिक्स जैसे तरीकों पर आधारित होती है, जहां मिट्टी की जगह पोषक द्रव्यों का उपयोग होता है। कम जगह में कई स्तरों पर फसलें उगाने से यह तरीका पारंपरिक खेती से 5-10 गुना अधिक उत्पादन दे सकता है। यह विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों, छतों, या छोटे भूखंडों के लिए उपयुक्त है।
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इसके प्रमुख लाभों में मौसम पर निर्भरता से मुक्ति, पानी की 70-90% बचत, और कीट-पतंगों से कम नुकसान शामिल है। इसके अलावा, यह साल भर फसल उत्पादन की सुविधा देता है, क्योंकि इसे नियंत्रित वातावरण (जैसे ग्रीनहाउस या इनडोर सेटअप) में किया जा सकता है। सब्जियां, सलाद पत्ते, जड़ी-बूटियां, और स्ट्रॉबेरी जैसी फसलों के लिए यह तकनीक खासतौर पर सफल रही है। कम जगह में अधिक लाभ की यह संभावना युवा किसानों और उद्यमियों को आकर्षित कर रही है।
कृषि अवसंरचना कोष (AIF) से मिलने वाली सहायता
सरकार ने कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के तहत ऊर्ध्व कृषि को बढ़ावा देने के लिए एक शानदार पहल की है। इस योजना के तहत किसानों और उद्यमियों को ₹2 करोड़ तक के ऋण पर 3% ब्याज में छूट दी जा रही है। यह सुविधा मध्यम और दीर्घकालिक ऋण के लिए उपलब्ध है, जिसकी अवधि 7 साल तक हो सकती है। यह ऋण उन परियोजनाओं के लिए है जो फसलोपरांत प्रबंधन, स्मार्ट खेती, और नवीन कृषि तकनीकों जैसे ऊर्ध्व कृषि को बढ़ावा दें।
इस योजना का उद्देश्य आधुनिक कृषि बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है, जिसमें कोल्ड स्टोरेज, ग्रेडिंग यूनिट, और ऊर्ध्व खेती के लिए आवश्यक उपकरण शामिल हैं। इसके साथ ही, ₹2 करोड़ तक के ऋण पर क्रेडिट गारंटी भी दी जाती है, जो जोखिम को कम करती है। यह पहल खासकर उन किसानों के लिए फायदेमंद है जो कम संसाधनों के साथ नए प्रयोग करना चाहते हैं।
खेती की तैयारी और तकनीक
ऊर्ध्व कृषि शुरू करने के लिए पहले एक नियंत्रित वातावरण तैयार करना जरूरी है। इसके लिए ग्रीनहाउस, कंटेनर, या इनडोर सेटअप का उपयोग हो सकता है। हाइड्रोपोनिक सिस्टम में पोषक घोल के साथ पौधों को उगाया जाता है, जबकि एयरोपोनिक्स में जड़ों को हवा में लटकाकर पोषक धुंध छिड़की जाती है। इसके लिए LED लाइट्स, स्वचालित पानी की व्यवस्था, और तापमान नियंत्रण उपकरणों की जरूरत पड़ती है।
बीज चयन में ऐसी किस्मों पर ध्यान दें जो कम जगह और नियंत्रित परिस्थितियों में अच्छी बढ़ती हों, जैसे लेट्यूस, पालक, या माइक्रोग्रीन। प्रति वर्ग मीटर 10-15 पौधों की शुरुआत की जा सकती है, जो स्तर बढ़ाने के साथ उत्पादन को कई गुना कर देता है। शुरूआती निवेश में उपकरण और सेटअप पर खर्च आता है, लेकिन AIF के ऋण और ब्याज छूट से यह बोझ कम हो जाता है।
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देखभाल और प्रबंधन की जरुरत
ऊर्ध्व कृषि में पानी और पोषक तत्वों का सही प्रबंधन जरूरी है। हाइड्रोपोनिक सिस्टम में pH स्तर 5.5-6.5 और EC (इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी) 1.5-2.0 रखें। LED लाइट्स का उपयोग 12-16 घंटे की अवधि के लिए करें ताकि प्रकाश संश्लेषण बेहतर हो। कीट नियंत्रण के लिए जैविक तरीके जैसे नीम तेल या लाभकारी कीटों का इस्तेमाल करें, क्योंकि रासायनिक कीटनाशकों से सिस्टम प्रभावित हो सकता है। नियमित निगरानी और स्वचालित सेंसर सिस्टम इस प्रक्रिया को आसान बनाते हैं।
आर्थिक और सामाजिक लाभ
ऊर्ध्व कृषि से प्रति हेक्टेयर 50-100 टन तक उत्पादन संभव है, जो पारंपरिक खेती से कहीं अधिक है। शहरी क्षेत्रों में सीधे बाजार तक पहुंच से लागत कम होती है और लाभ बढ़ता है। यह तकनीक नौकरियों का सृजन भी करती है, खासकर युवाओं के लिए तकनीकी और रखरखाव के क्षेत्र में। साथ ही, यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह मिट्टी की क्षरण को रोकता है और कार्बन फुटप्रिंट को कम करता है।
साथियों, ऊर्ध्व कृषि को अपनाकर आप कम जगह में अधिक लाभ कमा सकते हैं। AIF के तहत मिलने वाली 3% ब्याज छूट और ₹2 करोड़ तक का ऋण इस शुरुआत को आसान बनाता है। आधुनिक तकनीकों को अपनाएं और अपने क्षेत्र के कृषि केंद्र या बैंकों से संपर्क करें। यह नई तकनीक आपके लिए आत्मनिर्भरता और समृद्धि का रास्ता खोलेगी।
किसान भाईयों, ऊर्ध्व कृषि को अपनाकर अपनी खेती को भविष्य के अनुकूल बनाएं। सरकार की इस योजना का लाभ उठाएं और कम जगह में अधिक मुनाफा कमाएं।
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