‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ में यूपी सबसे आगे, कृषि मंत्री ने अफसरों को दिए सख्त निर्देश

उत्तर प्रदेश में खेती को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए योगी सरकार ने कमर कस ली है। केंद्र सरकार के विकसित कृषि संकल्प अभियान को यूपी में 29 मई से 12 जून 2025 तक धूमधाम से चलाया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में शुरू हो रहे इस अभियान को कामयाब बनाने के लिए यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गुरुवार को विधान भवन में एक बड़ी बैठक की। इस बैठक में कृषि और पशुपालन विभाग के बड़े अधिकारी और कई मंत्रियों ने हिस्सा लिया। सूर्य प्रताप शाही ने युद्ध स्तर पर काम करने का निर्देश देते हुए कहा कि ये अभियान यूपी के 1.3 करोड़ किसानों तक पहुंचेगा।

प्राकृतिक खेती से बढ़ेगा मुनाफा

लखनऊ से मिली खबर के मुताबिक, ये अभियान यूपी के किसानों को प्राकृतिक खेती का गुर सिखाएगा। रासायनिक खाद और कीटनाशकों से मिट्टी की सेहत को नुकसान हो रहा है। अब वैज्ञानिक गाँव-गाँव जाकर गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और नीम के तेल जैसे देसी तरीकों से खेती करने की ट्रेनिंग देंगे। लखनऊ, बाराबंकी और रायबरेली जैसे जिलों में प्राकृतिक खेती पर खास फोकस होगा। इससे खेती की लागत कम होगी और जैविक अनाज की बढ़ती मांग से मुनाफा बढ़ेगा। एक अधिकारी ने बताया कि प्राकृतिक खेती से न सिर्फ फसल की क्वालिटी बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण भी बचेगा।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनेगा सहारा

मिट्टी की सेहत अच्छी हो, तो फसल लहलहाएगी। इस अभियान में मृदा स्वास्थ्य कार्ड को हर किसान तक पहुंचाने की तैयारी है। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वैज्ञानिक किसानों को मिट्टी की जांच और सही खाद चुनने की सलाह देंगे। चाहे आप धान उगा रहे हों या मक्का, मृदा कार्ड बताएगा कि कितना नाइट्रोजन या फॉस्फोरस डालना है। गोरखपुर और आजमगढ़ जैसे जिलों में ये कार्ड किसानों की कमाई बढ़ाने में मदद करेगा।

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जल प्रबंधन से बचेगा पानी

यूपी में खरीफ सीजन में धान, मक्का और अरहर की खेती होती है, लेकिन पानी की कमी कई इलाकों में परेशानी बनती है। इस अभियान में ड्रिप इरिगेशन और गीला-सूखा विधि जैसे जल प्रबंधन के तरीके सिखाए जाएंगे। बस्ती और बलरामपुर जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्वर्णा सब-1 जैसी बाढ़ रोधी धान की किस्मों की जानकारी दी जाएगी। सहारनपुर के एक कृषि अधिकारी ने बताया कि खेत को समतल करने और सही समय पर पानी देने से 20-30% पानी बचाया जा सकता है। इससे फसल सुरक्षित रहेगी और लागत भी कम होगी।

ड्रोन लाएंगे खेती में क्रांति

खेती में अब ड्रोन का दौर शुरू हो गया है। इस अभियान में मेरठ, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में कृषि ड्रोन का प्रदर्शन होगा। ड्रोन से खाद और कीटनाशक का छिड़काव तेज और आसान होगा। केवीके और इफको के जरिए किसानों को ड्रोन की ट्रेनिंग दी जाएगी। एक वैज्ञानिक ने बताया कि ड्रोन से एक दिन में 10 एकड़ खेत में छिड़काव हो सकता है, जो मेहनत और समय दोनों बचाता है। ये तकनीक बड़े और छोटे किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

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किसान सेवा रथ पहुंचाएंगे जानकारी

यूपी सरकार किसान सेवा रथ के जरिए हर गाँव तक योजनाओं की जानकारी ले जाएगी। ये रथ पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा और कृषि यंत्रों पर सब्सिडी जैसी योजनाओं का प्रचार करेंगे। LED स्क्रीन और ऑडियो-वीडियो के जरिए नई तकनीकों का डेमो दिखाया जाएगा। लखीमपुर खीरी और सीतापुर में ये रथ गाँव-गाँव घूमेंगे। सूचना प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का भी इस्तेमाल होगा, ताकि स्मार्टफोन से भी योजनाओं की खबर मिले।

वैज्ञानिकों से सीधा संवाद

इस अभियान की खास बात है कि वैज्ञानिक खेतों में पहुंचकर किसानों से सीधे बात करेंगे। धान की सीधी बुवाई (DSR) और अरहर-उड़द जैसी दलहनी फसलों के लिए रिज-फरो विधि की ट्रेनिंग होगी। वैज्ञानिक खरीफ फसलों की नई किस्मों और जलवायु परिवर्तन के हिसाब से खेती के तरीकों की सलाह देंगे। ये संवाद यूपी के 65,000 गाँवों में होगा, ताकि कोई किसान छूट न जाए।

योगी सरकार की बड़ी पहल

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार मिलकर किसानों की कमाई दोगुनी करने में जुटी हैं। इस अभियान में चार-चार वैज्ञानिकों की टीमें हर जिले में जाएंगी। यूपी में पहले ही कई योजनाएं लाखों किसानों तक पहुंची हैं। अब इस अभियान से खेती को और आधुनिक बनाया जाएगा। सूर्य प्रताप शाही ने अधिकारियों को हर गाँव तक पहुंचने का टारगेट दिया है। ये अभियान यूपी के खेतों में नई क्रांति लाएगा।

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  • Shashikant

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