गोबर की ताकत, प्राकृतिक भोजन का आधार
हमारे यहाँ गोबर तालाब में मछलियों के लिए प्राकृतिक भोजन का बड़ा स्रोत है। अपने तालाब में 1 हेक्टेयर के लिए 10,000 किलो गोबर सालाना डालें। यह पानी में प्लैंकटन पैदा करता है, जो मछलियों का पहला आहार है। गाय या भैंस का ताज़ा गोबर डालें, जो 15-20 दिन में शैवाल बनाता है। यह रोहू, कतला और म्रिगल जैसी मछलियों के लिए फायदेमंद है। हमारे यहाँ गोबर मुफ्त में मिल जाता है, और यह मछलियों की ग्रोथ को बिना खर्च बढ़ाता है। इसे आधार बनाकर बाकी चीजें मिलाना शुरू करें।
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मुर्गी की बिट, प्रोटीन का खजाना
अपने इलाके में मुर्गी की बिट (मल) मछलियों के लिए प्रोटीन का बढ़िया स्रोत है। अपने तालाब में 10 किलो गोबर के साथ 2-3 किलो सूखी मुर्गी बिट मिलाएँ। इसे धूप में सुखाकर चूरा बनाएँ और तालाब में डालें। यह ग्रास कार्प और कॉमन कार्प जैसी मछलियों को मोटा करता है, क्यूँकि इसमें 25-30% प्रोटीन होता है। हमारे यहाँ मुर्गी पालन करने वाले से यह सस्ते में मिल जाती है। हर 15 दिन में इसे डालें, ताकि मछलियों का वजन तेजी से बढ़े। यह गोबर के साथ मिलकर पानी में पोषक तत्व बढ़ाता है।
धान की कोड़
हमारे यहाँ धान की कोड़ (चावल की भूसी) आसानी से मिलती है और मछलियों के लिए ऊर्जा देती है। अपने तालाब में 10 किलो गोबर के साथ 3-4 किलो धान की कोद मिलाएँ। इसे हल्का भूनकर या पानी में भिगोकर डालें, ताकि मछलियाँ आसानी से खा सकें। यह रोहू और सिल्वर कार्प की ग्रोथ में मदद करती है। हमारे यहाँ यह 10-15 रुपये किलो मिलती है, जो सस्ता पड़ता है। हर हफ्ते इसे डालें, इससे मछलियों की मांसपेशियाँ मज़बूत होती हैं और बाजार में अच्छा दाम मिलता है। यह गोबर के साथ मिलकर आहार को संतुलित बनाती है।
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मूंगफली की खली
अपने तालाब में मूंगफली की खली को गोबर के साथ मिलाना मछलियों के लिए बूस्टर का काम करता है। 10 किलो गोबर के साथ 2-3 किलो मूंगफली खली मिलाएँ। इसे पानी में भिगोकर या गोबर के साथ मिश्रण बनाकर डालें। यह प्रोटीन और वसा से भरपूर होती है, जो ग्रास कार्प और भाकुर की ग्रोथ बढ़ाती है। हमारे यहाँ यह 20-25 रुपये किलो मिलती है। हर 10-15 दिन में डालें, ताकि मछलियाँ तेजी से मोटी हों। यह गोबर के साथ मिलकर तालाब में पोषक तत्वों का स्तर बढ़ाती है और फसल तैयार होने में कम समय लगता है।
दूसरी चीजें
अपने इलाके में गेहूं का चोकर, सोयाबीन चूरा और सब्जियों के छिलके भी गोबर के साथ मिला सकते हैं। अपने तालाब में 10 किलो गोबर के साथ 1-2 किलो चोकर और 500 ग्राम सोयाबीन चूरा डालें। सब्जियों के छिलके मुफ्त में घर से मिल जाते हैं। यह मिश्रण कतला और म्रिगल की ग्रोथ को बढ़ाता है। हमारे यहाँ नीम की पत्तियाँ (100 ग्राम प्रति 10 किलो) डालने से कीट भी कम होते हैं। हर हफ्ते इस मिश्रण को डालें, ताकि मछलियों को संतुलित आहार मिले और उनका वजन 6-8 महीने में 1 किलो तक हो जाए।
ग्रोथ का हिसाब
अपने तालाब में 1 हेक्टेयर में 5,000-7,000 मछलियाँ पालें। गोबर, मुर्गी बिट, धान की कोद और मूंगफली खली का मिश्रण रोज़ 5-10 किलो डालें, जो मछलियों के वजन का 3-5% हो। अपने इलाके में यह मिश्रण 50-70 रुपये रोज़ का पड़ता है। 6-8 महीने में मछलियाँ 1 किलो की होंगी और 3-5 टन पैदावार मिलेगी। बाजार में 100-150 रुपये किलो बिके, तो 3-5 लाख रुपये की कमाई होगी। हमारे यहाँ शुरूआती खर्च 20,000-30,000 रुपये है, जो जल्दी वसूल हो जाता है। यह तरीका सस्ता और फायदेमंद है।
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