गेहूं की फसल पर बड़ा इस रोग का संकट, अभी करें यह उपाय वरना बर्बाद हो जाएगी फसल

भारत में गेहूं की खेती किसानों के लिए रीढ़ की हड्डी मानी जाती है। सर्दियों में जब गेहूं की फसल लगभग एक महीने की होती है, तभी यह पीला रतुआ रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है। अगर समय रहते इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए जरूरी है कि किसान भाई इस रोग के लक्षणों को पहचानें और सही समय पर इलाज करें।

पीला रोग क्या है?

पीला रतुआ गेहूं की फसल में लगने वाली एक फंगल बीमारी है, जो पत्तियों पर पीले धब्बे बनाती है। इसे धारीदार रतुआ भी कहते हैं। यह बीमारी फसल की उपज को 25% से 40% तक कम कर सकती है। पत्तियों पर धब्बे दिखने के बाद पौधा कमजोर होने लगता है और धीरे-धीरे सूखने लगता है। अगर इसे नजरअंदाज किया गया, तो पूरी फसल बर्बाद हो सकती है।

यह बीमारी होती क्यों है?

इस बीमारी का कारण मौसम में उतार-चढ़ाव और फसल में नमी का बढ़ना है। दिन और रात के तापमान में बड़ा अंतर, खेत में पानी का ज्यादा जमाव और मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी इस रोग को बढ़ावा देते हैं।

इसका इलाज कैसे करें?

अगर खेत में इस बीमारी के लक्षण दिखें, तो सबसे पहले यूरिया और जिंक सल्फेट का सही मात्रा में छिड़काव करें। यूरिया का उपयोग खेत में पानी लगाने से एक-दो दिन पहले न करें। अगर बीमारी दिखे, तो 100 लीटर पानी में 2 से 2.5 किलोग्राम यूरिया मिलाकर तुरंत छिड़काव करें।

जिंक सल्फेट का छिड़काव भी बेहद कारगर साबित होता है। अगर आपके पास 33% जिंक सल्फेट है, तो 200 ग्राम और 21% जिंक सल्फेट है, तो 400 ग्राम लेकर उसका घोल बनाएं और फसल पर छिड़कें।

किसानों को क्या करना चाहिए?

किसानों को चाहिए कि वे अपनी फसल की नियमित जांच करें और जैसे ही पत्तियों पर पीले धब्बे दिखें, तुरंत कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लें।

कृषि वैज्ञानिक अरविंद कुमार के मुताबिक, यह बीमारी शुरुआत में ही काबू की जा सकती है। अगर सही समय पर इलाज किया जाए, तो नुकसान को कम किया जा सकता है। वह किसानों को सलाह देते हैं कि वे मौसम और मिट्टी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए फसल की देखभाल करें।

फसल बचाने के देसी टिप्स

  1. मिट्टी की जांच कराएं और जरूरत के मुताबिक उर्वरक का इस्तेमाल करें।
  2. रोग-प्रतिरोधी बीज का चयन करें, जो इस तरह की बीमारियों से लड़ सकें।
  3. खेत में पानी का सही प्रबंधन करें, ताकि नमी ज्यादा न बढ़े।
  4. फसल चक्र अपनाएं, जिससे एक ही खेत में हर बार गेहूं न उगाई जाए।

गेहूं की फसल में पीला रतुआ एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन थोड़ी सी समझदारी और समय पर कार्रवाई से इसे काबू किया जा सकता है। देसी नुस्खे, सही उर्वरकों का उपयोग और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह फसल को सुरक्षित रखने में मदद करेगी। फसल पर नजर रखें और जरूरत पड़ने पर तुरंत कदम उठाएं, ताकि आपकी मेहनत का फल पूरी तरह मिल सके।

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  • Shashikant

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