खरपतवार फसलों के लिए सिरदर्द हैं। ये फसल की बढ़त रोकते हैं, पोषक तत्व छीनते हैं और पैदावार घटाते हैं। पानी, धूप और जगह पर कब्जा करके ये अवांछित पौधे फसल को कमजोर कर देते हैं। अगर समय पर इनका कंट्रोल न किया जाए, तो खेत में फैलकर उत्पादन को चौपट कर सकते हैं। किसान भाइयों के लिए ये बड़ी चुनौती है, लेकिन बिहार सरकार के कृषि विभाग ने 5 आसान और कारगर उपाय बताए हैं। इनसे खरपतवारों पर लगाम लगेगी और फसल की पैदावार बढ़ेगी। चलिए, इन उपायों को विस्तार से समझते हैं और अपनी खेती को मजबूत बनाते हैं।
1. उपचारित बीज: सही शुरुआत का पहला कदम
खरपतवारों से बचने का सबसे आसान तरीका है सही बीज चुनना। हमेशा प्रमाणित और उपचारित बीज ही बोएँ। ये बीज खरपतवार के खतरे को कम करते हैं और फसल की क्वालिटी बनाए रखते हैं। बाजार से अच्छी नर्सरी या कृषि केंद्र से बीज लें। इससे खेत में खरपतवार कम उगेंगे और फसल मजबूत होगी। बिहार कृषि विभाग भी यही सलाह देता है।
2. मल्चिंग: मिट्टी की नमी और खरपतवार पर काबू
मल्चिंग खरपतवारों का दुश्मन है। खेत में पुआल, सूखी पत्तियाँ या नारियल के छिलके बिछाएँ। ये मिट्टी को नम रखता है और खरपतवारों को उगने से रोकता है। जैविक मल्च सस्ता और फायदेमंद है। इससे धूप खरपतवार के बीज तक नहीं पहुँचती और फसल को पूरा पोषण मिलता है। ये तरीका छोटे-बड़े हर खेत के लिए कारगर है।
3. फसल चक्र: खरपतवार को दें मात
एक ही फसल बार-बार बोने से खरपतवार बढ़ते हैं। फसल चक्र बदलें जैसे धान के बाद मक्का या अरहर बोएँ। इससे खरपतवारों की संख्या कम होगी और मिट्टी की ताकत बनी रहेगी। हर मौसम में अलग फसल चुनें, ताकि खरपतवार की जड़ें कमजोर पड़ें। ये पुराना देसी तरीका आज भी खेती को फायदा पहुँचाता है।
4. गर्मी में जुताई: खरपतवार के बीज जलाएँ
गर्मी का मौसम खरपतवारों को खत्म करने का सही वक्त है। गहरी जुताई करें, ताकि खरपतवार के बीज ऊपर आएँ और धूप से नष्ट हो जाएँ। इससे अगली फसल में खरपतवार कम उगते हैं। ट्रैक्टर या हल से खेत को अच्छे से पलट दें। ये आसान उपाय खेत को साफ रखता है और फसल को बढ़ने का पूरा मौका देता है।
5. सहफसली खेती: दो फसलों से डबल फायदा
सहफसली खेती खरपतवारों पर काबू पाने का शानदार तरीका है। मक्का के साथ अरहर या धान के साथ मूँग बोएँ। ये मिश्रित खेती खरपतवार को दबाती है और मुख्य फसल को बचाती है। साथ ही, दो फसलों से कमाई भी बढ़ती है। ये देसी तरकीब खेत को हरा-भरा रखती है और खरपतवार को फैलने नहीं देती।
कृषि विभाग की सलाह: फसल बचाएँ, मुनाफा कमाएँ
बिहार कृषि विभाग किसान भाइयों से कहता है कि इन 5 उपायों को अपनी खेती में अपनाएँ। सही वक्त पर खरपतवार कंट्रोल करने से पैदावार बढ़ेगी और जेब भरेगी। ज्यादा जानकारी चाहिए, तो विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ। वहाँ सरकारी योजनाओं और नई तकनीकों का पूरा ब्योरा मिलेगा। ये उपाय छोटे-बड़े हर किसान के लिए हैं।
मुनाफे का हिसाब
मान लीजिए, एक हेक्टेयर में धान की फसल से 40-50 क्विंटल पैदावार होती है। खरपतवारों से 20-30% नुकसान यानी 10-15 क्विंटल कम। 2,000 रुपये क्विंटल के हिसाब से 20-30 हजार का घाटा। इन उपायों से ये नुकसान बचेगा। मल्चिंग और जुताई में 5-7 हजार खर्च होंगे, लेकिन 20-30 हजार की बचत होगी। सहफसली से अतिरिक्त कमाई अलग। सही कदम उठाएँ, फसल बचाएँ और मुनाफा बढ़ाएँ!
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