लौकी की खेती सालभर की जा सकती है। इसे जायद, खरीफ और रबी तीनों सीजन में उगाया जा सकता है।

फरवरी का महीना गर्मी के मौसम की लौकी की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है।

लौकी की कई उन्नत किस्में हैं, जिनकी खेती करके किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

यह किस्म 50-55 दिनों में फल देने लगती हैमीडियम साइज की लौकी होती है, जिसकी लंबाई 1 से 1.5 फीट होती है। यह अधिक पैदावार देने वाली किस्म मानी जाती है।

1.काशी गंगा लौकी

सबसे अधिक उत्पादन देने वाली हाईब्रिड किस्म। फल 30 से 40 सेमी लंबा होता है। 150 से 180 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 400 से 500 क्विंटल तक उत्पादन मिलता है।

2.सम्राट लौकी

लौकी की लंबाई मध्यम होती है और वजन 1 किलोग्राम तक होता है। प्रति हेक्टेयर 40 से 45 टन तक उत्पादन देने की क्षमता। पुष्पसड़न रोग के प्रति मजबूत प्रतिरोधक क्षमता

3.आर्का बहार लौकी

इसका आकार नाशपाती जैसा होता है और छिलका हल्का हरा होता है। जन 800 ग्राम से 1 किलोग्राम तक होता है। प्रति हेक्टेयर 25 से 29 क्विंटल तक उत्पादन मिलता है।

4.पूसा संतुष्टि लौकी

इस लौकी का रंग गहरा हरा होता है और आकार चपटा और गोल। प्रति फल वजन 500 से 600 ग्राम तक होता है। प्रति हेक्टेयर 31 टन तक उत्पादन लिया जा सकता है।

5.पूसा संदेश लौकी