एक बड़ी राहत वाली खबर आ रही है उत्तर प्रदेश से! केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान को शामिल कर लिया है। पहले ये नुकसान बीमा के दायरे में नहीं आता था, जिससे किसान भाई लाचार रह जाते थे। अब जंगली सूअर, नीलगाय और जंगली हिरण जैसी समस्या से परेशान किसानों को मुआवजा मिलेगा।
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ये किसानों के लिए वरदान है। खरीफ 2026 से ये सुविधा शुरू हो जाएगी, तो अगर आपकी फसलें इन जानवरों से बर्बाद हो रही हैं तो अब चिंता छोड़ दें। जल्दी से PMFBY में रजिस्टर कर लें, क्योंकि ये मौका हाथ से न निकले!
क्यों है ये फैसला किसानों के लिए गेम चेंजर?
उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जंगली जानवरों का आतंक आम बात है। नीलगाय, जंगली सूअर और हिरण रातोंरात फसलें चर जाते हैं, और किसान भाई नुकसान की भरपाई के लिए दर-दर भटकते हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले से अब तूफान, सूखा, बाढ़, अतिवृष्टि के साथ-साथ जंगली पशुओं से नुकसान भी कवर हो जाएगा।
कृषि मंत्री शाही ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जलभराव और जंगली जानवरों से होने वाले फसल नुकसान का भी मुआवजा मिलेगा। ये उन किसानों के लिए बड़ी राहत है जिनकी फसलें लंबे समय से इन कारणों से प्रभावित होती रही हैं।” उन्होंने मोदी सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रदेश के किसानों की तरफ से बहुत आभार। ये कदम न सिर्फ आर्थिक मदद देगा, बल्कि किसानों का हौसला भी बढ़ाएगा।
PMFBY में कैसे शामिल होगा जंगली जानवरों का नुकसान?
पहले PMFBY में प्राकृतिक आपदाओं को कवर किया जाता था, लेकिन जंगली पशु नुकसान को अलग श्रेणी में रखा जाता था। अब केंद्र के फैसले से ये भी बीमा के दायरे में आ गया है। राज्य सरकारें प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करेंगी और नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों (जैसे जंगली सूअर, नीलगाय, जंगली हिरण) की सूची जारी करेंगी।
मुआवजे की राशि फसल के नुकसान के आधार पर तय होगी, जो आमतौर पर 50-80% तक हो सकती है। खरीफ 2026 से लागू होने पर गन्ना, धान, गेहूं जैसी फसलों पर असर पड़ेगा। मंत्री शाही ने जोर देकर कहा कि “इस तरह किसानों को अब पीएम फसल बीमा के माध्यम से तूफान, सूखा, बाढ़, अतिवृष्टि और जंगली पशुओं से नुकसान की क्षतिपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।” ये बदलाव किसानों की लंबी मांग को पूरा करेगा।
कौन होंगे पात्र
सभी वो किसान पात्र होंगे जो PMFBY में पंजीकृत हैं और जिनकी फसलें अधिसूचित जंगली जानवरों से क्षतिग्रस्त होती हैं। कोई आय सीमा या अन्य शर्तें नहीं, बस बीमा कवर होना जरूरी। क्लेम प्रक्रिया सरल है नुकसान होने पर 72 घंटे के अंदर फसल बीमा ऐप पर जियो-टैग वाली फोटो अपलोड कर क्लेम दर्ज करें। लोकल कृषि अधिकारी सत्यापन करेंगे, और मुआवजा सीधे बैंक खाते में आएगा। राज्य स्तर पर प्रभावित क्षेत्रों की लिस्ट बनेगी, ताकि किसान पहले से सतर्क रह सकें।
नुकसान से बचाव और बीमा का फायदा कैसे लें
- अभी से PMFBY में रजिस्टर कर लें, प्रीमियम कम है लेकिन कवरेज मजबूत।
- खेतों के आसपास तारबंदी या डराने वाले उपकरण लगाएं, लेकिन बीमा को बैकअप रखें।
- नुकसान की फोटो तुरंत लें, देरी से क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
- लोकल कृषि केंद्र से संपर्क करें – वो फ्री में रजिस्ट्रेशन में मदद करेंगे।
- खरीफ 2026 तक तैयारी पूरी रखें, क्योंकि जंगली जानवरों का खतरा कभी कम नहीं होता।
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