Vining Vegetables Tips: किसान भाइयों, हमारे देश में ज्यादातर लोग खेती से ही गुज़ारा करते हैं। रबी फसलों की कटाई के बाद जायद फसलों का समय शुरू हो जाता है। इस मौसम में लौकी, कद्दू, तरबूज और खीरे जैसी बेलदार सब्जियों की खेती जोरों पर होती है। मार्च का महीना चल रहा है, और अब इन फसलों को लगाने का सही वक्त है। लेकिन इन बेलों को खास देखभाल चाहिए। खेत में सही स्ट्रक्चर बनाएँ तो फल बढ़िया निकलते हैं और मेहनत का पूरा फल मिलता है। तो चलिए, अपनी आसान भाषा में जानते हैं कि लौकी-कद्दू की खेती में स्ट्रक्चर कैसे बनाएँ और इसके फायदे क्या हैं।
बेलदार सब्जियों के लिए स्ट्रक्चर जरूरी
लौकी, कद्दू जैसी बेलदार फसलें दूर तक फैलती हैं। इन्हें सही दिशा देने के लिए खेत में लकड़ी और रस्सी से स्ट्रक्चर बनाना पड़ता है। खेत की जुताई के बाद कतार में बीज बोएँ या पौध लगाएँ। फिर बांस की बल्लियाँ 2-3 फीट की दूरी पर गाड़ दें। इन पर रस्सियाँ बाँधें, ताकि बेलें लिपटकर ऊपर चढ़ें। ये देसी तरीका बेलों को फैलने की जगह देता है और फलों को मिट्टी से दूर रखता है। हमारे यहाँ ये पुराना ढंग है, जो फसल को शानदार बनाता है।

स्ट्रक्चर बनाने के फायदे
स्ट्रक्चर का सबसे बड़ा फायदा ये है कि बेलें एकसमान बढ़ती हैं। लकड़ी और रस्सी का सहारा मिले तो बेलें इधर-उधर नहीं फैलतीं। खेत में खाद-पानी देना आसान हो जाता है, क्यूँकि बेलें हवा में लटकती हैं। फल भी हवा में लगते हैं, जिससे मिट्टी से उनका संपर्क नहीं होता। मिट्टी से दूर रहने की वजह से फलों में रोग या सड़न का खतरा कम हो जाता है। हमारे यहाँ लौकी-कद्दू की फसल में कीट भी कम लगते हैं, और फल चमकदार व स्वादिष्ट निकलते हैं। ये छोटा सा जुगाड़ पैदावार को बढ़िया कर देता है।
स्ट्रक्चर बनाने का आसान तरीका
स्ट्रक्चर बनाना कोई मुश्किल काम नहीं। जब पौधे 8-10 इंच के हो जाएँ, तो खेत में 2-3 फीट की दूरी पर बांस या लकड़ी गाड़ दें। ऊपर 2-3 लेयर में मज़बूत रस्सियाँ बाँधें। बेलें बढ़ने लगें तो ये रस्सियों से लिपट जाएँगी। लकड़ी और रस्सी मज़बूत चुनें, क्यूँकि लौकी-कद्दू जैसे फल भारी होते हैं। कमज़ोर स्ट्रक्चर भार नहीं झेल पाता और टूट सकता है। इसे बनाने में 500-700 रुपये प्रति बीघा खर्च आता है, जो बांस और रस्सी की कीमत पर निर्भर करता है। हमारे यहाँ ये सस्ता तरीका फसल को बचा लेता है।

फायदा और देखभाल का हिसाब
स्ट्रक्चर से बेलदार फसलों की पैदावार 20-30% तक बढ़ सकती है। एक बीघे से लौकी या कद्दू के 20-25 क्विंटल मिलते हैं, जो बाजार में 15-20 रुपये किलो बिकते हैं। यानी 30,000-50,000 रुपये की कमाई। बिना स्ट्रक्चर के फल मिट्टी से सड़ सकते हैं, और नुकसान होता है। स्ट्रक्चर बनाने का खर्च 1,000 रुपये से ज्यादा नहीं। फल हवा में लटकने से रोग कम लगते हैं, और कीटनाशक का खर्च भी बचता है। हमारे यहाँ ये तरीका जायद फसलों को चमका देता है।
खेती को आसान बनाएँ
किसान भाइयों, लौकी-कद्दू की खेती में स्ट्रक्चर बनाना छोटा कदम है, लेकिन फायदा बड़ा देता है। बेलों को सहारा दें, फलों को मिट्टी से बचाएँ और पैदावार बढ़ाएँ। मार्च में जायद फसल शुरू करते वक्त ये जुगाड़ काम आएगा। घर में सब कहते हैं कि इससे सब्जियाँ स्वादिष्ट और बेदाग निकलती हैं। तो अभी से तैयारी करें, स्ट्रक्चर बनाएँ और जायद फसलों से मुनाफा कमाएँ। मेहनत का फल ढेर सारा मिलेगा, और खेत हरा-भरा रहेगा!
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