बिना ज़मीन मशरूम उगाना अब आसान, जानिए ये शानदार तरीका, एक छोटे कमरे से कमाइए 2 लाख रूपये

किसान भाइयों, खेती करना अपने आप में एक बड़ा हुनर है, लेकिन जब बात कम जगह में बड़ी कमाई की आती है, तो मशरूम की वर्टिकल फार्मिंग का नाम सबसे पहले आता है। ये ऐसा तरीका है, भैया, जिसमें न बड़े खेत की ज़रूरत है, न ही मोटी जेब की। बस एक छोटा सा कमरा, थोड़ी सी मेहनत, और देसी समझदारी से आप लाखों की कमाई कर सकते हैं। मेरे गाँव के रामदीन चाचा ने अपने घर के एक कोने में मशरूम उगाना शुरू किया, और आज वो हर महीने अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। आइए, जानते हैं कि मशरूम की वर्टिकल फार्मिंग कैसे करें, इसमें कितनी लागत लगती है, और कितना फायदा हो सकता है।

छोटे कमरे में मशरूम का जादू

मशरूम की वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Mushroom Farming) का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसे आप अपने घर के एक छोटे से कमरे, छत, या बरामदे में कर सकते हैं। वर्टिकल फार्मिंग का मतलब है मशरूम को रैक या शेल्फ पर, ऊपर-नीचे कई लेयर में उगाना। इससे कम जगह में ज़्यादा मशरूम पैदा होता है। आपको बस एक 10 बाय 10 फीट का कमरा चाहिए, जिसमें बांस या लोहे के रैक बनाए जा सकते हैं। मेरे गाँव के श्याम भाई ने अपने पुराने गोदाम में चार मंजिल के रैक बनाए और बटन मशरूम उगाने शुरू किए। अब वो हर महीने 50-60 किलो मशरूम बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं। सबसे पहले, आपको सही मशरूम की किस्म चुननी होगी।

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खाद और बीज का जुगाड़

मशरूम उगाने के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ है अच्छी खाद और बीज (स्पॉन)। खाद बनाने के लिए गेहूँ या चावल का भूसा लो, जो गाँव में आसानी से मिल जाता है। इसे पानी में भिगोकर 15-20 दिन तक सड़ने दो। इसमें थोड़ा सा यूरिया या चूना मिला दो, ताकि खाद अच्छे से तैयार हो। मेरे गाँव के एक किसान ने बताया कि वो भूसे को पुराने टिन के डिब्बे में सड़ाते हैं, जिससे खाद जल्दी तैयार हो जाती है। खाद तैयार होने के बाद, इसमें मशरूम का बीज डालकर पॉलिथीन बैग में भर दो। इन बैग्स को रैक पर एक के ऊपर एक रखो। हर बैग में 6-8 इंच मोटी खाद की परत बनाकर बीज डालो और उसे ढक दीजिए।

तापमान और नमी का ध्यान रखो

मशरूम को उगाने के लिए सही तापमान और नमी बहुत ज़रूरी है। बटन मशरूम के लिए 20-25 डिग्री सेल्सियस तापमान और 80-90% नमी चाहिए। गाँव में ये काम आसान है, क्योंकि आप कमरे में पानी छिड़ककर नमी बढ़ा सकते हैं। अगर गर्मी ज़्यादा हो, तो कमरे में पंखा या कूलर चला दो। मेरे गाँव के रामलाल ने अपने मशरूम रूम में पुराने जूट के बोरे गीले करके लटकाए, जिससे नमी बनी रही। सर्दियों में बटन मशरूम अच्छा होता है, जबकि गर्मियों में ऑयस्टर मशरूम उगाना आसान है। कमरे में हवा का आना-जाना भी ज़रूरी है, लेकिन सीधी धूप नहीं पड़नी चाहिए।

कितना खर्च, कितना मुनाफा?

अब बात करते हैं पैसे की। अगर आप छोटे स्तर पर वर्टिकल फार्मिंग शुरू करते हैं, जैसे 10 बाय 10 फीट के कमरे में, तो शुरुआती खर्च 20,000 से 50,000 रुपये तक आ सकता है। इसमें रैक बनाने, भूसा, स्पॉन, पॉलिथीन बैग, और छोटे-मोटे उपकरणों का खर्च शामिल है। अगर आप बड़े स्तर पर करना चाहें, तो 1-2 लाख रुपये तक लग सकते हैं, जिसमें तापमान नियंत्रण के लिए कूलर या हीटर भी शामिल हो सकते हैं। एक किसान ने 50,000 रुपये से शुरू किया और पहले साल में ही 2 लाख का मुनाफा कमाया। अगर आप 1 किलो स्पॉन से 10-15 किलो मशरूम उगाते हैं और बाज़ार में 150 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचते हैं ।

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सरकार की मदद और सलाह

मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएँ चला रही है। बिहार, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 50% तक सब्सिडी मिल रही है, यानी 1 लाख की लागत पर 50,000 रुपये सरकार दे सकती है। नज़दीकी कृषि विज्ञान केंद्र या विश्वविद्यालय में जाकर ट्रेनिंग ले लो। वहाँ मशरूम की खेती, बीज उत्पादन, और मार्केटिंग की पूरी जानकारी मिलेगी। मेरे गाँव की सरिता दीदी ने ऐसी ही ट्रेनिंग ली और अब वो अपने गाँव में मशरूम की मास्टर ट्रेनर बन गई हैं। शुरू करने से पहले थोड़ा टेस्ट कर लो छोटे स्तर पर 5-10 बैग से शुरू करो, ताकि नुकसान का डर न रहे।

मशरूम की वर्टिकल फार्मिंग गाँव के किसानों के लिए कमाल का मौका है। कम जगह, कम खर्च, और बड़ा मुनाफा ये सब इसे खास बनाता है। इन देसी नुस्खों को आजमाकर देखो, और अपने खेत को नई उड़ान दो। अगर कोई सवाल हो, तो अपने इस भाई को ज़रूर बताना। हम गाँव वाले मिलकर खेती को और आसान बनाएँगे!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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