Wheat procurement: उत्तर प्रदेश में गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने 1 मार्च 2025 से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू कर दी है। इस बार खरीद पिछले साल से 15 दिन पहले शुरू हुई है, ताकि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का फायदा जल्दी मिल सके। सरकार ने किसानों से कहा है कि अपनी उपज तय क्रय केंद्रों और मंडियों में ले जाएँ। मंडियों में छाया, पानी और दूसरी सुविधाएँ भी मुहैया कराई गई हैं।
पहले दिन कई किसान अपनी फसल लेकर मंडियाँ पहुँचे। हालाँकि, अभी गेहूं की कटाई शुरू ही हुई है, लेकिन बंपर बुवाई और अच्छी नमी की वजह से पैदावार शानदार होने की उम्मीद है। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।
15 जून तक चलेगी खरीद
इस बार गेहूं की सरकारी खरीद 1 मार्च से शुरू होकर 15 जून 2025 तक चलेगी। बीते साल ये प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू हुई थी। रबी सीजन में अच्छी मॉनसून बारिश ने मिट्टी को नम रखा, जिससे किसानों ने गेहूं की बंपर बुवाई की। सरकार चाहती है कि इस शानदार पैदावार का फायदा किसानों को जल्दी और सही तरीके से मिले। ये लंबा समय किसानों को अपनी सुविधा से गेहूं बेचने का मौका देगा।
MSP पर 2425 रुपये प्रति क्विंटल
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक, इस बार केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 150 रुपये बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। राज्य में मंडल और जिला स्तर पर खरीद केंद्र बनाए गए हैं, जहाँ किसानों को MSP का पूरा भुगतान मिलेगा। ये पैसा पीएफएमएस पोर्टल के जरिए आधार से लिंक बैंक खाते में आएगा। ये बढ़ा हुआ MSP किसानों की जेब को मजबूत करेगा।
7 हजार से ज्यादा क्रय केंद्र
यूपी में इस बार 7 हजार से ज्यादा खरीद केंद्र तैयार किए गए हैं। आजमगढ़ मंडल में 165 केंद्र हैं, जिनमें आजमगढ़ जिले में 79, बलिया में 67 और मऊ में 31 शामिल हैं। कौशांबी में 21, मथुरा में 68 और सहारनपुर में 97 केंद्र खोले गए हैं। इतने सारे केंद्र होने से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। ये केंद्र फसल की खरीद को आसान और तेज बनाएँगे।
रजिस्ट्रेशन जरूरी, ऐसे करें
गेहूं को MSP पर बेचने के लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए खाद्य विभाग का पोर्टल fcs.up.gov.in पर जाएँ। जनसुविधा केंद्र, साइबर कैफे, मोबाइल ऐप या धान क्रय केंद्र प्रभारी की मदद से पंजीकरण और नवीनीकरण कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद क्रय केंद्र पर कम्प्यूटरीकृत सत्यापित खतौनी, पंजीकरण और आधार की फोटो कॉपी ले जाएँ। आधार से लिंक और एनपीसीआई मैप्ड खाते में ही भुगतान आएगा, तो खाता अपडेट रखें।
बुवाई और खरीद का फायदा
पिछले साल की अच्छी बारिश से गेहूं की बुवाई बढ़ी है। सरकार का ये कदम सुनिश्चित करता है कि किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम मिले। 15 जून तक चलने वाली ये खरीद प्रक्रिया और 7 हजार से ज्यादा केंद्र किसानों के लिए बड़ी राहत हैं। MSP का भुगतान सीधे खाते में आने से समय और मेहनत की बचत होगी।