HI 8759 पूसा तेजस गेहूं: 112 दिन में 90 क्विंटल/प्रति हेक्टेयर, 1.5 लाख मुनाफा

Wheat Cultivation with Pusa Tejas: किसान भाईयों, गेहूं भारत की प्रमुख रबी फसल है, और HI 8759 पूसा तेजस अपनी उच्च उपज और गुणवत्ता के लिए किसानों की पसंद बन चुकी है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), इंदौर द्वारा 2016 में विकसित यह ड्यूरम गेहूं वैरायटी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, और बिहार में लोकप्रिय है। केवल 112-125 दिन में तैयार होने वाली यह किस्म प्रति हेक्टेयर 80-90 क्विंटल उत्पादन देती है, जो परंपरागत किस्मों से 20-30% अधिक है। कम लागत (35,000-40,000 रुपये/हेक्टेयर) और 1.5 लाख रुपये मुनाफे के साथ यह रोटी, ब्रेड, और पास्ता जैसे बेकरी उत्पादों के लिए आदर्श है। आइए जानें पूसा तेजस की खेती कैसे करें और लाखों कैसे कमाएँ।

पूसा तेजस की खासियत

HI 8759 की विशेषताएँ इसे अनूठा बनाती हैं। यह प्रति हेक्टेयर 80-90 क्विंटल उपज देती है, अनुकूल परिस्थितियों में 100 क्विंटल तक। फसल 112-125 दिन में तैयार होती है। दाने चमकदार, मध्यम आकार (50-60 ग्राम/1000 दाने), 12% प्रोटीन, और उच्च ग्लूटन युक्त होते हैं, जो रोटी को नरम और बेकरी उत्पादों को बेहतर बनाते हैं। यह तना-पत्ती रतुआ, करनाल बंट, और फ्लैग स्मट रोगों के प्रति प्रतिरोधी है। बायोफोर्टिफाइड होने के कारण इसमें 42.1 ppm आयरन और 42.8 ppm जिंक होता है।

जलवायु और मिट्टी कैसी हो

पूसा तेजस की बुआई अक्टूबर अंत से नवंबर प्रथम सप्ताह (20-25°C) में करें। यह मध्य क्षेत्र (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़) और उत्तर भारत (उत्तर प्रदेश, पंजाब) के लिए उपयुक्त है। दोमट या बलुई दोमट मिट्टी (pH 6.5-7.5) सर्वोत्तम है। जल निकासी जरूरी है। खेत की 2-3 बार गहरी जुताई करें, 5-6 टन गोबर खाद या 1.5 टन वर्मी कम्पोस्ट/हेक्टेयर मिलाएँ। मिट्टी को भुरभुरा और समतल करें। मिट्टी जाँच से पोषक तत्वों की कमी पता करें।

बुआई और देखभाल का तरीका

प्रति हेक्टेयर 100-120 किलो बीज लें। बुआई से पहले थीरम (3 ग्राम/किलो) से बीज उपचार करें। कतार से कतार 22-25 सेमी और पौधे से पौधे 5-7 सेमी दूरी रखें। सीड ड्रिल से 4-5 सेमी गहराई में बीज बोएँ। पहली सिंचाई बुआई के 20-25 दिन बाद, फिर कल्ले, बालियां, और दाना भरने के समय करें (कुल 4-5 सिंचाई)। ड्रिप सिस्टम से 20% पानी बचता है। बुआई के समय 120 किलो DAP, 60 किलो MOP, और 150 किलो यूरिया/हेक्टेयर डालें। खरपतवार के लिए पेंडीमेथालिन (1 लीटर/हेक्टेयर) छिड़कें। 20-25 दिन बाद निराई-गुड़ाई करें।

कीट-रोग प्रबंधन और खाद

पूसा तेजस रोग प्रतिरोधी है। कीट (एफिड्स, दीमक) के लिए नीम तेल (5 मिली/लीटर) या इमिडाक्लोप्रिड (0.5 मिली/लीटर) छिड़कें। रतुआ या करनाल बंट के लिए मैनकोजेब (2 ग्राम/लीटर) उपयोग करें। जैविक खेती के लिए नीम खली (150 किलो/हेक्टेयर) और ट्राइकोडर्मा (5 किलो/हेक्टेयर) मिलाएँ। 25-30 दिन बाद 50 किलो यूरिया छिड़कें। जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट, गोमूत्र) से गुणवत्ता बढ़ती है।

उत्पादन और मुनाफा की पूरी जानकारी

HI 8759 से प्रति हेक्टेयर 80-90 क्विंटल उपज मिलती है। गेहूं 2,200-2,500 रुपये/क्विंटल बिकता है, जिससे 1.76-2.25 लाख रुपये आय होती है। लागत: बीज (8,000 रुपये), खाद-उर्वरक (10,000 रुपये), सिंचाई-मजदूरी (12,000 रुपये), अन्य (5,000 रुपये), कुल 35,000-40,000 रुपये। शुद्ध मुनाफा: 1.36-1.85 लाख रुपये/हेक्टेयर। जैविक गेहूं 3,000 रुपये/क्विंटल तक बिकता है, जिससे मुनाफा 2 लाख से अधिक हो सकता है। प्रोसेसिंग (सूजी, डालिया) से आय 20-30% बढ़ती है।

बीज कहां से प्राप्त करें और कैसे करें विपणन

HI 8759 पूसा तेजस के प्रमाणित बीज भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), या राज्य बीज निगम से प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन पोर्टल जैसे IFFCO, Agribegri, जैसी वेबसाइटों से भी बीज ऑर्डर कर सकते हैं। जब फसल तैयार हो जाए तो नजदीकी मंडियों के अलावा आटा मिलों और बेकरी कंपनियों से सीधा संपर्क कर अच्छा मूल्य पाया जा सकता है। साथ ही FPO के जरिए सामूहिक बिक्री से भी अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।

किसान भाईयो, आज खेती सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि विज्ञान और अवसर का संगम बन चुकी है। अगर आप भी कम समय में ज्यादा और गुणवत्ता वाला उत्पादन पाना चाहते हैं, तो पूसा तेजस (HI 8759) गेहूं की वैरायटी आपके लिए एक सुनहरा मौका है। ये किस्म न केवल आपकी आमदनी बढ़ाएगी, बल्कि आपकी मेहनत को भी वह पहचान देगी जिसकी आप हकदार हैं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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