ठंड के मौसम में करें इन 25 सब्ज़ियों की खेती, 6 महीने तक बरसेगा पैसा

Winter Vegetables Farming: सर्दियों का मौसम भारतीय किसानों के लिए सबसे लाभकारी सीजन होता है, क्योंकि कम तापमान में सब्जियों की वृद्धि तेज होती है, रोग-कीट कम लगते हैं, और बाजार में कीमतें ऊँची रहती हैं। माधोपुर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह के अनुसार, अक्टूबर-नवंबर में बोई गई 25 सब्जियाँ व्यावसायिक रूप से बेहद लाभकारी हैं। इनकी खेती से सीजन के दौरान और उसके बाद भी कम से कम 6 महीने तक लगातार कमाई होती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसान इन फसलों को अपनाकर प्रति एकड़ 1 से 7 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं।

टमाटर, शिमला मिर्च, मेथी, पालक से लेकर फूलगोभी तक – ये सब्जियाँ न केवल मुनाफा देती हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनाए रखती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि कौन-सी 25 सब्जियाँ उगाएँ, कब बुवाई करें, मिट्टी कैसे तैयार करें, खाद-पानी का प्रबंधन कैसे करें, और मुनाफे का पूरा गणित क्या है।

25 सब्जियों की पूरी लिस्ट और बुवाई का सही समय

डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह के अनुसार, सर्दियों में निम्नलिखित 25 सब्जियाँ उगाई जा सकती हैं, जिनकी बुवाई का समय फसल के अनुसार अलग-अलग होता है।

नवंबर में बुवाई वाली सब्जियाँ (मुख्य सीजन):

  1. टमाटर – पौध अक्टूबर-नवंबर में तैयार करें, नवंबर में खेत में लगाएँ।
  2. शिमला मिर्च – नवंबर में पौध रोपाई।
  3. बैंगन – नवंबर-दिसंबर।
  4. खीरा – नवंबर में बीज बुवाई।
  5. लौकी – नवंबर में।
  6. तोरी – नवंबर-दिसंबर।
  7. मेथी – नवंबर से जनवरी तक।
  8. पालक – नवंबर से फरवरी तक, हर 15 दिन में बुवाई।
  9. मूली – नवंबर से जनवरी।
  10. गाजर – नवंबर में।
  11. मटर – अक्टूबर अंत से नवंबर।
  12. शलजम – नवंबर-दिसंबर।
  13. गोभी – नवंबर में पौध रोपाई।
  14. फूलगोभी – अक्टूबर अंत से नवंबर।
  15. बंद गोभी – नवंबर में।
  16. चुकंदर – नवंबर-दिसंबर।
  17. सरसों का साग – नवंबर से जनवरी।
  18. धनिया – नवंबर से फरवरी, हर 20 दिन में।
  19. हरी मिर्च – नवंबर में पौध।
  20. करेला – नवंबर में (पॉलीहाउस में)।
  21. परवल – नवंबर में।
  22. टिंडा – नवंबर में।
  23. भिंडी – नवंबर अंत में (गर्म क्षेत्रों में)।

दिसंबर-जनवरी में बुवाई:

24. मूली, पालक, मेथी, धनिया – देर से बुवाई के लिए।

25. चना (साग के लिए) – दिसंबर में।

इन सब्जियों को पॉलीहाउस या शेडनेट में उगाने से मौसम की गड़बड़ी (पाला, ओस) से बचाव होता है, और उत्पादन 20-30% बढ़ता है।

50-30-20 फॉर्मूला से उपज दोगुनी

सफल खेती की पहली शर्त सही मिट्टी है। डॉ. अभिषेक की सलाह है कि खेत में 2-3 गहरी जुताई करें, फिर प्रति एकड़ 10 टन सड़ी गोबर खाद डालें। पॉलीहाउस या बेड में मिट्टी मिश्रण बनाएँ, जिसमें 50 प्रतिशत बगीचे की मिट्टी (स्थानीय मिट्टी), 30 प्रतिशत गोबर खाद या वर्मीकम्पोस्ट और 20 प्रतिशत रेत या कोकोपीट मिलाएँ। यह मिश्रण नमी बनाए रखता है, जड़ें मजबूत करता है, और जल निकास अच्छा रखता है। मिट्टी का pH 6.0-7.5 रखें। बुवाई से पहले ट्राइकोडर्मा 5 किग्रा प्रति एकड़ मिलाएँ, ताकि फफूंद रोग न लगे।

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खाद और सिंचाई

सर्दियों में पानी की जरूरत कम होती है, लेकिन नियमित नमी जरूरी है। टपक सिंचाई लगाएँ – इससे पानी 70 प्रतिशत बचता है, और खाद पानी में घोलकर (फर्टिगेशन) देने से खर्च 40 प्रतिशत कम होता है। प्रति एकड़ खाद में नाइट्रोजन 80-100 किग्रा (यूरिया से), फॉस्फोरस 60-80 किग्रा (DAP से) और पोटाश 60 किग्रा (MOP से) डालें। बुवाई के समय 50 प्रतिशत NPK डालें, बाकी टपक से 3-4 बार में। जैविक खेती के लिए नीम की खली और वर्मीकम्पोस्ट इस्तेमाल करें।

प्रति एकड़ 1 से 7 लाख तक कमाई

टमाटर एक एकड़ में 400-500 क्विंटल पैदावार देता है, 20 रुपये प्रति किग्रा पर 8-10 लाख की कमाई, खर्च 3 लाख काटकर 5-7 लाख मुनाफा। शिमला मिर्च 200-250 क्विंटल, 30 रुपये प्रति किग्रा पर 6-7.5 लाख, खर्च 2.5 लाख काटकर 3.5-5 लाख। फूलगोभी 300-400 क्विंटल, 15 रुपये प्रति किग्रा पर 4.5-6 लाख, खर्च 2 लाख काटकर 2.5-4 लाख। मेथी-पालक हर 15 दिन में 100-150 क्विंटल, 15 रुपये प्रति किग्रा पर 1.5-2.25 लाख, खर्च 50,000 काटकर 1-1.75 लाख। मूली-गाजर 200-300 क्विंटल, 10 रुपये प्रति किग्रा पर 2-3 लाख, खर्च 80,000 काटकर 1.2-2.2 लाख। कुल मिलाकर, 2-3 फसलें मिलाकर प्रति एकड़ 3-5 लाख सालाना मुनाफा। 6 महीने तक लगातार बिक्री।

अभी शुरू करें सफलता पक्की

बीज चुनते समय प्रमाणित हाइब्रिड बीज जैसे पूसा, अर्का या महिको लें। पॉलीहाउस अपनाएँ, जिसमें 1 एकड़ में 5-7 लाख लगत आती है, लेकिन PMKSY से 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है। टपक सिंचाई 80,000 रुपये प्रति एकड़ में लगाएँ, जिसमें 55-80 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध है। बाजार लिंकेज के लिए FPO, मंडी या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे BigHaat और AgriBazaar से जुड़ें। रोग नियंत्रण के लिए नीम तेल और ट्राइकोडर्मा का छिड़काव करें। सरकारी मदद के लिए कृषि विभाग से सब्सिडी और ट्रेनिंग लें। सर्दियों की यह खेती आपके खेत को 6 महीने तक हरा-भरा और जेब को भरा रखेगी।

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  • Shashikant

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