सूखे में भी मिलेगा बम्पर पैदावार, ये हैं धान की उन्नत किस्में जिससे हो जायेंगे मालामाल

धान की खेती हमारे गाँवों का गौरव है। यह सिर्फ फसल नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और रसोई का हिस्सा है। लेकिन आजकल बदलता मौसम और कम बारिश किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। बेमौसम की बारिश और सूखा फसलों को चौपट कर देता है। फिर भी, हमारे वैज्ञानिकों ने हार नहीं मानी। उन्होंने धान की ऐसी उन्नत किस्में विकसित की हैं, जो कम पानी में भी खेतों को हरा-भरा रखती हैं। अगर आपके गाँव में पानी की कमी है, तो ये किस्में आपके लिए वरदान साबित हो सकती हैं। आइए, जानते हैं इन खास किस्मों और इनकी खेती के तरीकों के बारे में।

डब्लू.जी.एल. 32100

डब्लू.जी.एल. 32100 एक ऐसी किस्म है, जो कम पानी वाले इलाकों के लिए बनी है। इसके दाने छोटे और पतले होते हैं, जो बाजार में खूब पसंद किए जाते हैं। इसकी एक खास बात यह है कि इसके पौधे ज्यादा लंबे नहीं होते, जिससे इन्हें संभालना आसान है। यह फसल 125 से 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। अगर आप इसे सही तरीके से उगाएं, तो एक हेक्टेयर में 55 से 60 क्विंटल तक धान मिल सकता है। इसकी खेती के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती, और यह सूखे को भी सहन कर लेती है। गोविंद जैसे किसानों ने इस किस्म से अपनी आमदनी दोगुनी कर ली है।

पूसा सुगंध 5

पूसा सुगंध 5 एक संकर किस्म है, जो अपने खुशबूदार दानों के लिए मशहूर है। इसके दाने इतने स्वादिष्ट होते हैं कि बाजार में इनकी मांग हमेशा बनी रहती है। इसकी खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें रोग बहुत कम लगते हैं। यानी आपको कीटनाशकों पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता। यह फसल 120 से 125 दिनों में तैयार हो जाती है। एक एकड़ में इसकी खेती करने पर 25 से 30 क्विंटल धान मिल सकता है। यह किस्म कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है, जिससे छोटे किसानों को बड़ा फायदा होता है।

आईआर-36

आईआर-36 धान की ऐसी किस्म है, जो सूखे के लिए खास तौर पर बनाई गई है। कम बारिश वाले इलाकों में यह किसानों का सहारा बन रही है। इसकी फसल 115 से 120 दिनों में पक जाती है, यानी आप जल्दी फसल काटकर बाजार में बेच सकते हैं। एक हेक्टेयर में इसकी खेती से 40 से 45 क्विंटल तक पैदावार मिलती है। इसकी खासियत यह है कि यह पानी की कमी को बर्दाश्त कर लेती है और फिर भी अच्छी उपज देती है। कई किसान इस किस्म को अपनाकर अपनी मुश्किलें कम कर चुके हैं।

खेती का आसान तरीका

इन किस्मों की खेती शुरू करने के लिए खेत को अच्छी तरह तैयार करें। मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए दो बार जुताई करें और गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें। जैविक खाद मिट्टी को ताकत देती है और फसल को स्वस्थ रखती है। बुवाई के लिए प्रमाणित बीज लें, जो नजदीकी कृषि केंद्र पर मिल जाते हैं। बीज को बोने से पहले 5-6 घंटे भिगो लें। पंक्तियों के बीच 20-25 सेंटीमीटर की दूरी रखें। पहली सिंचाई बुवाई के बाद करें और फिर जरूरत के हिसाब से पानी दें। ध्यान रखें कि खेत में पानी जमा न हो।

देखभाल और मुनाफा

फसल की देखभाल में खरपतवार को समय-समय पर हटाएं। नीम का तेल या जैविक कीटनाशक इस्तेमाल करें, जो फसल और पर्यावरण दोनों के लिए सुरक्षित हैं। इन किस्मों की पैदावार बाजार में अच्छा दाम लाती है। मंडियों में इनके दाने 2500 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकते हैं। छोटे खेतों में भी 30-50 हजार का मुनाफा हो सकता है।

धान की ये उन्नत किस्में कम पानी में भी उम्मीद की किरण हैं। मेहनत और सही जानकारी के साथ आप अपने खेत को लहलहा सकते हैं। जैसा कि गाँवों में कहते हैं, “खेत की मिट्टी और किसान का पसीना कभी बेकार नहीं जाता।” इस मौसम में इन किस्मों को अपनाएं और बंपर फसल का आनंद लें।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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