फल किसानों के लिए चेतावनी! इन 4 फलों की फसल पर मंडरा रहा खतरा, बचाव के लिए तुरंत करें ये काम

Fruits Farming Tips : गर्मी का मौसम हो या बारिश का, आम, लीची, नींबू और अनार जैसे फलों की खेती करने वाले किसान भाइयों के सामने फल फटने और गिरने की बड़ी चुनौती रहती है। इससे 25% से 85% तक फसल बर्बाद हो सकती है, और मेहनत पर पानी फिर जाता है। मौसम का बदलाव, तेज धूप, गर्म हवाएँ, कम बारिश और पोषक तत्वों की कमी इसके मुख्य कारण हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं। कृषि विज्ञान केंद्र रामपुर के हेड और पौध सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. मंयक कुमार राय ने कुछ आसान और कारगर उपाय बताए हैं, जिनसे फसल को बचाकर मुनाफा बढ़ाया जा सकता है। चलिए, इन उपायों को समझते हैं और अपनी बागवानी को मजबूत करते हैं।

फल फटने और गिरने के कारण

डॉ. मंयक कुमार राय बताते हैं कि मौसम में अचानक बदलाव जैसे तेज बारिश, तापमान का उतार-चढ़ाव या हवा में नमी की कमी फल फटने का बड़ा कारण है। मिट्टी में नमी का असंतुलन, यानी बहुत सूखा या बहुत पानी, भी फलों को नुकसान पहुँचाता है। सिंचाई में लापरवाही से जड़ें कमजोर होती हैं और फल झड़ने लगते हैं। इसके अलावा, मिट्टी में कैल्शियम, बोरान और जिंक जैसे पोषक तत्वों की कमी फल की त्वचा को कमजोर करती है, जिससे वो फट जाते हैं। सही देखभाल न हो, तो ये समस्या और बढ़ जाती है। इन कारणों को समझकर सही कदम उठाना जरूरी है।

आम और लीची में फल फटने से बचाव

आम और लीची की फसल को बचाने के लिए सही समय पर सही उपाय करें। आम में फल फटने से रोकने के लिए 15 अप्रैल के आसपास बोरेक्स (4 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें। लीची में जब फल लौंग के आकार के हों, अप्रैल के पहले हफ्ते में बोरेक्स (4 ग्राम प्रति लीटर पानी) और फिर मई के पहले हफ्ते में दूसरा छिड़काव करें। सूक्ष्म पोषक तत्वों का घोल (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) भी फायदा देता है। तापमान 40 डिग्री से ऊपर जाए, तो ओवरहेड स्प्रिंकलर से पानी छिड़कें। इससे नमी बनी रहती है और गर्मी का असर कम होता है। ये तरीके फल को मजबूत करते हैं और फटने से बचाते हैं।

अनार और नींबू में फल फटने से सुरक्षा

अनार और नींबू के लिए पोषक तत्वों की कमी को दूर करना जरूरी है। बोरेक्स (0.02%), कॉपर सल्फेट (0.3%) और पोटैशियम सल्फेट (2%) का छिड़काव करें। एनएए (20 पीपीएम) और जिब्रेलिक एसिड (10 पीपीएम) का घोल भी फल को फटने से रोकता है। जून में अनार पर बोरेक्स (1%) और नींबू पर जिब्रेलिक एसिड (120 पीपीएम) छिड़कें। ये उपाय फलों की त्वचा को मजबूत करते हैं और पैदावार बढ़ाते हैं। हर 15-20 दिन में छिड़काव दोहराएँ। गर्मी में हल्की सिंचाई और मल्चिंग से नमी बनाए रखें।

खेती को मजबूत करने के टिप्स

फलों को कीटों और मौसम से बचाने के लिए कुछ और कदम उठाएँ। आम और अनार को कवर करें—कागज के बैग या जाल का इस्तेमाल करें। नियमित और संतुलित सिंचाई करें, ताकि जड़ों को सही पानी मिले। मिट्टी में पुआल या प्लास्टिक से मल्चिंग करें, इससे नमी टिकती है। पोषक तत्वों का सही प्रबंधन करें—खेत में गोबर खाद और जैविक उर्वरक डालें। बगीचे के चारों तरफ बड़े पेड़ लगाएँ, जो गर्म हवाओं से ढाल बनें। ये छोटे कदम फसल को बर्बादी से बचाते हैं और मुनाफे का रास्ता खोलते हैं।

क्या होगा फायदा?

किसान भाइयों, फल फटने और गिरने से बचाने के लिए इन उपायों को अपनाएँ। आम की पैदावार 50-100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, लीची 40-80 क्विंटल, नींबू 100-150 क्विंटल और अनार 80-120 क्विंटल तक हो सकती है। अगर 25-85% नुकसान रुक जाए, तो लाखों की कमाई हो सकती है। बाजार में इन फलों की माँग हमेशा रहती है। सही देखभाल से फसल की क्वालिटी बढ़ेगी और आपकी जेब भरेगी। इन टिप्स को आजमाएँ और अपनी मेहनत को फलते-फूलते देखें।

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  • Shashikant

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