सिर्फ 15,000 रुपये में शुरू करें तरबूज की खेती से कम समय में मिलेगा लाखों का मुनाफा

Watermelon farming tips: खेती में सही समय पर सही तरीका अपनाने से किसान कम मेहनत में ज्यादा फायदा उठा सकते हैं। तरबूज की जल्दी खेती उन्हीं में से एक है, जिससे कम समय और लागत में अच्छी आमदनी हो सकती है। खासकर फरवरी में बुवाई करने से यह फसल जल्दी तैयार होती है और बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं। बस्ती जिले के किसान विक्रम चौधरी ने इस खेती से बढ़िया मुनाफा कमाया है।

तरबूज की जल्दी खेती क्यों फायदेमंद है?

तरबूज की फसल आमतौर पर 80-100 दिनों में तैयार होती है, लेकिन जल्दी बुवाई करने से यह 60-70 दिनों में ही बिकने लायक हो जाती है। गर्मियों में इसकी मांग बहुत ज्यादा होती है, जिससे किसानों को ऊंचे दाम मिलते हैं। पारंपरिक खेती के मुकाबले इसमें मेहनत कम लगती है और फायदा ज्यादा होता है।

मिट्टी और बुवाई का समय

तरबूज के लिए गर्म और शुष्क जलवायु सबसे बढ़िया होती है। मिट्टी अगर दोमट हो और उसमें पानी निकालने की अच्छी व्यवस्था हो, तो फसल जल्दी बढ़ती है। मिट्टी का pH स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

जनवरी के आखिरी हफ्ते से फरवरी के पहले हफ्ते तक बुवाई करना सबसे अच्छा रहता है। अच्छी उपज के लिए सरस्वती, जन्नत और सागर किंग जैसी बीज किस्में अपनाई जा सकती हैं, क्योंकि ये जल्दी बढ़ती हैं और बीमारियों से बची रहती हैं।

खेत की तैयारी और खाद

खेती शुरू करने से पहले खेत को अच्छे से जोतकर उसमें गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालना जरूरी है। साथ ही डीएपी, सुपर फॉस्फेट, पोटाश और नीम की खली मिलाने से मिट्टी की ताकत बढ़ती है और फसल को जरूरी पोषण मिलता है।

मल्चिंग तकनीक से फायदा

मल्चिंग करने से मिट्टी में नमी बनी रहती है और खरपतवार कम होते हैं। इससे फसल अच्छी बढ़ती है और कीट-पतंगों का असर भी कम होता है। तरबूज की खेती में टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) सबसे बढ़िया तरीका माना जाता है। इससे पानी की बचत होती है और पौधों को जरूरत के मुताबिक नमी मिलती रहती है।

फसल में लगने वाले रोग और इलाज

तरबूज की फसल में पाउडरी मिल्ड्यू और डाउनी मिल्ड्यू जैसी बीमारियां लग सकती हैं। अगर पत्तियों पर सफेद धब्बे दिखें, तो सल्फर पाउडर का छिड़काव करें। पत्तियां पीली होकर मुरझाने लगें तो बोर्डो मिश्रण का छिड़काव करना चाहिए।

फसल की कटाई और बिक्री

तरबूज की कटाई तब करनी चाहिए जब तना सूखने लगे और फल पर हल्की चमक आ जाए। अच्छे दाम पाने के लिए इसे स्थानीय मंडियों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचा जा सकता है। तरबूज की खेती पर प्रति बीघा करीब 15,000 रुपये खर्च आता है, जबकि मुनाफा 50,000 से 70,000 रुपये तक हो सकता है।

अगर किसान सही बीज चुनें, समय पर बुवाई करें और नई तकनीकों का इस्तेमाल करें, तो तरबूज की जल्दी खेती से अच्छा पैसा कमा सकते हैं। गर्मी के मौसम में बाजार में इसकी अच्छी मांग रहती है, जिससे फायदा और भी ज्यादा होता है।

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  • Shashikant

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