अब जमीन का भी बनेगा आधार कार्ड, कोई नहीं कर सकेगा अवैध कब्जा

भारत में भूमि विवादों की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। इसे हल करने और पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने एक नई पहल की है – भू आधार कार्ड (Bhu Aadhaar Card)। यह कार्ड भूमि मालिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और भूमि रिकॉर्ड को डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

भू-आधार कार्ड क्या है?

भू आधार कार्ड एक डिजिटल पहचान पत्र है, जो आपकी जमीन की कानूनी पहचान को दर्शाता है। इसे सरकार ने 2024 के बजट में पेश किया था। इस कार्ड में आपकी जमीन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज होती है। इसे आधार कार्ड से जोड़ा जाता है और हर जमीन के लिए 14 अंकों का एक विशेष कोड (ULPIN) दिया जाता है। यह कोड जमीन की सटीक जानकारी और मालिकाना हक को सुनिश्चित करता है।

भू-आधार कार्ड के फायदे

भू आधार कार्ड से जमीन मालिकों को कई लाभ होते हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे जमीन पर अवैध कब्जों को रोका जा सकता है। अगर कोई आपकी जमीन पर कब्जा करता है, तो इसे हटाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है।

इसके अलावा, भू आधार कार्ड से सभी भूमि रिकॉर्ड डिजिटल हो जाते हैं। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ती है, बल्कि भूमि विवादों का समाधान भी जल्दी होता है। किसान और जमीन मालिक इसे कृषि ऋण और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए भी उपयोग कर सकते हैं।

भू आधार कार्ड कैसे बनवाएं? (How to Get Bhu Aadhaar Card Made)

भू आधार कार्ड बनवाने के लिए भूमि मालिक को कुछ सरल प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। इसके लिए दो तरीके उपलब्ध हैं—ऑनलाइन और ऑफलाइन।

ऑफलाइन प्रक्रिया

  1. रेवेन्यू ऑफिस का दौरा करें
    अपने क्षेत्र के राजस्व कार्यालय (Revenue Office) जाएं और आधार कार्ड व जमीन के कागजात साथ लेकर जाएं।
  2. फॉर्म भरें और जमा करें
    भू आधार कार्ड के लिए फॉर्म भरें और उसे संबंधित अधिकारियों को जमा करें।
  3. ULPIN प्राप्त करें
    आपको अपनी जमीन का Unique Land Parcel Identification Number (ULPIN) मिलेगा, जिसे आधार कार्ड से लिंक करना होगा।
  4. आधार लिंकिंग
    ULPIN को अपने आधार कार्ड से लिंक करने के बाद आपको भू आधार कार्ड जारी कर दिया जाएगा।

ऑनलाइन प्रक्रिया

जिन राज्यों में यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है, वहां के भूमि मालिक घर बैठे इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

  1. सरकारी पोर्टल पर जाएं।
  2. जमीन के दस्तावेज और आधार कार्ड की जानकारी अपलोड करें।
  3. ULPIN के लिए आवेदन करें।
  4. आधार कार्ड और ULPIN को लिंक करें।

ULPIN क्या है? (What is ULPIN?)

ULPIN यानी Unique Land Parcel Identification Number हर जमीन के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या है। यह 14 अंकों का कोड है, जो भूमि की सटीक लोकेशन और मालिकाना हक को दर्शाता है। ULPIN को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य है ताकि सरकार के पास भूमि का पूरा रिकॉर्ड हो और किसी भी विवाद को समय रहते सुलझाया जा सके।

भू आधार कार्ड क्यों जरूरी है?

भारत में भूमि विवाद और अवैध कब्जों की घटनाएं आम हैं। भू आधार कार्ड इन समस्याओं को खत्म करने में मदद करता है। इसके जरिए न केवल जमीन का सटीक रिकॉर्ड रखा जा सकता है, बल्कि मालिकाना हक को भी सुनिश्चित किया जा सकता है। यह कदम भूमि मालिकों और सरकारी संस्थानों दोनों के लिए फायदेमंद है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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